Bhopal. मप्र के रायसेन जिले के सिलवानी में आज उस समय हड़कंप मच गया जब सुबह करीब 10 बजे एनआईए (NIA) की टीम छापेमारी करनी पहुंची। जानकारी के अनुसार सिलवानी के वार्ड नं.12 में दिल्ली से आई टीम ने नावेद मंसूरी S/o शफीक मंसूरी के घर में छापा मारा। इस दौरान टीम ने घर में बड़े स्तर पर छानबीन करते हुए अनेक दस्तावेज देखे। दूसरी ओर इस कार्रवाई के बाद वहां अफरातफरी का माहौल बन गया। एनआईए की टीम ने थाने में हिरासत में लेकर पिता-पुत्र से करीब 1 घंटे तक पूछताछ भी की। दोनों के मोबाइल से कॉल डिटेल(mobile call details) निकाली। इससे पहली उनके घर में करीब 3 घंटे तक छापेमारी की गई। सभी वस्तुओं की गहनता से जांच की गई। पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार शफीक मंसूरी का बेटा भोपाल में मदरसे में पढ़ता है। उसके कुछ दोस्तों से एनआईए ने पूछताछ की है उसी के आधार पर नावेद से पूछताछ की गई है। हालांकि कुछ देर के बाद उन्हें छोड़ दिया। फिलहाल एनआईए कुछ भी कहने से बच रही है लेकिन इस छापेमारी से एक बार फिर यह चर्चा जोर पकड़ने लगी है कि क्या मप्र आंतकियों की पनाहहगार बन गया है क्या, अर्थात मप्र आतंकियों के लिए सेफ जोन बन गया है। शांति का टापू कहे जाने वाले मप्र में इस तरह के मामले सामने आना काफी चिंता का विषय है। खासकर मालवा निवाड़ में सिमी और अन्य आतंकी संगठनों(terrorist organizations) की सक्रियता से सरकार की भी नींद उड़ी हुई है। इन इलाकों में जांच एजेंसियों की लगातार छापेमारी जारी है। समय-समय पर इन इलाकों से एजेंसियों को बड़ी सफलताएं भी मिली हैं।
महाराष्ट्र समेत 6 राज्यों छापेमारी, ISIS से जुड़ा है मामला
एनआईए ने आज देश के 6 राज्यों में ISIS से जुड़े मामले में छापे मारे हैं। महाराष्ट्र के कोल्हापुर और नांदेड़ जिले में छापे मारा गया। राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने देश के 6 राज्यों के 13 ठिकानों परISIS से जुड़े मामले में छापे मारे हैं। महीने भर में एनआईए की यह दूसरी बड़ी कार्रवाई है। राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने इसी सिलसिले में उत्तर प्रदेश के सहारनपुर से देवबंद के एक मदरसे में पढ़ने वाले स्टूडेंट को भी पकड़ा है। फारुख नाम का यह स्टूडेंट कर्नाटक का रहने वाला है। फारुख को खूंखार आतंकी संगठन के वाट्सअप ग्रुप से जुड़ा हुआ बताया जा रहा है. एनआईए ने छह राज्यों के जिन 13 ठिकानों पर सर्च ऑपरेशन चलाया है उनमें महाराष्ट्र के कोल्हापुर और नांदेड़ जिले, उत्तर प्रदेश का देवबंद जिला, मध्य प्रदेश के भोपाल और रायसेन जिले, गुजरात के भरुच, सूरत, नवसारी और अहमदाबाद, बिहार का अररिया जिला, कर्नाटक के भटकल और तुमकुर जिले शामिल हैं।
आतंकी गतिविधियों से जुड़े दस्तावेज हाथ लगे
इन छापेमारियों में एनआईए के हाथ कई दस्तावेज और सबूत हाथ लगे हैं, जिससे छापेमारी वाले ठिकानों से आंतकी गतिविधियों के जुड़ाव होने की बात सामने आ रही है। आईएसआईएस से जुड़ी गतिविधियों(ISIS related activities) को लेकर एनआईए ने यह केस 25 जून को दर्ज किया था।
देवबंद से फिर एक संदिग्ध पकड़ाया
15 अगस्त से पहले एनआईए की ओर से यह बड़ी कार्रवाई की गई है। स्थानीय पुलिस ने इस बारे में किसी भी तरह की जानकारी होने से इनकार किया है। यूपी के देवबंद से जिस फारुख नाम के संदिग्ध को पकड़ा गया है वो कर्नाटक से यहां आकर नाम बदल कर रहा था. पकड़े गए इस युवक को किसी एकांत जगह में ले जाकर पूछताछ की जा रही है। यह युवक देवबंद में इस्लामिक तालीम हासिल कर रहा था। उसे कई भाषाओं का जानकार बताया जा रहा है। सीरिया में हुए बम धमाकों में भी उसके संबंध होने की बात सामने आ रही है। गुप्त सूचना के आधार पर सुबह चार बजे एनआईए और यूपी एटीएस की टीम ने मिल कर फारुख को पकड़ा है। इससे पहले 13 मार्च को भी यूपी एटीएस ने इनामुल हक नाम के एक संदिग्ध को यहीं से पकड़ा था। उसे लश्कर के आतंकियों से जु़ड़ा हुआ पाया गया था।
रतलाम में अल सूफा संगठन सक्रिय
मध्यप्रदेश में आतंकवादी संगठनों की गतिविधियां बढ़ रही हैं। कुछ समय पूर्व एटीएस की टीम ने बांग्लादेश के प्रतिबंधित और सक्रिय आतंकी संगठन जमात-उल-मुजाहिदीन बांग्लादेश (जेएमबी) के चार आतंकियों को गिरफ्तार किया था। रतलाम में अल सूफा संगठन सक्रिय है। इस संगठन की स्थापना रतलाम में 2012-13 में हुई थी. इस संगठन से जुड़े लोगों ने रतलाम में हिंदू संगठन से जुड़े तीन लोगों की हत्या की थी।
सिमी-अलसूफा कनेक्शन
इस्लामिक स्टूडेंट मूवमेंट ऑफ इंडिया (सिमी) के नाम से आतंकवादी संगठन को उज्जैन जिले के महिदपुर निवासी सफदर नागौरी ने खड़ा किया था। इसे आगे बढ़ाने के लिए रतलाम में 2012 में सफदर के साथ असजद द्वारा अलसूफा को खड़ा किया गया था। इस दौरान नागौरी जेल में था। तब उसके साथी सैयद सलाउद्दीन ने पाकिस्तान से फंडिंग की।
सुरक्षा एजेंसियों के रडार पर खंडवा
सिमी का गढ़ माने जाने वाले खंडवा पर भी मुख्य सुरक्षा एजेंसी इंटेलिजेंस ब्यूरो के अलावा एटीएस की भी नजर है। विशेष रूप से सिमी मामलों में आरोपितों पर नजर रखी जा रही है। कोतवाली क्षेत्र में इनकी सक्रियता पहले से रही है। सिमी मामलों में आरोपित कु छ ही समय पहले जमानत पर बाहर आए हैं।
ये हैं मामले
-28 नवंबर 2009 को तीन पुलिया में सिमी आतंकी अबू फै जल निवासी मुंबई, मेहताब निवासी बुरहानपुर, शेख मेहबूब निवासी गणेश तलाई, जाकिर हुसैन, मोहम्मद एजाजुद्दीन, अकील खिलजी और असलम ने एटीएस जवान सीताराम यादव की गोली मारकर हत्या कर दी थी। हत्या कर भागते समय दो लोगों को भी गोली मारकर मौत के घाट उतार दिया था।
-एक अक्टूबर 2013 को सिमी सदस्य अमजद, जाकीर, मेहबूब, असलम और एजाजुद्दीन जेल से फरार हो गए थे।
उज्जैन में सिमी के स्लीपर सेल अब भी सक्रिय!
प्रतिबंधित संगठन स्टुडेंट ऑफ इस्लामिक मूवमेंट इंडिया (सिमी) उज्जैन का गढ़ रहा है।आईबी सूत्रों के अनुसार उज्जैन में सिमी से जुड़े 42 संदिग्धों सदस्य अब भी सक्रिय हैं। इसके अलावा 22 ऐसे स्लीपर सेल भी हैं, जो किसी भी आतंकी हमले के लिए सुविधाएं जुटा सकें। वहीं सिमी की महिला विंग शाहिन भी एक्टिव मानी जाती है। सिमी सरगना सफदर नागौरी भी उज्जैन के महिदपुर तहसील का रहने वाला है। कमरूद्दीन, आमिल परवेज उज्जैन से ही जुड़े हुए हैं। हालांकि तीनों वर्तमान में भोपाल जेल में बंद हैं। सिमी के स्लीपर सेल खासतौर पर उज्जैन, खाचरौद, उन्हेल, नागदा व महिदपुर में सक्रिय हैं।
महिला विंग भी
सिमी की महिला विंग शाहिन भी उज्जैन में ही बनाई गई थी। वर्ष 1999 में बेगमबाग क्षेत्र निवासी शबनम कुरैशी ने विंग बनाकर महिलाओं को इसमें जोड़ा था। शबनम आंतकी आमिल परवेज की पत्नी है। उस पर महिलाओं का ब्रेनवॉश कर उन्हें आतंकी हमले की ट्रेनिंग देने का आरोप है।
'स्लीपिंग सेल' का पनाहगार बना मध्य प्रदेश
मध्य प्रदेश का मालवा क्षेत्र पिछले कुछ वर्षो से प्रतिबंधित संगठन इस्लामिक स्टूडेंट मूवमेंट ऑफ इंडिया (सिमी) का गढ़ बना हुआ है। यही कारण है कि इंदौर के अलावा उज्जैन, धार, खंडवा, बुरहानपुर में इस संगठन से जुड़े लोगों की गतिविधियां समय-समय पर सामने आती रहती हैं। उज्जैन का उन्हैल ऐसा इलाका है जहां के कई युवा सिमी के लिए काम करने के आरोप मे पकड़े जा चुके हैं। सूत्रों का दावा है कि सिमी के सरगना ने यहां के कई युवाओं को बहकाने का काम किया है। दूसरी ओर आतंकी गतिविधियों में शामिल अपराधियों का मध्यप्रदेश में पकड़ा जाना और उनके द्वारा किसी तरह की वारदात को अंजाम न देने से एक बात जाहिर होती है कि आतंकी अपना वक्त बिताने के लिए यहां आते हैं। मालवा में काम करने वाले 'स्लीपिंग सेल' आतंकी गतिविधियों की रणनीति भी यहीं बनाते हैं। यह बात कई बम धमाकों से जाहिर भी हो चुकी है। पुलिस अधिकारी इसे मानते हैं लेकिन खुले तौर पर इसे स्वीकार नहीं करते।
मप्र में खुलेगी NIA की ब्रांच
पिछले कुछ सालों में मध्य प्रदेश आतंकी गतिविधियों की वजह से सुर्खियों में रहा है। साल 2016 में भोपाल में सिमी जेल ब्रेक हुआ था। इसके बाद भोपाल के ऐशबाग इलाके से बांग्लादेशी मूल के आतंकी पकड़े गए थे, जिसके बाद अब यहां एनआईए की ब्रांच खोलने की तैयारी की जा रही है। प्रदेश के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा के मुताबिक NIA की ब्रांच भोपाल में खोली जाएगी। मध्य प्रदेश में खोली जा रही NIA की ब्रांच सूफा और JMB जैसे आतंकी संगठनों की गतिविधियों की जांच करेगी। पिछले कुछ सालों में सिमी जेल ब्रेक हुआ था। इसके बाद हाल ही में भोपल के ऐशबाग इलाके से बांग्लादेशी मूल के आतंकी पकड़े गए थे. साथ ही राजस्थान ATS ने रतलाम से आतंकियों को गिरफ्तार किया था।
ऐशबाग में पकड़े गए थे आतंकी
13 मार्च 2022 को प्रदेश की राजधानी भोपाल के ऐशबाग थाने से करीब 200 मीटर दूर फातिमा मस्जिद के पास बनी अहमद अली कॉलोनी के एक मकान से रात के समय आतंकियों को गिरफ्तार किया गया था. यहां से 2 संदिग्धों को हिरासत में लिया गया था। जबकि 4 अन्य को दूसरे इलाके से उठाया गया। संदिग्धों को उठाने के बाद कमरे को सील कर दिए गए। ATS के मुताबिक भोपाल से जिन 4 लोगों को गिरफ्तार किया गया वे सभी बांग्लादेशी मूल के थे। सभी यहां जमात-ए-मुजाहिदीन बांग्लादेश संगठन के लिए स्लीपर सेल तैयार कर रहे थे। भारत सरकार ने इस संगठन को प्रतिबंधित किया हुआ है। पकड़े गए संदिग्ध जेहादी गतिविधियों में संलिप्त थे और स्लीपर सेल तैयार कर रहे थे।