NEW DELHI. इस साल 5 राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनाव और लोकसभा चुनाव-2024 से पहले भारतीय जनता पार्टी (BJP) संगठन में बड़े बदलाव की कवायद में जुटी है। पार्टी की अंदरूनी राजनीति से जुड़े सूत्रों के अनुसार इस कवायद के तहत अगले कुछ ही दिनों में चुनावी राज्यों में प्रदेश प्रभारी और प्रदेश अध्यक्ष बदले जाएंगे। इस बदलाव के लिए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा और राष्ट्रीय संगठन महासचिव बीएल संतोष के साथ नई दिल्ली में मैराथन बैठक कर चुके हैं। सूत्रों की मानें तो प्रस्तावित बदलाव पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सहमति की मुहर लगते ही इस बारे में औपचारिक ऐलान कर दिया जाएगा।
प्रदेश प्रभारी और अध्यक्ष बदले जाएंगे
कर्नाटक विधानसभा चुनाव के नतीजों से चिंतित बीजेपी के आला नेताओं ने इस साल 5 राज्यों (मध्यप्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़, तेलंगाना, मिजोरम) में होने वाले विधानसभा चुनाव और अगले साल लोकसभा चुनाव के लिए एक्शन प्लान पर अमल की तैयारी शुरू कर दी है। बदलाव की रूपरेखा तैयार करने के लिए विगत 5 और 6 जून को पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा, गृह मंत्री अमित शाह और संगठन महासचिव बीएल संतोष के साथ कई दौर की बैठक कर चुके हैं। बताया जा रहा है कि इन बैठकों में केंद्रीय संगठन और राज्यों में नई टीमें तैयार करने पर विचार मंथन हुआ।
मध्यप्रदेश में बदलाव सरकार में कम संगठन में ज्यादा होगा
केंद्रीय संगठन में लंबे समय से महासचिव और उपाध्यक्ष के पद पर बने रहने वाले ज्यादातर नेताओं की विदाई तय मानी जा रही है। केंद्रीय संगठन में सभी खाली पदों को भी भरने के लिए संभावित नामों पर सहमति बन गई है। सूत्रों के मुताबिक अगले कुछ ही दिनों में पार्टी संगठन में बड़े बदलाव के साथ केंद्रीय मंत्रिमंडल और मध्यप्रदेश के मंत्रिमंडल में भी फेरबदल को अंजाम दिया जाएगा। मध्यप्रदेश में सरकार और संगठन दोनों के ही स्तर पर बदलाव अवश्यमंभावी माना जा रहा है। लेकिन ये बदलाव सरकार में कम और संगठन के स्तर पर ज्यादा होगा। चूंकि पार्टी नेतृत्व में प्रदेश में संगठन के कामकाज से संतुष्ट नहीं है। इसलिए वो बदलाव के लिए ज्यादा ऊर्जा प्रदेश में संगठन की शक्ति बढ़ाने में लगा रहा है। पार्टी के महासचिव कैलाश विजयवर्गीय को कोई महत्वपूर्ण भूमिका मिलना तय माना जा रहा है।
बड़े चेहरों को मिल सकती है अहम जिम्मेदारी
पार्टी सूत्रों के मुताबिक इस बैठक में कई राज्यों के प्रभारियों के बदलाव पर सहमति बनी। इसमें राजस्थान के साथ मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़ और उत्तर प्रदेश के प्रभारी बदले जाने के संकेत हैं। संगठन में बदलाव की कवायद में केंद्र सरकार में शामिल 2 बड़े चेहरों को लोकसभा चुनाव के मद्देनजर संगठन में जिम्मेदारी दी जा सकती है। मोदी सरकार में इन 2 बड़े चेहरों के रूप में केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान और वन एवं पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव का नाम लिया जा रहा है। इन दोनों में से एक को लोकसभा चुनाव की दृष्टि से बीजेपी के लिए सर्वाधिक महत्वपूर्ण उत्तर प्रदेश का प्रभारी बनाया जा सकता है। संगठन में अहम जिम्मेदारी के लिए तीसरा नाम गुजरात बीजेपी के अध्यक्ष सीआर पाटिल का भी लिया जा रहा है। बता दें कि धर्मेंद्र प्रधान को 2022 के विधानसभा चुनाव में यूपी का प्रभारी बनाया गया था। उन्होंने यूपी विधानसभा चुनाव में बेहतर प्रदर्शन किया था। भूपेंद्र यादव को भी संगठन में कार्य करने का लंबा अनुभव है। पाटिल ने गुजरात बीजेपी का प्रदेश अध्यक्ष रहते हुए विधानसभा चुनाव में पार्टी की बड़ी जीत सुनिश्चित करने में अहम भूमिका निभाई थी। चुनाव में उनके बूथ मैनेजमेंट की तारीख पीएम मोदी भी राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में कर चुके हैं। कई राज्यों के प्रदेश अध्यक्ष को भी बदलने पर सहमति बनी है।
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एनडीए के कुनबे में विस्तार की तैयारी
अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव के मद्देनजर बीजेपी की योजना एनडीए (राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन) का कुनबा बढ़ाने की भी है। इस कड़ी में तेलुगु देशम पार्टी और राष्ट्रीय लोक जनता दल, सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी से लगभग सहमति बन गई है। अकाली दल, विकासशील इंसान पार्टी, राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी से बातचीत की प्रक्रिया जारी है। पार्टी बिहार के हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (हम) और मुकेश सहनी की वीआईपी पार्टी के भी संपर्क में है। पार्टी की रणनीति इसी महीने तक इन सभी दलों को साधकर एनडीए के कुनबे को पहले की तरह बड़ा करने की है।