NEW DELHI. लोकसभा इलेक्शन (2024) और इसी साल होने वाले कुछ राज्यों में विधानसभा चुनाव की तैयारियों के बीच संगठन स्तर पर बीजेपी बड़े बदलाव कर सकती है। सूत्रों के मुताबिक, पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा मध्य प्रदेश, झारखंड, पंजाब, तेलंगाना, गुजरात और कर्नाटक में नए प्रदेश अध्यक्ष की घोषणा कर सकते हैं। बदलाव की खबरों के बीच पंजाब के प्रदेश भाजपा अध्यक्ष अश्वनी शर्मा ने सोमवार (3 जुलाई) को इस्तीफा दे दिया। हालांकि, अभी तक इसकी औपचारिक घोषणा नहीं हुई है। इस साल (2023) में मध्य प्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़, तेलंगाना और मिजोरम में विधानसभा चुनाव हैं। मध्य प्रदेश और मिजोरम में बीजेपी की सरकार है, वहीं राजस्थान, छत्तीसगढ़ में कांग्रेस और तेलंगाना में बीआरएस सत्ता में है। 6,7 और 8 जुलाई को BJP के राष्ट्रीय महासचिव और सभी मोर्चों के अध्यक्ष क्षेत्रीय नेताओं के साथ बैठक करेंगे। यह पहला मौका है जब बीजेपी तीन क्षेत्रों (पूर्वी, उत्तरी और दक्षिणी) के मोर्चा और महासचिवों के अध्यक्षों के साथ बैठकें करेगी।
बीजेपी को चार राज्यों में से कर्नाटक में गंवानी पड़ी सत्ता
इस साल 4 राज्यों में विधानसभा चुनाव हुए थे। इनमें त्रिपुरा में पार्टी ने गठबंधन के जरिए सत्ता में वापसी की है। वहीं मेघालय, नगालैंड में भी वह सरकार में सहयोगी है। पार्टी को सिर्फ कर्नाटक में सत्ता गंवानी पड़ी थी।
28 जून को हुई थी बैठक: चर्चा में थे धर्मेंद्र प्रधान और भूपेंद्र यादव के नाम
28 जून को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और जेपी नड्डा सहित कई दिग्गज नेताओं के साथ बैठक की थी। बैठक में नड्डा की मौजूदगी से राज्य स्तर से लेकर सरकार और बीजेपी संगठन में बदलाव पर चर्चा की गई थी। रिपोर्ट्स के मुताबिक, सबसे ज्यादा चर्चा धर्मेंद्र प्रधान और भूपेंद्र यादव के नाम पर है। इन नेताओं को बड़ी जिम्मेदारी मिल सकती है।
यहां इस तारीख को होंगी बैठकें
- 6 जुलाई: गुवाहाटी में पूर्वी क्षेत्र के 12 राज्यों के नेताओं की बैठक होगी। इसमें बिहार, झारखंड, ओडिशा, पश्चिम बंगाल, अरुणाचल प्रदेश, सिक्किम, नगालैंड, मणिपुर, मिजोरम, मेघालय, त्रिपुरा और असम के नेता शामिल होंगे।
पीएम मोदी की अध्यक्षता में मंत्रिपरिषद की बैठक, 2024 की रणनीति पर चर्चा
मंत्रिमंडल विस्तार की अटकलों के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार (3 जुलाई) को अपने मंत्रियों की बैठक की अध्यक्षता की। यह बैठक प्रगति मैदान के नवनिर्मित कन्वेंशन सेंटर में हुई। बैठक करीब पांच घंटे तक चली। इस दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि सरकार ने नौ वर्षों में बहुत विकास किया है और मंत्रिपरिषद के सदस्य अगले नौ महीनों में लोगों तक पहुंचें। सूत्रों के मुताबिक, बैठक में 2024 के आगामी लोकसभा चुनावों के लिए पार्टी की रणनीति पर भी चर्चा की गई। इस साल केंद्रीय मंत्रिपरिषद की यह दूसरी बैठक है। प्रधानमंत्री मोदी ने ऐसी ही एक बैठक जनवरी में आम बजट पेश होने से पहले की थी। इसी के साथ अब सरकार सहित संगठन में फेरबदल की अटकलें तेज हो गई हैं। मंत्रिपरिषद की बैठक संसद के मॉनसून सत्र से कुछ दिनों पहले हुई। मॉनसून सत्र 20 जुलाई से शुरू हो रहा है।
मंत्रिपरिषद में फेरबदल की अटकलें
महाराष्ट्र के ताजा सियासी घटनाक्रम और कैबिनेट की बैठक के बाद मंत्रिपरिषद में फेरबदल की अटकलें तेज हो गई हैं। इससे पहले प्रधानमंत्री मोदी ने 2021 में आखिरी बार अपनी मंत्रिपरिषद में फेरबदल और विस्तार किया था। इसके बाद उन्होंने कुछ एक मौकों पर कुछ मंत्रियों के विभागों में बदलाव किया था। 2021 के मंत्रिपरिषद फेरबदल और विस्तार में मोदी ने 36 नए चेहरों को जगह दी थी, जबकि 12 तत्कालीन मंत्रियों की पद से छुट्टी कर दी थी।
‘बाहरियों’ का भी कैबिनेट में होगा स्वागत, जानें कौन-कौन हो सकते हैं शामिल
सूत्रों के मुताबिक, महाराष्ट्र में NCP के कुछ विधायकों के NDA में आने के बाद उनके कोटे से प्रफुल्ल पटेल को कैबिनेट में जगह दी जा सकती है। इसके अलावा महाराष्ट्र में शिंदे गुट की शिवसेना को भी केंद्रीय कैबिनेट में जगह मिल सकती है। इसके अलावा बिहार से रामविलास पासवान के बेटे चिराग पासवान को भी कैबिनेट में लाने की चर्चा है। बिहार से ही नीतीश का विरोध कर JDU छोड़ने वाले RCP सिंह और उपेंद्र कुशवाहा को भी कैबिनेट में शामिल करने की चर्चा है।
मोदी कैबिनेट में दो साल से बड़ा बदलाव नहीं हुआ
पिछले करीब दो साल से मोदी कैबिनेट में कोई बड़ा बदलाव नहीं हुआ है। हालांकि, मई 2023 में केंद्र सरकार ने कानून मंत्री किरेन रिजिजू को पद से हटा दिया था। अर्जुन राम मेघवाल को जिम्मेदारी दी गई। इससे पहले जुलाई 2021 में मोदी सरकार ने 12 मंत्रियों को हटा दिया था। उनकी जगह 17 नए मंत्रियों को जिम्मेदारी सौंपी गई थी।