बांग्लादेश हिंसा : नरसंहार के आरोपों की जांच शुरू, शेख हसीना की बढ़ सकती हैं मुश्किलें

इंटरनेशनल क्राइम्स ट्रिब्यूनल ने पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना और 9 अन्य के खिलाफ नरसंहार और मानवता के खिलाफ अपराध के आरोपों जांच करना शुरू हो गई है। छात्रों ने आंदोलन के दौरान उनकी सरकार पर आरोप लगाए थे।

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Ravi Singh
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बांग्लादेश में हुए तख्तापलट के बाद इंटरनेशनल क्राइम्स ट्रिब्यूनल ने पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना और 9 अन्य के खिलाफ नरसंहार और मानवता के खिलाफ अपराध के आरोपों जांच करना शुरू हो गई है। छात्रों ने आंदोलन के दौरान उनकी सरकार पर आरोप लगाए थे।

शेख हसीना समेत अन्य नेताओं के खिलाफ शिकायत

इंटरनेशनल क्राइम्स ट्रिब्यूनल की जांच एजेंसी में बुधवार 14 अगस्त को हसीना, अवामी लीग के महासचिव और पूर्व सड़क परिवहन और पुल मंत्री ओबैदुल कादर, पूर्व गृह मंत्री असदुज्जमां खान कमाल और पार्टी के कई अन्य प्रमुख लोगों के खिलाफ शिकायत दर्ज की गई थी। 76 साल की शेख हसीना अभूतपूर्व सरकार विरोधी छात्र-नेतृत्व वाले विरोध प्रदर्शनों के बीच इस्तीफा देकर 5 अगस्त को भारत आ गई थीं। याचिका में हसीना के नेतृत्व वाली अवामी लीग और उसके संबद्ध संगठनों के नाम भी शामिल हैं। याचिका कक्षा 9 के छात्र आरिफ अहमद सियाम के पिता बुलबुल कबीर ने दायर की है, जिसकी भेदभाव विरोधी छात्र आंदोलन के दौरान हत्या की गई थी।

छात्र प्रदर्शनकारियों पर हिंसक कार्रवाई

वकील का कहना है कि (आईसीटी-बीडी) जांच एजेंसी ने आरोपों की समीक्षा हो रही है। बांग्लादेश में नरसंहार और मानवता के खिलाफ अपराध के आरोप को एक मामले के रूप में दर्ज किया गया है। हसीना और अन्य पर छात्र प्रदर्शनकारियों पर शिकायत में हिंसक कार्रवाई करने का आरोप है, जिसके परिणामस्वरूप बड़े पैमाने पर लोग हताहत हुए और मानवाधिकारों का उल्लंघन हो गया।

ट्रिब्यूनल में पेश किए गए सबूत

इस जांच के परिणाम की प्रगति ट्रिब्यूनल को 7 दिनों के भीतर सूचित कर दी जाएगी, जिसका गठन मूल रूप से 1971 के मुक्ति संग्राम के दौरान पाकिस्तानी सैनिकों के बंगाली भाषी कट्टर सहयोगियों पर मुकदमा चलाने के लिए किया गया था। ट्रिब्यूनल कानून की माने तो वादी और अन्य गवाहों के अलावा 16 जुलाई से 6 अगस्त तक विभिन्न मीडिया में प्रकाशित रिपोर्ट को आवश्यक डॉक्यूमेंट पेश किए गए थे। बुधवार 14 अगस्त को हसीना और उनके मंत्रिमंडल के पूर्व मंत्रियों सहित कई अन्य लोगों के खिलाफ 2015 में एक वकील के अपहरण के आरोप में जबरन गायब करने का केस दर्ज किया गया था। मंगलवार को हसीना और 6 अन्य के खिलाफ पिछले महीने हिंसक झड़पों के दौरान एक किराना दुकान के मालिक की मौत के मामले में हत्या का केस दर्ज किया थ। जिसके बाद शेख हसीना की सरकार गिर गई थी

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