New Delhi. केंद्र में बतौर प्रधानमंत्री 9 साल पूरे कर चुके हैं। दसवें साल में प्रवेश करने के साथ ही उनके सामने अपार चुनौतियां खड़ी हुई हैं। इस साल के आखिर में 5 राज्यों के विधानसभा चुनाव हैं और अगले साल आम चुनाव होने जा रहे हैं। बीते कुछ सालों में केवल हिमाचल प्रदेश और कर्नाटक विधानसभा चुनाव में बीजेपी को हार का सामना करना पड़ा है। इन दोनों राज्यों के इतर बाकी जगह बीजेपी का प्रदर्शन उत्साहवर्धक रहा है।
16 साल प्रधानमंत्री रहे थे नेहरू
दरअसल बीजेपी की दिली इच्छा है कि नरेंद्र मोदी भारत के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू की तरह लगातार तीसरा चुनाव भी जीतकर प्रधानमंत्री के पद पर काबिज रहें। नेहरू 1947 से मृत्यु पर्यंत 1964 तक देश के प्रधानमंत्री थे। अपनी इस ख्वाहिश के लिए बीजेपी ने 10वें साल के लिए रणनीति तैयार कर ली है। सरकार की नौंवी सालगिरह पर प्रधानमंत्री ने कहा था कि बीते 9 साल का कार्यकाल सेवा, सुशासन और गरीब कल्याण पर केंद्रित रहा है।
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बीजेपी को हैट्रिक की आस
बीजेपी का शीर्ष नेतृत्व भी इशारा कर चुका है कि 17वीं लोकसभा के बाकी के कार्यकाल में सरकार गरीबों और महिलाओं के लिए योजनाएं लागू करने पर जोर देगी। पार्टी प्रधानमंत्री मोदी की लोकप्रियता के सहारे 2024 का चुनाव भी जीतने की उम्मीद लगाए बैठी है।
रोडमैप है तैयार
बीजेपी आगामी समय के लिए हिंदुत्व, राष्ट्रवाद और गवर्नेंस प्लस वेलफेयर का मॉडल लागू कर देशभर में कांग्रेस के खिलाफ चुनाव जीतने की रणनीति पर चलने का मन बना रही है। बीजेपी का एक तबका यह भी कह रहा है कि आगामी विधानसभा चुनाव के परिणाम जो भी रहें पर उसका लक्ष्य बड़ी तस्वीर पर है। लोगों की जीवन में परिवर्तन कारी बदलाव और गरीबों के उत्थान की योजनाओं को लेकर पार्टी जनता के बीच जाएगी। इधर मोदी सरकार ने भी 9 सालों का लेखाजोखा 244 पन्नों की बुकलेट के माध्यम से जारी किया है। इसमें सरकार ने बताया है कि उसने अपनी 14 प्राथमिकताओं पर फोकस रखा है।