BENGALURU. कर्नाटक विधानसभा चुनाव 2023 के नतीजों से यह साफ हो गया है कि प्रदेश में कांग्रेस पार्टी का पलड़ा बीजेपी से भारी रहा। कर्नाटक में 36 मतगणना केंद्रों पर 224 विधानसभा के वोटों की गिनती अभी जारी है। अभी तक के रुझानों में कांग्रेस सत्ताधारी बीजेपी को करारी मात देकर पूर्ण बहुमत के साथ सत्ता में आती नजर आ रही है। दोपहर 12 बजे तक के रुझानों में बीजेपी 70 सीटों पर सिमटती हुई दिख रही है। वहीं कांग्रेस 122 सीट पर जीत दर्ज की है। बता दें कि हिमाचल प्रदेश के बाद कर्नाटक में भी बीजेपी की हार का बड़ा झटका लगा है। इस सियासी बदलाव का बड़ा मतलब निकाला जा रहा है। खासतौर पर बीजेपी के लिए बड़ी चिंता की बात है। आइए आपको बताते हैं किन 5 कारणों से बीजेपी को कर्नाटक में हार का सामना करना पड़ा।
क्या प्लान-B बीजेपी करेगी मंथन?
बीजेपी कर्नाटक के राजस्व मंत्री आर अशोक का बड़ा बयान सामने आया है। उनका दावा है कि इस बार ट्रॉफी हमारी होगी। सरकार बनाने का हमने प्लान-B भी तैयार किया है। उन्होंने कहा कि उनका प्लान-B अलग है। पार्टी जल्दबाजी में नहीं है। वह रिजल्ट देखने के बाद ही कुछ फैसला लेंगे। हालांकि, उन्होंने इस प्लान के बारे में ज्यादा नहीं बताया और कहा कि राजनीति और युद्ध में कोई भी अपनी सभी रणनीतियों को खुले में नहीं बताता है। उन्होंने कहा इस बार 'ट्रॉफी हमारी है।
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इस साल 5 राज्यों में होने हैं विधानसभा चुनाव
कर्नाटक के बाद अब 5 राज्यों में विधानसभा चुनाव होने हैं। इनमें राजस्थान, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, मिजोरम और तेलंगाना शामिल है। इसके अलावा अगले साल यानी 2024 में लोकसभा चुनाव होने हैं। इसके बाद 7 राज्यों में चुनाव होने हैं। कुल मिलाकर अगले 2 सालों में लोकसभा के साथ-साथ 13 बड़े राज्यों के चुनाव होना हैं। इनमें कई दक्षिण के राज्य भी हैं।
इन कारणों से बीजेपी को मिली हार
- 4 गुटों में विभाजित हुई बीजेपी- कर्नाटक विधानसभा चुनाव में बीजेपी की हार का सबसे बड़ा कारण पार्टी के अंदर बने गुटबाजी बना है। जिसमें 1 मुख्यमंत्री पद से हटाए गए बीएस येदियुरप्पा का गुट था, 2. मौजूदा मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई का, 3. बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव (संगठन) बीएल संतोष और 4 बीजेपी प्रदेश नलिन कुमार कटील का था। इन सभी के बीच अंदर पावर गेम की लड़ाई चल रही थी।