बीजेपी को सबसे तगड़ा झटका फैजाबाद सीट से लगा है। फैजाबाद सीट को अयोध्या सीट के नाम से जाना जाता है। फैजाबाद सीट पर सपा के अवधेश प्रसाद ने बीजेपी प्रत्याशी लल्लू सिंह को 4 लाख 81 हजार 04 वोट से हरा दिया है। सपा उम्मीदवार अवधेश प्रसाद को यहा से 5 लाख 52 हजार 177 वोट हासिल किए हैं। अयोध्या राम मंदिर निर्माण के मुद्दा बीजेपी के चुनाव-प्रचार का अहम हिस्सा भी रहे हैं इसके बाद भी उन्हें इस सीट से हार का सामना करना पड़ा है।
वहीं अगर हम बात करें भाजपा के दूसरे सीट कि यानी मेरठ सीट की तो यहां से चुनाव लड़ रहे और रामायण में राम की भूमिका निभाने वाले अरुण गोविल 5 लाख 46 हजार 469 वोटों के करीब हासिल कर जीत का परचम लहराया है। आइये अब अपको बताते हैं कि बीजेपी को अयोध्या से हार क्यों मिली।
बीजेपी का फोकस सिर्फ अयोध्या धाम पर
बीजेपी ने अयोध्या धाम के विकास पर सबसे ज्यादा फोकस किया था। सोशल मीडिया से लेकर चुनाव-प्रचार में अयोध्या धाम में हुए विकास कार्यों को बताया गया लेकिन बीजेपी ने अयोध्या के ग्रामीण क्षेत्रों पर बहुत ज्यादा ध्यान नहीं दिया था। वहीं अयोध्या धाम से अलग ग्रामीण क्षेत्र की तस्वीर बिल्कुल अलग रही। ग्रामीणों ने इसी आक्रोश के चलते बीजेपी के पक्ष में मतदान नहीं किया।
रामपथ निर्माण के समय तोड़े गए घर
अयोध्या में रामपथ के निर्माण के लिए जमीन का अधिग्रहण किया गया। कई लोगों के घर-दुकान भी तोड़े गए। निराशाजनक पहलू यह रहा कि कई लोगों को मुआवजा नहीं मिला। इसकी नाराजगी चुनाव परिणाम में साफ नजर आ रही है। कुछ ऐसी ही स्थिति चौदह कोसी परिक्रमा मार्ग के चौड़ीकरण में भी देखने को मिली। बड़ी संख्या में घर-दुकान तोड़े गए लेकिन प्रभावितों को उचित नहीं मिला।
स्थानीय प्रत्याशी लल्लू सिंह के प्रति नाराजगी
बीजेपी ने सांसद लल्लू सिंह पर भरोसा जताते हुए तीसरी बार चुनावी मैदान में उतारा था। इसी के साथ नया चेहरा ना उतरना ही बीजेपी को यहां भारी पड़ गया। लल्लू सिंह के खिलाफ स्थानीय लोगों को नाराजगी का अंदाजा पार्टी नहीं लगा पाई। नतीजतन बीजेपी को प्रतिष्ठित सीट गंवानी पड़ी। लल्लू सिंह ने चुनाव - प्रचार के दौरान संविधान बदलने का बयान भी दिया था। बयान पर काफी हो-हल्ला मचा था।