2024 के लिए विपक्षी एकता के राग के बीच ''घर वापसी'' कैंपेन में जुटी बीजेपी, एनडीए से अलग हुए दलों को फिर साथ लाने की कवायद

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Sunil Shukla
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2024 के लिए विपक्षी एकता के राग के बीच ''घर वापसी'' कैंपेन में जुटी बीजेपी, एनडीए से अलग हुए दलों को फिर साथ लाने की कवायद

NEW DELHI. देश में अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव-2024 के लिए विपक्षी दलों की एकजुटता के प्रयासों के बीच भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) भी अपने पुराने सहयोगियों को फिर से साथ लाने की कोशिश में जुट गई है। इस लक्ष्य में उसकी कोशिश पहले एनडीए से नाता तोड़कर अलग हुए दलों को फिर से जोड़ने की है। तेलगु देशम पार्टी (टीडीपी) के नेता चंद्रबाबू नायडू की गृह मंत्री अमित शाह और बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से हालिया मुलाकात को इसी से जोड़कर देखा जा रहा है। बताया जा रहा है कि बीजेपी ने उत्तर प्रदेश में ओमप्रकाश राजभर की पार्टी सुभासपा और बिहार में चिराग पासवान के साथ मुकेश सहनी की वीआईपी को भी एनडीए में लाने के प्रयास तेज कर दिए हैं।



टीडीपी से तेलंगाना और आंध्र प्रदेश में गठबंधन



टीडीपी के अध्यक्ष चंद्रबाबू नायडू ने दिल्ली में शनिवार, 4 जून को केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह और बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा से मुलाकात की। माना जा रहा है कि 2024 के लोकसभा चुनाव में गठबंधन को लेकर तीनों नेताओं के बीच बातचीत हुई। माना जा रहा है कि तेलंगाना में इसी साल होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले बीजेपी और टीडीपी के चुनावी गठबंधन पर मुहर लग जाएगी। बीजेपी और टीडीपी न सिर्फ आंध्रप्रदेश में बल्कि तेलंगाना विधानसभा चुनाव और 2024 का लोकसभा चुनाव भी गठबंधन के तहत लड़ेंगे। आंध्र प्रदेश में टीडीपी बड़े भाई की भूमिका में होगी तो तेलंगाना में टीडीपी बीजेपी के छोटे भाई की भूमिका अदा करेगी।



2018 में टूटा था टीडीपी-बीजेपी गठबंधन



दरअसल, 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले 2018 में आंध्र प्रदेश को विशेष राज्य के दर्जे के मुद्दे पर नायडू की टीडीपी एनडीए से नाता तोड़कर अलग हो गई थी। बीजेपी-टीडीपी गठबंधन टूटने से आंध्र प्रदेश विधानसभा के साथ-साथ लोकसभा चुनाव में भी दोनों पार्टियों को खासा नुकसान उठाना पड़ा। विधानसभा चुनाव में टीडीपी को 23 और लोकसभा में 3 सीटें मिली थी जबकि बीजेपी अपना खाता भी नहीं खोल पाई थी। तेलंगाना में भी सियासी हश्र कुछ ऐसा ही हुआ था। यहां बीजेपी का सिर्फ एक तो टीडीपी के महज 2 विधायक जीते थे।



पीएम मोदी ने दिया था दोस्ती का हाथ बढ़ाने का संकेत



यहां बीजेपी और टीडीपी दोनों ही पार्टियां अपना सब कुछ गंवाने के बाद अब फिर साथ आने की कोशिशें करती नजर आ रही हैं। दोनों दलों के बीच पिछले साल दोबारा नजदीकियां बढ़नी शुरू हुईं। इसी साल दोनों दलों ने पोर्ट ब्लेयर नगर परिषद का चुनाव साथ लड़ा और अध्यक्ष पद के लिए उनके साझा उम्मीदवार एस सेल्वी जीतने में सफल रहे। इस सफलता के अब दोनों पार्टियों के नेता आगामी चुनावों में फिर से एक साथ उतरने के बारे में चर्चा कर रहे हैं। पीएम नरेंद्र मोदी ने भी पिछले महीने अपने रेडियो कार्यक्रम 'मन की बात' में एनटी रामाराव की जयंती पर उन्हें याद कर टीडीपी की तरफ फिर से दोस्ती का हाथ बढ़ाने का संकेत दिया था। उधर चंद्रबाबू नायडू भी पिछले कुछ दिनों से ये संकेत दे रहे हैं कि वे बीजेपी के साथ रिश्ता सुधारने की इच्छा रखते हैं। उन्होंने अप्रैल में पीएम मोदी को दूरदर्शी नेता बताते हुए कहा कि वे देश की प्रतिष्ठा को बनाए रखने का काम कर रहे हैं। उन्होंने खुद को पीएम मोदी की राष्ट्र निर्माण प्रक्रिया से जुड़ने का इच्छुक बताया था।



आंध्र में जनसेना को भी साधना चाहती है बीजेपी



बीजेपी आंध्र प्रदेश में टीडीपी के साथ दक्षिण भारतीय सिनेमा के सुपरस्टार पवन कल्याण (Pawan Kalyan) की जनसेना पार्टी (Jana Sena Party) को भी साधे रखना चाहती है। हालांकि बीजेपी और टीडीपी की बढ़ती नजदीकियों से जनसेना नाराज बताई जा रही है। बीजेपी चाहती है कि आंध्र प्रदेश में 3 दल मिलकर वाईएसआर कांग्रेस के खिलाफ चुनावी मैदान में उतरे और साथ ही जनसेना तेलंगाना में बीजेपी की मदद करे। वहीं जनसेना का आंध्र प्रदेश में अपना राजनीतिक आधार है, जिसका फायदा बीजेपी उसे साथ लेकर उठाना चाहती है।



पंजाब में अकाली दल के साथ सुलह का प्लान



दिल्ली बॉर्डर पर ऐतिहासिक किसान आंदोलन के दौरान प्रकाश सिंह बादल की शिरोमणि अकाली दल बीजेपी से नाता तोड़कर एनडीए से अलग हो गई थी। इसका सियासी नुकसान बीजेपी और अकाली दल दोनों को ही उठाना पड़ा। अब 2024 के लोकसभा चुनाव के मद्देनजर बीजेपी जिस तरह अपने पुराने सहयोगी दलों को दोबारा अपने साथ लाने की कवायद कर रही है, उसे देखते हुए अकाली दल के भी एनडीए में वापस आने के आसार बन रहे हैं। अकाली दल के मुखिया और पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल के निधन पर उन्हें श्रद्धांजलि देने के लिए पीएम मोदी, गृह मंत्री अमित शाह और बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा पंजाब पहुंचे थे। इसी के बाद से बीजेपी और अकाली दल के फिर पास आने की चर्चाएं शुरू हुईं। वजह ये है कि पंजाब में दोनों ही दल अपने सियासी वजूद को बचाए रखने की चुनौती से जूझ रहे हैं।



यूपी में राजभर की सुभासपा के साथ गठबंधन का प्रयास



बीजेपी उत्तर प्रदेश में भी मौजूदा सहयोगी दलों को साथ रखने के अलावा नए साथ की तलाश में है। इस प्रयास में उसकी नजर यूपी में ओम प्रकाश राजभर की सुहेलदेव भारतीय समाजवादी पार्टी (सुभासपा) के साथ गठबंधन करने की है। राज्य में विधान परिषद के चुनाव में राजभर ने बीजेपी के पक्ष में वोटिंग कर दोस्ती का हाथ बढ़ाया। सुभासपा से गठबंधन करने पर बीजेपी को पूर्वांचल में 5 से 6 लोकसभा सीटों पर फायदा हो सकता है। माना जा रहा है जुलाई में सुभासपा अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर की बीजेपी नेतृत्व की बैठक प्रस्तावित है। लोकसभा चुनाव 2024 को लेकर बीजेपी नेतृत्व का मानना है कि यूपी में मुकाबला बहुत कड़ा होगा। सभी विपक्षी दल बीजेपी को हराने के लिए एकजुट होंगे। इसे भांपते हुए बीजेपी भी अपना किला मजबूत करने में जुट रही है। राजनीतिक जानकारों का कहना है कि अलग-अलग राजनीतिक पार्टियों के सहयोगी रह चुके ओपी राजभर नए मौके तलाशने की फिराक में हैं। ऐसे में वे 2024 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी से चुनावी गठबंधन कर राज्य की राजनीति में अपनी चुनावी पैठ बढ़ाने की कोशिश करेंगे।



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बिहार में चाचा-भतीजे के साथ वीआईपी को भी साधने की तैयारी



बिहार में नीतीश कुमार के एनडीए से अलग होकर महागठबंधन के खेमे में जाने के बाद बीजेपी नए राजनीतिक साथियों की तलाश में है। राज्य में राम विलास पासवान की सियासी विरासत संभाल रहे लोकजनशक्ति पार्टी के चिराग पासवान बीजेपी के साथ नजदीकियां बढ़ाते नजर आ रहे हैं। लेकिन चाचा पशुपति पारस के एनडीए में होने के चलते दोस्ती परवान नहीं चढ़ पा रही है। हालांकि बीजेपी इस कोशिश में लगी है कि चाचा-भतीजे दोनों को साधकर रखा जाए। जेडीयू से अलग होकर अपनी अलग पार्टी बनाने वाले उपेंद्र कुशवाहा के साथ भी बीजेपी गठबंधन की तैयारी में है। इसके अलावा वो वीआईपी के प्रमुख मुकेश सहनी को भी साथ लेकर चलने की कोशिश में जुटी है। बता दें कि ये दोनों ही नेता पहले एनडीए के साथ रह चुके हैं। उधर महागठबंधन में शामिल जीतनराम मांझी भी इन दिनों बागी तेवर अपनाए हुए हैं, जिसके चलते उनके भी एनडीए में वापसी के कयास लगाए जा रहे हैं।


BJP strategy to fight the opposition BJP homecoming campaign NDA clan will increase again BJP will add these parties for 2024 विपक्ष से मुकाबले के लिए बीजेपी की रणनीति बीजेपी का घर वापसी कैंपेन फिर बढ़ेगा एनडीए का कुनबा 2024 के लिए पार्टियों को जोड़ेगी बीजेपी