Cancer can be treated in AIIMS Bhopal without chemotherapy
भोपाल. कैंसर का इलाज ( Cancer treatment ) बिना कीमोथेरपी के हो सकेगा। इसके लिए एम्स भोपाल ( AIIMS BHOPAL ) को बड़ी सफलता मिली है। AIIMS BHOPAL के जैव रसायन विभाग में इसके लिए रिसर्च चल रही है। इसका पहला ट्रायल सफल हो गया है। गौरतलब है कि कीमोथेरेपी इतनी खतरनाक होती है कि पहले और दूसरे चरण के बाद इंसान के शरीर के सारे बाल झड़ जाते हैं। मनुष्य के शरीर की इम्युनिटी पावर खत्म हो जाती है। इसके सफल हो जाने के बाद भी मनुष्य के स्वस्थ रहने की कोई गारंटी नहीं होती।
मुनगा की फली और पत्तियों से बनाई दवा
एम्स भोपाल के चिकित्सा वैज्ञानिकों ने आयुर्वेदिक तरीके से कैंसर के उपचार के लिए मुनगा ( MORINGA ) की पत्तियाें और फली से तीन तरह के Bioactive Compound बनाए हैं। अब इस Compound के Prehuman trial के लिए Tagging भी शुरू कर दी है। यह Prehuman trial ठीक उसी तरह होगा जैसे की मानव शरीर में ट्रायल हो रहा हो। इसके लिए टारगेटेड सेल कृत्रिम रूप से तैयार किए गए हैं। इसके लिए दो ग्रुप बनाए गए हैं। एक ग्रुप को MORINGA के साथ ही अन्य कंपाउड दिए जाएंगे, वहीं दूसरे ग्रुप में बायो एक्टिव कंपाउंड दिए जाएंगे। The Indian Institutes of Science Education and Research ( IISERs ) ने यह कंपाउंड बनाने में मदद की है। इसे Core Drug नाम दिया है। स्टडी में परिणाम सामने आने के बाद इसका Human trial में कर इसके पेंटेंट के लिए एप्लाई किया जाएगा।
16वें दिन से दिखने लगा असर
एम्स के बायोकेमिस्ट्री विभाग के डॉ. सुकेश मुखर्जी के अनुसार एनिमल हाउस में चूहों के दो समूह बनाए गए। एक ग्रुप के चूहों में ब्रेस्ट कैंसर डेवलप किया। दूसरों को सामान्य रखा गया। सामान्य चूहों पर इस कोर ड्रग का कोई साइड इफेक्ट नहीं हुआ। इससे निष्कर्ष निकाला कि इस ड्रग का उपयोग करने पर नॉर्मल सेल्स में कोई साइड इफेक्ट नहीं होता है। ब्रेस्ट कैंसर वाले चूहों को मुंह के जरिए कोर ड्रग के ड्रॉप्स पिलाए गए। 16वें दिन इसका परिणाम आना शुरू हो गया। धीरे-धीरे ब्रेस्ट कैंसर की सेल्स नष्ट होने लगीं। तीन महीने चले इस प्रयोग में चूहे पूरी तरह ठीक हो गए। एम्स डायरेक्टर डॉ. अजय सिंह का कहना है कि मानव पर इसके प्रयोग से कितने दिनों में परिणाम मिलेगा, इसका पता ट्रायल में चलेगा। प्री ह्यूमन ट्रायल की तैयारियां चल रही है।
क्या है कीमोथेरपी
कीमोथेरेपी ( chemotherapy ) या कीमो एक दवा है जो कैंसर कोशिकाओं को नष्ट करती है। कीमोथेरेपी में ज्यादा तेज दवाओं का इस्तेमाल होता है। ये दवाइयां कैंसर कोशिकाओं को मारने या उन्हें बढ़ने से रोकने का काम करती हैं। कीमोथेरेपी के कुछ दुष्प्रभाव भी हैं। इनमें मतली या उल्टी आना, स्वाद में बदलाव, थकान, बालों का झड़ना,
त्वचा में बदलाव जैसी परेशानियां मरीजों को होती हैं।
कीमोथेरपी पड़ती है बहुत मंहगी
भारत में कीमोथेरेपी की लागत, कीमोथेरेपी दवाओं के प्रकार आदि पर निर्भर करती है। औसतन एक बार कीमोथेरपी कराने पर 20 हजार से लेकर 1 लाख रुपए तक का खर्चा आता है। गंभीर स्थिति में ऑर्गन-स्पेसिफिक कीमोथेरेपी में यह खर्चा 10 से 20 लाख रुपए तक हो सकता है।