सुप्रीम कोर्ट ने दिया ममता सरकार को झटका, बंगाल पंचायत चुनाव में सेंट्रल फोर्स तैनात होंगी, चुनाव आयोग को निर्देश

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Pratibha Rana
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सुप्रीम कोर्ट ने दिया ममता सरकार को झटका, बंगाल पंचायत चुनाव में सेंट्रल फोर्स तैनात होंगी, चुनाव आयोग को निर्देश

New Delhi. बंगाल में 8 जुलाई को पंचायत चुनाव के लिए मतदान होन है। चुनाव में हिंसा रोकने के लिए कलकत्ता हाईकोर्ट ने 15 जून को सेंट्रल फोर्स की तैनाती का आदेश दिया था। राज्य की ममता बनर्जी सरकार ने हाईकोर्ट के इस फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी। सुप्रीम कोर्ट में 20 जून को इस पर सुनवाई हुई, जिसमें ममता सकरार की याचिका खारिज कर दी गई। इसके साथ सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के फैसले पर दखल देने से इंकार कर दिया। कोर्ट ने कहा- बंगाल में चुनाव के दौरान हिंसा का पुराना इतिहास है। हिंसा के साथ चुनाव नहीं हो सकते। राज्य सरकार को सेंट्रल फोर्स को लेकर एतराज क्यों है।



सुप्रीम कोर्ट से लाइव- बेंच के सवाल, ममता सरकार और चुनाव आयोग के वकील के जवाब



जस्टिस बी वी नागरत्ना और जस्टिस मनोज मिश्रा की बेंच ने इस मामले की सुनवाई की। राज्य चुनाव आयोग की तरफ से सीनियर एडवोकेट मीनाक्षी अरोड़ा कोर्ट ने कोर्ट में अपना पक्ष रखा था।




  • जस्टिस नागरत्न: चुनाव कराना हिंसा का लाइसेंस नहीं हो सकता। चुनाव हिंसा के साथ नहीं हो सकते। लोग नामांकन नहीं भर पा रहे हैं, गुटबाजी हो रही है, कुछ लोगों ने नामांकन दाखिल किया है, वह खत्म हो गया है। राज्य चुनाव आयोग ने क्या होमवर्क किया है?


  • एडवोकेट मीनाक्षी अरोड़ा: संवेदनशील मतदान केंद्रों की पहचान की जा चुकी है। मतदान की अधिसूचना 8 जून को जारी की गई थी। 9 जून को सुबह हाईकोर्ट में यह देखे बिना याचिका दायर की जाती है कि क्या हो रहा है।



  • जस्टिस नागरत्न: इसके बाद आपने क्या कदम उठाए...?




    • अरोड़ा: राज्य चुनाव आयोग फोर्स की मांग नहीं कर सकता है। वह केवल राज्य से अनुरोध कर सकता है। हाईकोर्ट का आदेश इसके विपरीत है। हाई कोर्ट (HC) का कहना है कि चुनाव आयोग फोर्स की तैनाती की मांग करेगा, लेकिन यह राज्य द्वारा किया जाता है न कि SEC द्वारा। HC का कहना है कि चुनाव आयोग को सभी क्षेत्रों और जिलों में फोर्स प्रदान करना होगा। तैनाती बूथों पर की जानी है, लेकिन यह पूरे जिले के लिए नहीं हो सकती।


  • जस्टिस नागरत्न: बंगाल में चुनाव के दौरान हिंसा के इतिहास को देखते हुए HC ने आदेश जारी किया है। यह चुनाव आयोग की मदद के लिए है। आप इससे परेशान क्यों हो रहे।

  • चुनाव आयोग की वकील: हाईकोर्ट के आदेश में चुनाव आयोग को लेकर सख्ती की गई है।

  • जस्टिस नागरत्न: दूसरे पक्ष को सुनने के बाद हम उन टिप्पणियों को हटाने के लिए आदेश दे सकते हैं।

  • राज्य सरकार : राज्य सरकार के पास पर्याप्त सुरक्षा बल है। अगर जरूरत पड़ी तो अन्य राज्यों से फोर्स मंगाएंगे। पिछली बार सीआरपीएफ अधिकारियों ने गोलियां चलाई थीं और लोग मारे गए थे। हाईकोर्ट ने बूथ ही नहीं पूरे जिले में केंद्रीय बलों की तैनाती का आदेश दिया है।

  • जस्टिस नागरत्न: यह केवल चुनाव कराने के लिए है।



  • आखिर क्यों करनी पड़ रही पंचायत चुनाव में सेंट्रल फोर्स की तैनाती?




    • 17 जून : नॉमिनेशन पेपर स्क्रूटनी के दौरान TMC-BJP में झड़प हुई। केंद्रीय मंत्री निशीथ प्रमाणिक के काफिले पर भी हमला हुआ था।


  • 18 जून : पंचायत चुनाव को लेकर को कूच बिहार के साहेबगंज में भाजपा कैंडिडेट विशाखा दास किस्मत के रिश्तेदार शंभूदास की हत्या कर दी गई थी। बीजेपी ने इस हत्या के लिए टीएमसी को जिम्मेदार बताया था।

  • 17 जून : साहेबगंज में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री निशीथ प्रमाणिक के काफिले पर भी हमला हुआ था। प्रमाणिक साहेबगंज स्थित ब्लॉक ऑफिस जा रहे थे। यहां कैंडिडेट्स की स्क्रूटनी का काम चल रहा था।

  • 17 जून : मालदा जिले के कलियाचक में TMC नेता की हत्या का मामला सामने आया था। मुस्तफा शेख की पीट-पीटकर हत्या कर दी गई थी। TMC ने शेख की हत्या का आरोप बीजेपी समर्थकों पर लगाया था।

  • 13 जून : इंडियन सेक्युलर फ्रंट (ISF) और तृणमूल कांग्रेस के समर्थक आमने-सामने आ गए थे। साउथ 24 परगना जिले के भांगर से ISF के विधायक नवसाद सिद्दीकी ने कहा कि जब हमारी पार्टी के कार्यकर्ता नामांकन दाखिल करने गए, तो उन्हें TMC के गुंडों ने पीटा।

  • 14 जून : साउथ 24 परगना जिले के कैनिंग में कैंडिडेट्स के नॉमिनेशन के दौरान सत्ताधारी TMC के दो गुटों में हिंसक झड़प हो गई थी। दोनों गुटों ने एक-दूसरे पर बमों से 100 से ज्यादा बार हमले किए। कर दिया था। 



  • साउथ 24 परगना जिले के कैनिंग में 14 जून को TMC के दो गुटों में हुई झड़प के बाद बमों से 100 से ज्यादा हमले किए गए।



    CM ममता का शांतिपूर्वक नॉमिनेशन का दावा, गर्वनर बोले- हिंसा तो हुई है



    पश्चिम बंगाल की CM ममता बनर्जी ने 16 जून को कहा था कि पंचायत चुनाव नॉमिनेशन शांतिपूर्वक हुआ। मगर दो दिन पहले हिंसाग्रस्त इलाकों का दौरा करके लौटे गवर्नर सीवी आनंद बोस ने सोमवार को कहा- मैं CM के बयान पर कोई टिप्पणी नहीं करना चाहता। उनकी धारणा अलग हो सकती है। वह जनता द्वारा चुनी गई नेता हैं। मगर यह सच है कि कुछ इलाकों में हिंसा और झड़प हुई है। मैं वहां गया था, मैनें लोगों से बात की। उधर गर्वनर के OSD संदीप कुमार सिंह ने बताया कि पंचायत चुनाव में समस्याओं को लेकर कॉल सेंटर बनाया गया है जिसमें रोजाना 100 से ज्यादा कम्प्लेंट आती हैं।



    8 जुलाई को पंचायत चुनाव के लिए मतदान, 11 जुलाई को रिजल्ट



    पश्चिम बंगाल में एक ही दिन 8 जुलाई को पंचायत चुनाव होंगे। 11 जुलाई को काउंटिंग होगी। 9 जून से नॉमिनेशन फाइल करना शुरू हुए जो 15 जून को समाप्त हो गए।

     


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