New Delhi. तूफान के चलते गुजरात और मुंबई के तटीय इलाकों में आंधी-बारिश का दौर जारी है, जिसमें पांच लोगों की मौत की खबर है। गुजरात के तटीय जिलों- कच्छ, पोरबंदर, द्वारका, जामनगर, जूनागढ़ और मोरबी के तूफान प्रभावित इलाकों से लोगों को निकालकर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा रहा है। अभी तक 8000 से ज्यादा लोगों को शिफ्ट किया जा चुका है। कच्छ-सौराष्ट्र में समुद्र तट से 10 किलोमीटर की सीमा में स्थित गांवों के 23 हजार लोगों को आज से शिफ्ट किया जाएगा। उधर, अमित शाह आज दिल्ली में राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के आपदा प्रबंधन विभाग के मंत्रियों के साथ बैठक करेंगे।
अरब सागर का चक्रवात बिपरजॉय अब भयंकर तूफान में तब्दील हो चुका है। भारतीय मौसम विभाग (आईएमडी) ने चक्रवात के लिए आरेंज अलर्ट जारी किया है। यह अभी तक 175 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से आगे बढ़ रहा है। फिलहाल यह पूर्व-मध्य अरब सागर में स्थित है। यह 15 जून की दोपहर तक सौराष्ट्र-कच्छ के पास तट से टकराएगा। तट से टकराने के दौरान हवा की गति 150 किलोमीटर प्रति घंटे तक रह सकती है। समुद्र में अभी से हलचल बढ़ने लगी है। सबसे ज्यादा खतरा गुजरात के तटीय जिलों पर है। ऐसे में गुजरात, महाराष्ट्र और राजस्थान के कुछ जिलों में अलर्ट जारी किया है। दूसरी ओर देश में सेना, एनडीआरएफ और स्थानीय प्रशासन ने कमर कस ली है। प्रभावित होने की आशंका वाले स्थानों पर टीमें तैनात कर दी गई हैं।
ऐसी है तैयारी
एनडीआरएफ ने 12 टीमें तैनात कर दी हैं, जो नौकाओं, पेड़ काटने वाली आरियों, संचार उपकरणों आदि से लैस हैं, वहीं 15 टीमों को आपात स्थिति के लिए तैयार रखा है।
भारतीय तटरक्षक बल और नौसेना ने राहत, तलाशी और बचाव अभियानों के लिए अपने पोत और हेलिकॉप्टर तैनात कर दिए हैं।
तटों के समीप निगरानी विमान और हेलिकॉप्टरों को तैनात किया गया है।
सेना, नौसेना और तटरक्षक बलों के आपदा राहत दलों और चिकित्सा टीमों को भी तैयार रखा गया है।
14 और 15 जून कई शहरों पर बहुत भारी
मौसम विभाग के अनुसार, देवभूमि द्वारका, पोरबंदर, कच्छ, जामनगर, राजकोट, मोरबी एवं जूनागढ़ के पास तीन से चार मीटर तक ऊंची लहरें उठ सकती हैं और 14-15 जून को भारी से बहुत भारी वर्षा हो सकती है। महाराष्ट्र के तटीय क्षेत्र एवं राजस्थान के पश्चिमी जिलों के लिए भी यह खतरनाक साबित होगा। तेज हवा के साथ बारिश की आशंका व्यक्त की गई है।
मोदी ने बैठक लेकर दिए निर्देश
चक्रवात से निपटने की तैयारियों को लेकर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सोमवार (12 जून) को उच्चस्तरीय बैठक कर संवेदनशील क्षेत्रों से लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने का निर्देश दिया। बैठक में प्रधानमंत्री ने बिजली, संचार, स्वास्थ्य और पेयजल जैसी सभी आवश्यक सेवाओं को बनाए रखने और इन्हें कोई क्षति पहुंचने पर तत्काल बहाल करने के निर्देश भी दिए।
सरकार अलर्ट- प्रशासनिक तंत्र को किया सक्रिय
गुजरात के मुख्यमंत्री के स्तर पर जिला प्रशासन के साथ समीक्षा बैठकें की गई हैं और आपात स्थिति से निपटने के लिए राज्य के पूरे प्रशासनिक तंत्र को सक्रिय कर दिया गया है। कैबिनेट सचिव और केंद्रीय गृह सचिव गुजरात के मुख्य सचिव और संबंधित केंद्रीय मंत्रालयों व एजेंसियों के निरंतर संपर्क में हैं। कैबिनेट सचिव ने भी राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन समिति की बैठक कर अब तक की गई तैयारियों की समीक्षा की।
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गुजरात में 8,000 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया
चक्रवात के मद्देनजर गुजरात में तटवर्ती क्षेत्रों से निकासी शुरू कर दी गई है। अधिकारियों ने बताया कि 7,500 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचा दिया गया है।
- पोरबंदर के 31 गांवों से 3,000 लोगों और देवभूमि द्वारका में 1,500 से ज्यादा लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है।
आईएमडी ने दिए खतरों के संकेत
- चक्रवात के जखाऊ बंदरगाह के पास टकराने का अनुमान है। जिस दिन यह चक्रवात सौराष्ट्र-कच्छ के पास टकराएगा उस दिन कई तरह के खतरों के संकेत हैं।