Mumbai. पहली जून से बचत और चालू खातों में एक बड़ा बदलाव होने वाला है, यह बदलाव अनक्लेम्ड डिपॉजिट को लेकर होगा। इसके लिए भारतीय रिजर्व बैंक ने 100 दिन 100 भुगतान का अभियान शुरू किया है। इस समय सीमा में बैंकों को खातों में जमा राशियों को सेटल करने के निर्देश दिए गए हैं।
आरबीआई के गाइडलाइन के अनुसार सेविंग और करंट अकाउंट में 10 वर्षों से बिना ऑपरेट किए रकम बची हुई है या मैच्योरिटी की तारीख से 10 साल के भीतर किसी ने दावा नहीं किया तो उसे अनक्लेम्ड डिपॉजिट के रूप में माना जाएगा। गाइडलाइन के अनुसार, 1 जून से इसे बैंकों को सेटल करना होगा। ऐसी राशि को बैंकों द्वारा आरबीआई के तहत बनाए गए जमाकर्ता शिक्षा और जागरुकता फंड में ट्रांसफर किया जाता है।
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हाल ही में आरबीआई कई बैंकों में अनक्लेम्ड डिपॉजिट का पता लगाने के लिए एक वेब पोर्टल शुरू कर चुका है। अप्रैल 2023 में आरबीआई ने जमाकर्ताओं के पैसों की सुरक्षा को देखते हुए मौजूदा अनक्लेम्ड डिपॉजिट राशि का उसके सही मालिकों को वापस देने की बात कही थी। इस वजह से आरबीआई ने हाल ही में कई बैंकों में अनक्लेम्ड डिपॉजिट का पता लगाने के लिए एक वेब पोर्टल बनाने का निर्णय लिया था। आरबीआई के डिप्टी गवर्नर राजेश्वर राव ने अप्रैल में कहा था कि यह अनक्लेम्ड डिपॉजिट के लिए यह वेब पोर्टल 3 से 4 महीनों में तैयार होने की उम्मीद है।
12 मई को आरबीआर इस अभियान की घोषणा कर चुका है। जिसके तहत हर बैंक को केवल 100 दिनों में 100 अनक्लेम्ड डिपॉजिट को सेटल करना होगा। 1 जून से इस अभियान की शुरूआत करने के निर्देश दिए गए हैं। आरबीआई समय-समय पर जागरूकता अभियान के माध्यम से ऐसे अनक्लेम्ड डिपॉजिट का दावा करने के लिए संबंधित बैंक की पहचान करने और उससे संपर्क करने के लिए अप्रोच करता रहा है।