New Delhi. जम्मू कश्मीर के इंश्योरेंस और किरू हाइड्रो प्रोजेक्ट घोटाले के केस में सीबीआई ने जम्मू कश्मीर, दिल्ली और राजस्थान में 12 ठिकानों पर छापेमारी की। ये सभी 12 ठिकाने पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक के करीबियों के बताए जा रहे हैं। सीबीआई की टीमों ने सत्यपाल मलिक के मीडिया सलाहकार रहे सुनक बाली के घर पर भी तलाशी ली। इन छापों के बाद सत्यपाल मलिक ने कहा है कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि सीबीआई इस मामले में शिकायतकर्ता को ही परेशान कर रही है। उन्होंने कहा कि सुनक बाली बिना किसी सरकारी वेतन के जम्मू-कश्मीर में मेरे सचिव थे।
मलिक ने खुद की थी शिकायत
बता दें कि इंश्योरेंस और किरू हाइड्रो प्रोजेक्ट के घोटाले को लेकर सत्यपाल मलिक ने ही शिकायत की थी। वे अगस्त 2018 से अक्टूबर 2019 तक जम्मू कश्मीर के राज्यपाल रहे थे। इस मामले को लेकर उन्होंने कहा था कि इस प्रोजेक्ट से जुड़ी फाइलों को मंजूरी देने के बदले उन्हें दो बार 150-150 करोड़ रुपए की पेशकश की गई थी। सीबीआई ने उनकी शिकायत पर मामला दर्ज किया था और सत्यपाल मलिक के बयान भी दर्ज कराए थे।
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ये है इंश्योरेंस घोटाला मामला
सत्यपाल मलिक ने अपनी शिकायत में जिन 2 फाइलों का जिक्र किया था, उसके बारे में कभी खुलकर नहीं बताया। सूत्रों की मानें तो मलिक सरकारी कर्मचारियों, पेंशनर्स और पत्रकारों के लिए लाई गई ग्रुप हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी से जुड़ी एक फाइल का जिक्र कर रहे थे। इसमें अनिल अंबानी की रिलायंस जनरल इंश्योरेंस कंपनी शामिल बताई जाती है।
डील कर दी थी कैंसिल
बाद में गड़बड़ी का अंदेशा भांपते हुए मलिक ने रिलायंस जनरल इंश्योरेंस कंपनी के साथ यह डील कैंसिल कर दी थी। दो दिन बाद मलिक ने एंटी-करप्शन ब्यूरो को डील की जानकारी देते हुए जांच करने के आदेश दिए थे।
मलिक ने रिलायंस के साथ डील कैंसिल कर दी थी
बाद में मलिक ने कुछ गड़बड़ी के अंदेशे को देखते हुए रिलायंस जनरल इंश्योरेंस कंपनी के साथ यह डील कैंसिल कर दी थी। दो दिन बाद गवर्नर ने एंटी-करप्शन ब्यूरो को इस डील की जानकारी देते हुए कहा था कि वो इस कॉन्ट्रैक्ट की तह तक जांच-पड़ताल करे कि क्या इसमें किसी तरह का भ्रष्टाचार हुआ है?
आरएसएस का भी लिया था नाम, बाद में मांग ली थी माफी
लगातार पीएम मोदी के खिलाफ बोल रहे सत्यपाल मलिक ने एक कार्यक्रम में आरएसएस का भी नाम लिया था। उन्होंने कहा था कि इंश्योरेंस वाली डील में आरएसएस का एक पदाधिकारी भी शामिल था। हालांकि बाद में मलिक ने आरएसएस से माफी मांग ली थी। मलिक ने सफाई दी थी कि 300 करोड़ की रिश्वत ऑफर किए जाने में आरएसएस से कोई मतलब नहीं था, उनसे गलती हो गई और वे माफी चाहते हैं।