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NEW DELHI. देश में अल्पसंख्यक छात्रों की केंद्रीय छात्रवृत्ति योजना में 21 राज्यों का बड़ा घोटाला सामने आया है। इन राज्यों में फर्जी लाभार्थी, फर्जी संस्थान और फर्जी नामों से बैंक खाते सामने आए हैं। केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने सीबीआई जांच की बात कही है। बता दें कि 1572 अल्पसंख्यक संस्थानों की जांच में 830 संस्थान फर्जी पाए गए जिनमें 144 करोड़ रुपए का घोटाला हुआ है।
छत्तीसगढ़ में सभी 62 संस्थान फर्जी
अलसंख्यक मंत्रालय ने 10 जुलाई को सीबाआई से शिकायत की थी। 34 राज्यों के 100 जिलों में मंत्रालय ने अंतरिक जांच कराई। जांच में
इस घोटाले का सच सामने आया। इस जांच के दौरान 21 राज्यों के 1572 संस्थानों में जांच की गई, जिनमें 830 संस्थानों में 53 प्रतिशत फर्जी अभ्यर्थी मिले। छत्तीसगढ़ में सभी 62 संस्थानों फर्जी पाए गए। राजस्थान के 128 संस्थानों में से 99 संस्थान नॉन ऑपरेशनल पाए गए। वहीं, असम के 68 प्रतिशत, कर्नाटक के 64, यूपी में 44 और बंगाल में 39 प्रतिशत संस्थान फर्जी पाए गए। केरल के मल्लापुरम के एक बैंक ने 66 हजार छात्रवृत्तियां दीं जो कि अल्पसंख्यक छात्रों की पंजीकृत संख्या से ज्यादा है। जम्मू-कश्मीर के एक कॉलेज में 5000 छात्रों ने पंजीकन किया जबकि छात्रवृत्तियों की कुल संख्या 7,000 है। ऐसे ही अन्य संस्थानों के नाम सामने आए।
अल्पसंख्यक छात्रों के लिए केंद्र ने वर्ष 2007-8 में 2021-22 तक 22 हजार 500 करोड़ रुपए जारी करने के आदेश दिए थे। 1.80 लाख संस्थाओं के जरिए यह राशि जरूरतमंद छात्रों को मिलती है और इस वर्ष करीब 20 लाख आवेदन किए गए हैं। अब सीबीआई को जांच सौंपी गई है।