बिहार में अजीबोगरीब घटना : कुत्ते को मिला निवास प्रमाण पत्र, सोशल मीडिया पर वायरल सर्टिफिकेट

बिहार के पटना जिले में एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जिसमें मसौढ़ी में कुत्ते का नाम और तस्वीर एक निवास प्रमाण पत्र में शामिल किया गया है। यह सरकारी दस्तावेज़ों में खामियों को उजागर करता है।

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Manya Jain
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बिहार के पटना जिले में एक अजीबोगरीब और हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है, जो चर्चा का विषय बन चुका है।

यह मामला विशेष रूप से उस निवास Documents से जुड़ा है, जिसमें एक कुत्ते का नाम और उसकी तस्वीर भी लगी हुई है।

इस प्रमाण पत्र के जरिए यह बात सामने आई कि कैसे बिहार के मसौढ़ी में एक कुत्ते को भी सरकारी दस्तावेज मिल सकता है।

हालांकि यह मामला गंभीर कदाचार और सिस्टम में खामियों को उजागर करता है, लेकिन इसे लेकर सोशल मीडिया पर खूब मजाक उड़ाया जा रहा है।

Patna Dog Address Proof: गजब! बिहार में 'कुत्ते' का निवास प्रमाण पत्र हुआ  जारी; नाम 'डॉग बाबू' सन ऑफ 'कुत्ता बाबू'

'डॉग बाबू' का नाम वाला प्रमाण पत्र 🐾

Bihar के पटना जिले के मसौढ़ी अंचल कार्यालय के RTPS (Real-Time Public Service) पोर्टल से एक ऐसा  Residence evidence पत्र जारी हुआ, जिसे देखकर लोग हैरान रह गए।

इस प्रमाण पत्र में नाम दर्ज है "डॉग बाबू", पिता का नाम "कुत्ता बाबू", और माता का नाम "कुतिया बाबू" है। इसके अलावा, कुत्ते की तस्वीर भी प्रमाण पत्र पर मौजूद है।

यह सब किसी फिल्म की स्क्रिप्ट जैसा लगता है, लेकिन यह सच है और पूरी तरह से सिस्टम से निकला हुआ दस्तावेज है।

राजस्व पदाधिकारी की डिजिटल सिग्नेचर पर सवाल 🤔

इस दस्तावेज़ में मसौढ़ी अंचल कार्यालय के राजस्व पदाधिकारी मुरारी चौहान की डिजिटल सिग्नेचर भी मौजूद है। यानी यह कोई मजाक नहीं, बल्कि एक आधिकारिक दस्तावेज़ है, जो पूरी तरह से RTPS सिस्टम से जारी किया गया है।

सूत्रों के अनुसार, बिना राजस्व पदाधिकारी के डोंगल (डिजिटल सिग्नेचर) के यह दस्तावेज़ जारी नहीं हो सकता। तो सवाल उठता है कि इस डोंगल का गलत इस्तेमाल कैसे हुआ?

क्या किसी ने ऑफिस में बैठे-बैठे 'डॉग बाबू' का नाम दर्ज कर दिया? या फिर सिस्टम ने खुद ही यह मजाक कर दिया?

दिल्ली से जुड़ी जांच और रहस्य 🔍

जब इस प्रमाण पत्र के नंबर को RTPS पोर्टल पर सर्च किया गया, तो पता चला कि यह असल में दिल्ली की एक महिला के नाम से जुड़ा था।

दस्तावेजों में आधार और पति के प्रमाण भी जुड़े हैं, जो साफ बताते हैं कि किसी ने सिस्टम को चकमा दिया और गलत जानकारी दर्ज कर दी।

इस मामले में अब जांच की जा रही है कि कैसे यह गलती हुई और क्या यह किसी की जानबूझकर की गई गलती थी या सिस्टम की कोई खामी थी।

अंचलाधिकारी की कार्रवाई का आश्वासन 🚨

इस मामले पर प्रतिक्रिया देते हुए अंचलाधिकारी प्रभात रंजन ने मीडिया से कहा कि यह कोई मजाक नहीं, बल्कि एक गंभीर कदाचार है।

उन्होंने साफ कहा कि राजस्व पदाधिकारी के डोंगल का गलत इस्तेमाल कैसे हुआ, इसकी जांच की जाएगी और दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

 अंचलाधिकारी ने यह भी कहा कि RTPS ऑपरेटर से लेकर हर उस कर्मचारी पर एफआईआर होगी, जिसने इस मामले में योगदान दिया है।

सोशल मीडिया पर हंसी-मजाक📱

यह मामला अब Social Media पर जमकर चर्चा में है। लोग मजाकिया अंदाज में कह रहे हैं कि अगर 'डॉग बाबू' को प्रमाण पत्र मिल सकता है, तो भविष्य में शायद 'बिल्ली दीदी' को राशन कार्ड और 'गाय माता' को ड्राइविंग लाइसेंस मिल जाए।

सोशल मीडिया पर लोग इस पर चुटकियां ले रहे हैं और कह रहे हैं कि RTPS सिस्टम को अब एंटी वायरस की जरूरत है, क्योंकि यह कुत्ते के नाम पर भी डेटा एक्सेप्ट कर रहा है।

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