प्रयागराज के अतरसुइया में स्थित एक मदरसा में नकली नोट छापने का मामला सामने आया है। इस मामले में छापामार कार्रवाई करते हुए आईबी की टीम ने मौलवी तफसीर उल ( Maulvi Tafseerul ) और जाहिर समेत चार आरोपियों को पूछताछ के बाद गिरफ्तार कर लिया है। दरअसल शिकायत के बाद आईबी की टीम मदरसा जामिया हबीबिया मस्जिद ( Madarsa Jamia Habibia Masjid ) आजम में पहुंची। यहां पर जाली नोट छापने की मशीन मिली है। इसके अलावा मदरसा में एक ऐसी किताब मिली है जिसमें लिखा हुआ था कि देश का पहला आतंकवादी RSS है। दावा किया जा रहा है कि इस किताब के लेखक कोई आम व्यक्ति नहीं है बल्कि महाराष्ट्र के पूर्व आईजी एमएम मुशर्रफ ( Former IG MM Musharraf ) हैं।
मदरसे में मिली किताब से फैली सनसनी
बताया जा रहा है कि मदरसा में नकली नोट ( fake notes ) छापने की मिली है। जिससे जाहिर होता है कि यहां पर नकली नोट भी छापा जाता था। वहां बच्चों में नफरत भी घोली जा रही थी। उनका ब्रेनवॉश किया जाता था। उन्हें पढ़ाया जा रहा था कि RSS देश का सबसे बड़ा आतंकवादी संगठन है। यह खुलासा तब हुआ, जब मौलवी के कमरे की तलाशी के दौरान इंटेलिजेंस ब्यूरो ( Intelligence Bureau ) की टीम को विवादास्पद किताब बरामद हुई।
क्या लिखा है आतंकी किताब में
किताब में भीतर मालेगांव और समझौता एक्सप्रेस जैसी कई आतंकी घटनाओं का जिक्र किया गया है। किताब को कब्जे में लेकर आईबी ने अपने जांच का दायरा और बढ़ा दिया है। अब इस बिंदु पर भी जांच शुरू हो गई है कि मदरसे में बच्चों को पढ़ाने की आड़ में राष्ट्रविरोधी गतिविधियां ( anti national activities ) तो नहीं संचालित की जा रही थी।
मौलवी के कमरे से मिली स्पीड पोस्ट की पावती
IB की तलाशी के दौरान मौलवी के कमरे से स्पीड पोस्ट (speed post ) की पावती भी बरामद हुई हैं। यह स्पीड पोस्ट मौलवी खुद अपने नाम से करता था। इस बात का पता लगाया जा रहा है आखिर स्पीड पोस्ट कैसे पत्र भेजे जाते थे और किसको भेजे जाते थे।
मदरसा सील, बच्चे भेजे गए घर
पुलिस ने मदरसा को खाली करा लिया है। यहां पर रहने वाले 106 बच्चों को वापस घर भेजा गया है। इसके साथ ही आठ शिक्षक भी अपने घर चले गए। साथ ही मदरसा को सील कर दिया गया।