चीन ने बनाया खतरनाक सिंथेटिक वायरस, तीन दिन में ले लेता है जान

हेबई मेडिकल यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों ने इबोला वायरस के खास हिस्सों को मिलाकर नया वायरस तैयार किया है। यह इंसानों के लिए बेहद घातक है।

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Deeksha Nandini Mehra
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चीन ने बनाया खतरनाक सिंथेटिक वायरस

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नई दिल्ली.

चीन अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहा है। दावा किया जा रहा है कि कोरोना वायरस के बाद अब ड्रैगन की लैब में एक और खतरनाक वायरस बना है। यह नया वायरस तीन दिन में किसी भी इंसान की जान ले सकता है। साइंस डायरेक्टर पत्रिका के प्रकाशित रिसर्च से इस तथ्य का खुलासा हुआ है। नया सिंथेटिक वायरस इबोला वायरस की तरह काम करता है। 

साइंस डायरेक्ट पत्रिका में प्रकाशित रिसर्च की मानें तो चीन की हेबई मेडिकल यूनिवर्सिटी ( Hebei Medical University ) के वैज्ञानिकों ने नया कांड किया है। वैज्ञानिकों ने इबोला वायरस के खास हिस्सों को मिलाकर नया वायरस तैयार किया है। यह इंसानों के लिए बेहद घातक है। वायरस इंसानी शरीर की कोशिकाओं को इन्फेक्टेड यानी संक्रमित कर सकता है। इससे तीन दिन में व्यक्ति की मौत हो सकती है। 

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हम्सटरों को लगाया इंजेक्शन 

चीनी वैज्ञानिकों ने नए वायरस को इजाद कर पांच नर और पांच मादा हम्सटरों को इंजेक्शन लगाया था। दरअसल, हम्सटर एक तरह का चूहा होता है। टीका लगाने के तीन दिन में सभी हम्सटरों में गंभीर बीमारी के लक्षण पाए गए। ये लक्षण कुछ-कुछ इंसानों में इबोला वायरस से होने वाली बीमारी की तरह ही थे। संक्रमण के बाद हम्सटरों का शरीर बुरी तरह कमजोर पड़ गया। 

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तीन दिन में हम्सटरों ने दम तोड़ा

वायरस के असर से हम्सटरों के अंगों ने काम करना बंद कर दिया। तीन दिन बाद इनकी मौत हो गई। इस दौरान कुछ हम्सटरों की आंखों में भी इंफेक्शन पाया गया, जिससे उनकी आंखों की रोशनी कमजोर हो गई। यह लक्षण भी इबोला वायरस से संक्रमित लोगों में देखने को मिलता है। दावा है कि नया वायरस इंसानी शरीर के दिल, लिवर, फेफड़े, गुर्दे, पेट, आंत और दिमाग को संक्रमित कर सकता है।

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इबोला के लिए चाहिए सुरक्षित लैब 

इबोला रिसर्च के लिए लेबर 4 यानी बेहद सुरक्षित लैब चाहिए होती है।दुनिया में ज्यादातर लैब लेबल-2 की हैं। ऐसे में चीनी वैज्ञानिकों ने ऐसा वायरस बनाया है, जो इबोला की तरह समान हो, लेकिन उसके प्रयोग के लिए लेबल-4 की हाई-सिक्योरिटी लैब की जरूरत ना पड़े। इस शोध में वैज्ञानिकों ने नया तरीका खोज निकाला है। उन्होंने वीएसवी नाम के वायरस को इबोला वायरस के खास प्रोटीन के साथ मिला दिया।  

चीनी वैज्ञानिकों ने यह किया दावा 

हालांकि चीनी वैज्ञानिकों का दावा है कि इस रिसर्च से इबोला वायरस की रोकथाम और इलाज के लिए नई दवाइयां बनाने में मदद मिल सकती है। हालांकि इस तरह के शोध के फायदों के साथ-साथ जोखिम भी है। नए सिंथेटिक वायरस के निर्माण के बाद चीन की आलोचना हो रही है।

 dangerous synthetic virus | चीन ने बनाया खतरनाक वायरस

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