भारत में संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान बांग्लादेश में हिंदू समुदाय और विशेष रूप से इस्कॉन के भक्तों पर हो रहे हमलों का मुद्दा जोर पकड़ गया। मथुरा से बीजेपी सांसद हेमा मालिनी ने इस पर गहरी चिंता जताते हुए इसे केवल विदेशी संबंधों का मुद्दा नहीं, बल्कि भारतीय कृष्ण भक्तों की भावनाओं का मामला बताया। हेमा मालिनी ने कहा कि बांग्लादेश में चल रहे अत्याचारों पर भारत को सख्त कदम उठाना चाहिए। सांसद ने कहा है कि हिंदू समुदाय की सुरक्षा सुनिश्चित की जानी चाहिए।
बांग्लादेश हिंसा पर हेमा मालिनी का बयान
हेमा मालिनी ने बुधवार को लोकसभा में कहा है कि यह सिर्फ एक विदेश नीति का मसला नहीं, बल्कि हमारे कृष्ण भक्तों की भावनाओं का सवाल है। उनका यह बयान संसद में बांग्लादेश हिंसा को लेकर चल रही सियासी गरमा-गर्मी के बीच आया।
बांग्लादेश में हो रहे हमलों पर चिंता
हेमा मालिनी ने बांग्लादेश में हिंदू समुदाय पर हो रहे हमलों और इस्कॉन के अनुयायियों के साथ किए गए अत्याचारों की निंदा की। उन्होंने इस्कॉन के पुजारी चिन्मय कृष्ण दास की गिरफ्तारी का जिक्र किया है। हेमा मालनी ने कहा है कि जो शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रहे थे और उन पर राजद्रोह का आरोप लगाया गया। जो कि पूर्णतया अन्यायपूर्ण है।
चिन्मय कृष्ण दास की गिरफ्तारी पर प्रतिक्रिया
बीजेपी सांसद हेमा मालिनी ने कहा है कि चिन्मय कृष्ण दास के समर्थन में गवाही देने वाले दो व्यक्तियों की गिरफ्तारी को भी निंदनीय है। उन्होंने कहा, चिन्मय कृष्ण दास बांग्लादेश में मानवता की सेवा कर रहे थे। उनके साथ जो कुछ भी हुआ, वह अत्याचार है।
इस्कॉन और हिंदू समुदाय की सुरक्षा की मांग
हेमा मालिनी ने स्पष्ट रूप से कहा कि यह मामला केवल विदेश नीति का नहीं, बल्कि हमारी धार्मिक भावनाओं से जुड़ा हुआ है। उन्होंने बांग्लादेश सरकार से हिंदू समुदाय की सुरक्षा सुनिश्चित करने की मांग की और कहा कि हम धर्म पर किसी भी प्रकार के अत्याचार को बर्दाश्त नहीं करेंगे।
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