New Delhi. भारत जल्द ही चांद की सतह पर अपना स्पेसक्राफ्ट उतारने के प्रयास में जुटा हुआ है। इसरो ने जुलाई के महीने में चंद्रयान-3 को लॉन्च करने का ऐलान कर दिया है। यदि चंद्रयान 3 का स्पेसक्राफ्ट इस बार चांद की सतह पर लैंड कर गया तो इंडिया ऐसा करने वाला चौथा देश बन जाएगा। जो कि इसरो के लिए भी अपने आप में बड़ी उपलब्धि होगी। बता दें कि चंद्रयान-2 का स्पेसक्राफ्ट तकनीकी खामी की वजह से सुरक्षित लैंडिंग नहीं कर पाया था, मगर इसका ऑर्बिटर अभी भी चांद के चक्कर लगा रहा है। इससे पहले अमेरिका, चीन और रूस यह उपलब्धि हासिल कर चुके हैं।
रूस का मिशन हो चुका है स्थगित
रूस का अपना मून लैंडर मिशन स्थगित हो चुका है। इसके पीछे ग्राउंड इंफ्रास्ट्रक्चर का अतिरिक्त परीक्षण पूरा न होने का हवाला दिया गया है। ऐसे में भारत के चंद्रयान 3 के पास रूस से पहले चंद्रमा पर उतरने का मौका है। चंद्रयान के जरिए भारत चंद्रमा की गहराई से स्टडी करना चाहता है। इंडिया ने पहली बार साल 2009 में चंद्रयान की सफलतापूर्वक लॉन्चिंग की थी, जिसके जरिए यह पता लगाया गया था कि चंद्रमा पर पानी के भंडार हैं।
इसरो चीफ को हैं उम्मीदें
इधर इसरो चीफ सोमनाथ का कहना है कि चंद्रयान 2 मिशन में हम आंशिक रूप से असफल हुए थे। जरूरी नहीं है कि हर बार सफलता हाथ लगे, लेकिन हमने असफलता से सीख लेकर आगे बढ़ने का प्रयास किया है। चंद्रयान 3 मिशन से हमें काफी कुछ सीखने को मिलेगा और उम्मीद है कि हम इतिहास रचेंगे।
श्रीहरिकोटा के सतीश धवन स्पेस सेंटर से होगी लॉन्चिंग
बता दें कि जुलाई के महीने में श्रीहरिकोटा के सतीश धवन स्पेस सेंटर से चंद्रयान 3 की लॉन्चिंग होगी। इसरो ने स्पेस शिप को चंद्रमा तक पहुंचाने 3 मॉड्यूल तैयार किए हैं। खास बात यह है कि चंद्रयान 3 , चंद्रयान 2 द्वारा लॉन्च किए गए ऑर्बिटर का इस्तेमाल करेगा।