चार धाम यात्रा को लेकर उत्तराखंड के पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने बड़ी जानकारी दी है। सतपाल महाराज ने कहा है हमने कोई पंजीकरण अनिवार्य नहीं किया है, जो स्वैच्छिक पंजीकरण करवाना ( voluntary registration ) चाहते हैं। वो करा सकते हैं। यात्रा सामान्य चल रही है। धीरे-धीरे पर्यटकों और श्रद्धालुओं के आने की संख्या बढ़ेगी। सतपाल महाराज ने कहा है कि हमें पूरी उम्मीद है कि छुट्टियों के बाद श्रद्धालुओं की संख्या में तेजी से इजाफा होगा । अभी संभवत: छुट्टियों की वजह से श्रद्धालु चारधाम यात्रा पर जाने से परहेज कर रहे हैं।
बारिश के चलते पड़ा था व्यवधान
बद्रीनाथ और केदारनाथ जाने वाले मार्गों पर बारिश की वजह से भूस्खलन की खबरें आई थीं, जिससे यात्रियों को काफी दिक्कतें हुई थीं। चार धाम यात्रा हर साल अप्रैल-मई में शुरू होकर अक्टूबर-नवंबर में बंद हो जाती है। यहां जाने के लिए बायोमेट्रिक पंजीकरण ( biometric registration ) मांगा जाता है।
ये हैं चार धाम
उत्तराखंड के चार धाम में गंगोत्री, यमुनोत्री, बद्रीनाथ और केदारनाथ धाम शामिल है। यहां मानसून से पहले काफी श्रद्धालु पहुंचे थे, लेकिन मानसून की वजह से इसमें कुछ व्यवधान आया।
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