RAIPUR. छत्तीसगढ़ में पुरी के शंकराचार्य निश्चलानंद सरस्वती का 81वां प्राकट्योत्सव मनाया जा रहा है। इसमें निश्चलानंद सरस्वती भी मौजूद हैं। रायपुर में प्राकट्योत्सव के दौरान स्वामी निश्चलानंद ने कहा कि हर हिंदू सेना हो, हर हिंदू सनातनी हो। हिंदुओं को तलवार-तीर चलाना सीखना चाहिए। ये अपनी स्वयं की रक्षा के लिए जरूरी है। सनातन की रक्षा के लिए एक घंटा, एक रुपए दान करें, ताकि गरीबी के चलते कोई सनातनी धर्म परिवर्तन ना करे। इस दौरान हिंदू धर्म त्याग कर इसाई धर्म अपनाने वाले 3 परिवारों के 10 सदस्यों की चंदन और अबीर लगाकर धर्म वापसी कराई गई, इस धर्मसभा में मंच से एक बार फिर धर्मांतरण और हिंदू राष्ट्र का मुद्दा जोर से उठा।
धर्म के नाम राजनीति बंद करें- निश्चलानंद
शंकराचार्य ने कहा कि धर्मांतरण के कुचक्र से आज छत्तीसगढ़ प्रताड़ित है, लेकिन शंकराचार्य के आगमन से ये स्थिति बदल रही है। ईसाई धर्म अपनाने वाले आज वापस हिंदू सनातनी धर्म में वापस आए, ये बड़ा अभियान है, इससे और आगे बढ़ाना होगा। मैं राजनेता नहीं हूं। पहले आप (राजनेता) राजनीति की परिभाषा तय करो। शंकराचार्य ने नेताओं को आगाह करते हुए कहा कि आदिवासियों और धर्म के नाम पर राजनीति बंद करनी चाहिए। पुरी के पीठाधीश्वर निश्चलानंद ने कहा कि धर्म के नाम पर धर्म नहीं, अर्थ के नाम पर अर्थ नहीं, काम के नाम पर काम नहीं है। हमें आपके (राजनेताओं) साथ की अपेक्षा नहीं है। हमें जैसा भारत बनाना है, हम बनाकर ही रहेंगे। सनातन शास्त्रों का अध्ययन करके ही विश्व का विकास होगा।
छत्तीसगढ़ धर्मांतरण के कुचक्र से प्रताड़ित: रमन सिंह
इस धर्मसभा में राजनीति से जुड़े लोग भी शामिल हुए। पूर्व सीएम रमन सिंह, राजनांदगांव सांसद संतोष पांडेय, महिला मोर्चा की भावना बोहरा शामिल हुई, तो वहीं कांग्रेस से कैबिनेट मंत्री जय सिंह अग्रवाल, विधायक अनिता शर्मा, महंत राम सुंदर दास शामिल हुए । रमन सिंह ने कहा की आज छत्तीसगढ़ धर्मांतरण के कुचक्र से प्रताड़ित है। वहीं कांग्रेस विधायक अनिता शर्मा ने भी मंच से हिंदू राष्ट्र का संकल्प लेने की बात कह डाली।
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विधायक अनिता शर्मा के बयान पर कांग्रेस ने दी सफाई
विधायक अनीता शर्मा के बयान पर कांग्रेस की सफाई भी आ गई है। संचार प्रमुख सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि यह उनका व्यक्तिगत विचार हो सकता है। किस संदर्भ में कहा है यह देखना होगा। कांग्रेस पार्टी का स्टैंड क्लियर है हम भारत के संविधान के साथ हैं। संवैधानिक व्यवस्था से न 1 इंच इधर ना उधर है। कांग्रेस पार्टी पूरी तरीके से लोकतांत्रिक पार्टी है। परस्पर विरोधी विमर्श का भी स्वागत करती है। अनीता शर्मा ने किस संदर्भ में बयान दिया उनसे पूछा जाएगा।
इस साल के अंत में विधानसभा चुनाव होने है। लिहाजा बीजेपी हो या कांग्रेस कोई भी लोगों से जुड़ने का मौका नहीं छोड़ना चाहता । शुक्रवार को आयोजित धर्मसभा में ये देखने को भी मिला। बीजेपी ने जहां शुरु से खुद को हिंदुत्व को जोड़कर रखा है। वहीं कांग्रेस भी अब धीरे धीरे हिंदुत्व की बात करने लगी है। आने वाले समय में कई और मौके देखने को मिलेंगे जब दोनों पार्टी के नेता एक ही मंच साझा करेंगे।