BENGALURU. कर्नाटक में स्कूलों के सिलेबस से राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (RSS) के संस्थापक डॉक्टर केशव बलिराम हेडगेवार से जुड़े चैप्टर जल्द जटाए जाएंगे। कांग्रेस सरकार ने इसकी प्रक्रिया भी शुरू कर दी है। स्वास्थ्य मंत्री दिनेश गुंडू राव ने कहा कि सिलेबस के अलावा RSS और बीजेपी से जुड़े संगठनों को दिए गए जमीनों की भी हम जांच करवाएंगे। राव ने 9 जून (शुक्रवार) को कहा कि हमारे पास ऐसे लोगों की कहानियां होनी चाहिए, जिन्होंने वास्तव में राष्ट्र निर्माण में योगदान दिया है। उन्होंने बीजेपी पर तंज कसते हुए कहा- बीजेपी ने अपने वैचारिक मुद्दों को स्कूलों के सिलेबस में डालने की कोशिश की है, जो सही नहीं है। इसलिए हमारी सरकार इसमें सुधार करेगी।
कांग्रेस ने चुनावी घोषणापत्र में किया था जिक्र
कर्नाटक के शिक्षा मंत्री मधु बंगारप्पा ने कहा कि इसी साल से स्कूली किताबों का सिलेबस बदला जाएगा। बदलाव बच्चों बच्चों के भविष्य को ध्यान में रखकर किया जा रहा है। कांग्रेस ने चुनावी घोषणापत्र में ही इसका जिक्र किया था। मधु बंगारप्पा घोषणापत्र समिति के उपाध्यक्ष थे।
मधु बंगारप्पा ने कहा कि किताबों में क्या बदलाव करने हैं, टेक्निकल कमेटी की ओर से अभी तक इसके लिए कोई सिफारिश नहीं मिली हैं। समिति से जो सिफारिश मिलेगी उस पर कैबिनेट चर्चा करेगी। इस प्रक्रिया में 10 से 15 दिन लगेंगे। हम कोशिश कर रहे हैं कि यह काम जल्दी हो जाए।
कांग्रेस बोली- बच्चों के दिमाग में जहर नहीं घुलने देंगे
कर्नाटक में सरकार बनाने के कुछ ही दिनों बाद कांग्रेस ने कहा था कि वे स्कूलों में पढ़ाए जाने वाली किताबों का सिलेबस बदलेंगे। कांग्रेस का कहना है कि पिछली सरकार में किताबों का सिलेबस बदला गया था, लेकिन हम बच्चों को ऐसा कंटेंट नहीं पढ़ने देंगे जो उनके दिमाग में जहर घोलें।
बीजेपी का विरोध, शिवसेना का निशाना
इधर, कांग्रेस के मंत्रियों के बयान पर केंद्रीय मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने कहा कि स्कूली सिलेबस से हेडगेवार का चैप्टर हटाना राज्य के युवाओं के साथ अन्याय होगा। वहीं, महाराष्ट्र में महा विकास अघाड़ी गठबंधन में शामिल उद्धव गुट के सांसद संजय राउत ने कहा कि कर्नाटक में कांग्रेस की सरकार है, वह कुछ भी कर सकती है।
इस पूरे मामले पर बीजेपी नेता सीएन अश्वथ नारायण ने कहा कि कांग्रेस को जल्दबाजी नहीं करनी चाहिए। उन्हें जनता ने चुना है, ऐसे में उनकी जिम्मेदारी है कि सभी वर्गों के हितों को ध्यान में रखकर फैसला करें।