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बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के वरिष्ठ नेता सुरेंद्र सागर को पार्टी से निष्कासित कर दिया गया है। जानकारी के मुताबिक उनका 'गुनाह' सिर्फ इतना था कि उन्होंने अपने बेटे की शादी समाजवादी पार्टी (सपा) के विधायक त्रिभुवन दत्त की बेटी से कर दी। यह घटना इस कारण चर्चा का विषय बनी, क्योंकि मायावती ने इसे पार्टी विरोधी गतिविधि मानते हुए सुरेंद्र सागर को पार्टी से बाहर कर दिया। सुरेंद्र सागर का कहना है कि उन्होंने कोई गलती नहीं की और हमेशा पार्टी को मजबूत बनाने का काम किया है।
सुरेंद्र सागर, जो पांच बार जिले के जिलाध्यक्ष रह चुके हैं, उनके पार्टी से निष्कासन की खबर ने पूरे राजनीतिक गलियारे में हलचल मचा दी है। लोग हैरान थे कि आखिर ऐसा क्या हुआ, जिसके कारण उन्हें पार्टी से बाहर का रास्ता दिखाया गया।
पार्टी से बेदखल के बाद क्या बोले सुरेंद्र नागर?
वहीं इस पूरे मामले को लेकर सुरेंद्र सागर का दावा है कि उन्होंने कभी भी अनुशासनहीनता नहीं की और न ही पार्टी के खिलाफ कोई गतिविधि की। उनका कहना है कि उनका एकमात्र 'कसूर' यह है कि उन्होंने अपने बड़े बेटे अंकुर सागर की शादी समाजवादी पार्टी के आंबेडकर नगर के विधायक त्रिभुवन दत्त की बेटी से की। त्रिभुवन दत्त सपा के राष्ट्रीय सचिव भी हैं और अंबेडकर नगर से सांसद भी रहे हैं।
27 नवंबर को हुई थी शादी
सुरेंद्र सागर ने बताया कि उनके बेटे की शादी 27 नवंबर को हुई थी। वे बारात लेकर सपा विधायक के घर अंबेडकर नगर गए थे, जहां इस मौके पर सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव भी पहुंचे और उन्होंने वर-वधू को आशीर्वाद दिया। अखिलेश यादव के साथ उनकी एक फोटो सोशल मीडिया पर वायरल हो गई, जो मायावती तक पहुंची गई। इस पर बसपा प्रमुख ने आपत्ति जताई और सुरेंद्र सागर को पार्टी से निष्कासित कर दिया। बता दें कि उत्तर प्रदेश में सपा और बसपा दोनों एक-दूसरे की कट्टर विरोधी पार्टियां हैं, और सुरेंद्र सागर का यह कदम पार्टी में असहमति का कारण बना है जिसकी वजह से उनपर ये गाज गिरी है।
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