New Delhi : छात्रों और अभिभावकों को कोचिंग सेंटर्स के भ्रामक प्रचार-प्रसार से बचाने के लिए केंद्र सरकार ने नई गाइडलाइन जारी की है। अब कोचिंग संस्थान 100 फीसदी सफलता या नौकरी की गारंटी का दावा नहीं कर सकेंगे। इसी के साथ विभिन्न परीक्षाओं में टॉप करने वाले अभ्यर्थियों/विद्यार्थियों की फोटो भी उनकी बिना अनुमति के विज्ञापन और होर्डिंग, पोस्टर आदि में इस्तेमाल नहीं कर सकेंगे।
केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण (CCPA) ने स्पष्ट किया है कि कोचिंग सेंटर अब ऐसे झूठे विज्ञापन नहीं दे सकते, जो लोगों को गुमराह करते हैं। हाल के वर्षों में CCPA के पास ऐसी कई शिकायतें पहुंची हैं, जिनमें कोचिंग वालों ने अपने फायदे के लिए भ्रामक विज्ञापन चलाए। समीक्षा के बाद अब कोचिंग संस्थानों पर शिकंजा कसा गया है। नई गाइडलाइन के हिसाब से अब तक 54 कोचिंग सेंटरों को नोटिस दिए जा चुके हैं। 18 संस्थानों पर करीब 55 लाख रुपए का फाइन लगाया गया है। इसके अलावा संबंधित कोचिंग वालों को भ्रामक विज्ञापन हटाने के भी निर्देश दिए गए हैं।
इन गाइडलाइन के मुताबिक, अब coaching चलाने वाली कंपनियों अथवा सेंटर्स को बच्चों और उनके माता-पिता को हर तरह की जानकारी पारदर्शी तरीके से देनी होगी। यदि कोचिंग सेंटर इसका पालन नहीं करते हैं, तो उन पर उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम के तहत कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
नई गाइडलाइन्स के अहम फैक्टर
झूठे दावे नहीं कर सकते
कोचिंग सेंटर अपने पाठ्यक्रमों, फीस, सिलेक्शन रेट और सैलरी की गारंटी से जुड़े भ्रामक दावे नहीं कर सकेंगे।
टॉपर की सहमति जरूरी
किसी भी टॉपर के नाम, फोटो या टेस्टिमोनियल का इस्तेमाल बिना लिखित सहमति के नहीं किया जा सकेगा।
कोर्स और टॉपर्स की जानकारी
Coaching सेंटरों को टॉपर्स की लिस्ट में यह साफ तौर पर बताना होगा कि उन छात्रों ने वास्तव में उनके संस्थान से पढ़ाई की है या किसी अन्य कोर्स के लिए आए थे।
वरना होगी कार्रवाई
Coaching Institutes को अपने ग्राहकों की समीक्षाओं को ध्यान में रखना होगा, इन्हें वेबसाइट पर दिखाने की व्यवस्था करनी होगी। नेगेटिव समीक्षाओं पर सुधार करना होगा।
ये भी पैरामीटर्स
coaching center 16 साल से कम उम्र के छात्रों का एडमिशन नहीं कर सकेंगे। पढ़ाने वाले शिक्षकों का गेजुएट होना जरूरी होगा। सत्र के बीच में किसी तरह की फीस नहीं बढ़ाई जा सकेगी।
कौन कौन आएगा दायरे में
नए दिशा-निर्देश अकादमिक सहायता, शिक्षा, मार्गदर्शन और ट्यूशन सेवाओं पर लागू होंगी, जबकि काउंसलिंग, खेल और रचनात्मक गतिविधियों पर इनका प्रभाव नहीं पड़ेगा। कंज्यूमर अफेयर्स सेक्रेटरी निधि खरे का कहना है कि देश के कई शहरों में कोचिंग वाले स्टूडेंट्स को लुभाने के लिए सच्चाई छिपाते हैं, इसीलिए गाइडलाइन लाई गई है।
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