IMPHAL. पूर्वोत्तर राज्य मणिपुर में जारी हिंसा को लेकर चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल अनिल चौहान का बड़ा बयान सामने आया है। सीडीएस चौहान ने मंगलवार (30 मई) को पुणे में कहा कि मणिपुर में हालात सामान्य होने में थोड़ा वक्त लगेगा, राज्य में हो रही हिंसा दो जातियों के बीच संघर्ष का परिणाम है, और इसका उग्रवाद से कोई लेना-देना नहीं है। यह कानून-व्यवस्था का मामला है। हम राज्य सरकार की मदद कर रहे हैं। वहीं दो दिन पहले मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने प्रदेश में जारी हिंसा पर कहा था कि, पुलिस एनकाउंटर में 40 लोग मारे गए हैं। सीएम ने मारे गए लोगों को मिलिटेंट बताया था।
चानू समेत 11 खिलाड़ियों ने केंद्र से लगाई शांति की गुहार
हिंसा की आग में जल रहे मणिपुर को लेकर प्रदेश के खिलाड़ियों ने चिंता जताई है। ओलिंपिक पदक विजेता मीराबाई चानू सहित 11 खेल हस्तियों ने केंद्र सरकार से राज्य में शांति के लिए गुहार लगाई है। इन लोगों ने गृह मंत्री अमित शाह को पत्र लिखकर शांति कायम करने का आग्रह किया है, साथ ही इन लोगों ने चेतावनी दी है कि अगर राज्य में जल्द ही शांति और सामान्य स्थिति बहाल हुई तो वे सभी अवॉर्ड और मेडल लौटा देंगे।
मणिपुर के दौरे पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह
गृह मंत्री अमित शाह 1 जून तक इंफाल में रहेंगे। देर रात उन्होंने मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह, मंत्रियों और अधिकारियों के साथ मौजूदा हालातों पर बैठक
की। इसमें मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह, केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय, केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला और इंटेलिजेंस ब्यूरो के चीफ तपन डेका मौजूद थे। मंगलवार (30 मई) को अमित शाह ने अफसरों और सामाजिक संगठनों के साथ बैठक की। अब 1 जून तक गृह मंत्री तक कई राउंड की सुरक्षा बैठकें करेंगे।
मणिपुर हिंसा को लेकर राष्ट्रपति से मिला कांग्रेस डेलिगेशन
हिंसा को लेकर कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के नेतृत्व में कांग्रेस नेताओं के डेलिगेशन ने राष्ट्रपति से मुलाकात की है। इस दौरान डेलिगेशन की ओर से एक ज्ञापन राष्ट्रपति को सौंपा गया। हिंसा को लेकर पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने कहा- 22 साल पहले भी मणिपुर जल रहा था। तब प्रधानमंत्री अटल जी थे। आज फिर से मणिपुर जल रहा है, अब पीएम नरेंद्र मोदी हैं। राज्य में फैली हिंसा कारण बीजेपी की विभाजनकारी और ध्रुवीकरण की राजनीति है। मणिपुर जल रहा था, लेकिन पीएम मोदी और गृहमंत्री अमित शाह कर्नाटक में चुनाव प्रचार कर रहे थे।
हिंसा में अब तक 80 लोगों की हुई मौत
गृह मंत्री अमित शाह के दौरे से पहले रविवार को मणिपुर के कुछ हिस्सों में हिंसा हुई थी। राजधानी इंफाल से सटे सेरौ और सुगनू इलाके में हिंसा भड़की। इसमें 1 पुलिसकर्मी समेत 5 लोगों की मौत हुई थी और 12 लोग घायल हुए हैं। हिंसा में अब तक 80 लोगों की मौत हो चुकी है।
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सेना ने चलाया रेस्क्यू ऑपरेशन
हिंसा के बाद सेना और असम राइफल्स के जवानों ने रविवार को बड़ा रेस्क्यू अभियान चलाया। जिसके तहत कुकी जनजाति और मेइती समुदाय के ग्रामीणों को सुरक्षित निकालकर स्थानों पर पहुंचाया। सेना और अर्धसैनिक बलों ने पुलिस, राज्य प्रशासन और समाजिक संगठनों की मदद सेरो से मैतेई समुदाय के लगभग दो हजार ग्रामीणों को निकाला और पंगलताबी राहत शिविर पहुंचाया। वहीं सेना ने कुकी जनजाति के तीन सौ से ज्यादा ग्रामीणों को सुगनू से साजिक तंपक सुरक्षित पहुंचाया है।