New Delhi. ओडिशा में सत्ताधारी बीजू जनता दल ने दिल्ली सेवा बिल पर सरकार का समर्थन करने का ऐलान किया है। आमतौर पर केंद्र में सत्ताधारी एनडीए और विपक्ष दोनों से दूरी रखने वाली बीजेडी समय-समय पर तटस्थ रहने का दावा करती है लेकिन जब भी एनडीए को किसी दूसरे दल के सपोर्ट की जरूरत होती है तब बीजेडी आगे आकर सरकार का समर्थन कर देती है। इससे पहले धारा 370 हटाने, ट्रिपल तलाक और नागरिकता संशोधन बिल पर भी बीजेडी सरकार को समर्थन दे चुकी है।
ओडिशा के विकास के लिए सब मंजूर
राजनीतिक पंडित मानते हैं कि बीजेडी के नेता नवीन पटनायक की महत्वाकांक्षा सिर्फ और सिर्फ ओडिशा तक ही सीमित है। उनकी पार्टी का ध्यान इस बात पर रहता है कि राज्य को मिलने वाले फंड न रुकें, जिससे विकास कार्य में कोई बाधा न आए। यही कारण है कि अक्सर बीजेडी एनडीए को सपोर्ट कर देता है। वैसे भी एनडीए में लंबे समय तक बीजू जनता दल सहयोगी दल की भूमिका में रहा।
2009 में पकड़ी थी अलग राह
बता दें कि 2007-08 में ओडिशा में हिंसक घटनाओं के बाद बीजेपी और बीजेडी में खाई बढ़ती चली गई। इन हिंसक घटनाओं में ईसाई समाज को निशाना बनाया गया था। बीजेडी ने इसके बाद सेक्युलरिज्म के नाम पर 2009 में एनडीए को छोड़कर अलग राह पकड़ ली थी। लेकिन अनेकों बार नवीन पटनायक ने एनडीए सरकार का समर्थन भी किया।
ओडिशा के खातिर ही छोड़ा था एनडीए
राजनीतिक पंडितों की मानें तो 2009 के वक्त कांग्रेस केंद्र में सत्तानशीन थी। उस वक्त भी बीजेडी ने ओडिशा को मिलने वाले फंड की खातिर एनडीए से राजनैतिक तलाक लिया था। एनडीए सदस्य होने के कारण ओडिशा को मिलने वाले फंड में कटौतियां हो रही थीं। दूसरी ओर नवीन पटनायक को यह भी खतरा लग रहा था कि बीजेपी उनका हाथ थामकर ओडिशा में ही सेंधमारी न कर दे।
कांग्रेस विरोध से जन्मी थी पार्टी
बता दें कि बीजू पटनायक ने 1969 में कांग्रेस छोड़ी थी और उत्कल कांग्रेस का गठन किया था। इस पार्टी का विलय बाद में भारतीय लोक दल में हो गया। बाद में नवीन पटनायक ने बीजू जनता दल के नाम से पार्टी बनाई थी। शुरुआत से ही यह दल बीजेपी के साथ गठबंधन में रहा और कभी कांग्रेस को समर्थन नहीं दिया।