फिर आमने-सामने केन्द्र और बंगाल सरकार: बंगाल की झांकी खारिज होने पर ममता गुस्सा

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फिर आमने-सामने केन्द्र और बंगाल सरकार: बंगाल की झांकी खारिज होने पर ममता गुस्सा

नई दिल्ली. गणतंत्र दिवस परेड (Republic day 2022) में राज्यों की शामिल होने वाली झांकी को लेकर केंद्र सरकार और पश्चिम बंगाल (West Bengal) सरकार एक बार फिर से आमने-सामने हैं। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने रविवार को पीएम मोदी को पत्र लिखकर उनसे गणतंत्र दिवस परेड के लिए पश्चिम बंगाल की प्रस्तावित झांकी को बाहर करने के फैसले पर पुनर्विचार करने का आग्रह किया।



ममता बनर्जी ने लगाया बिना कारण ही किया खारिज का आरोप: पीएम मोदी को लिखे गए अपने पत्र में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने लिखा कि यह हमारे लिए और भी चौंकाने वाली बात है कि झांकी को बिना कोई कारण बताए खारिज कर दिया गया। बंगाल की झांकी नेताजी सुभाष चंद्र बोस और उनकी भारतीय राष्ट्रीय सेना की 125वीं जयंती को लेकर थी। इस झांकी में ईश्वर चंद्र विद्यासागर, रवींद्रनाथ टैगोर, स्वामी विवेकानंद, चित्तरंजन दास, श्री अरबिंदो, मातंगिनी हाजरा, बिरसा मुंडा, नजरूल इस्लाम के चित्र भी शामिल किया गया था।



पत्र में ममता बनर्जी ने लिखा कि पश्चिम बंगाल के सभी लोग केंद्र सरकार के इस रवैये से बहुत आहत हैं। बंगाल भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में सबसे आगे था और विभाजन के माध्यम से देश की आजादी के लिए सबसे बड़ी कीमत चुकाई है। यह चौथी बार है जब पश्चिम बंगाल की झांकी के प्रस्ताव को पिछले कुछ वर्षों में खारिज कर दिया गया है। इसके पहले 2015, 2017 और 2020 में पश्चिम बंगाल की झांकी के प्रस्तावों को खारिज कर दिया गया था।



केरल की भी झांकी खारिज: केंद्र ने समाज सुधारक श्री नारायण गुरु और जटायु पार्क स्मारक पर केरल सरकार की प्रस्तावित झांकी को भी खारिज कर दिया है। रिपोर्टों के अनुसार, केंद्र आदि शंकराचार्य पर एक झांकी चाहता था, लेकिन सरकार ने श्री नारायण गुरु पर जोर दिया। 


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