नेपाल से भारत तक चीन का फोरलेन प्रोजेक्ट शुरु, SSB ने बढ़ाई निगरानी, संवेदनशील क्षेत्रों पर लगेंगे सीसीटीवी कैमरे

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The Sootr
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नेपाल से भारत तक चीन का फोरलेन प्रोजेक्ट शुरु, SSB ने बढ़ाई निगरानी, संवेदनशील क्षेत्रों पर लगेंगे सीसीटीवी कैमरे

NEW DELHI. ड्रैगन के नाम से जाना जाने वाला चीन एक बार फिर भारत के लिए मुसीबत खड़ी करता नजर आ रहा है। इस बार चीन  भारत को घेरने के लिए नए पैंतरा अपना रहा है। दरअसल, अब चीन भारत और नेपाल की सीमावर्ती क्षेत्र पर फोरलेन हाईवे बना रहा है, जो नेपाल के बुटवल से होते हुए नारायण घाट से गुजरेगा। यह हाईवे नेपाल और भारत की सीमा को छुएगा। भारत में यह हाईवे बिहार के सीमावर्ती इलाकों से गुजरेगा, जिसका इस्तेमाल चीन भविष्य में भारत के खिलाफ कर सकता है।



दरअसल, भारत को चारों तरफ से घेरने के लिए चीन ने श्रीलंका में स्ट्रिंग ऑफ पर्लस (मोतियों की माला) और सिक्किम-भूटान-तिब्बत के ट्राई जंक्शन पर डोकलाम को पहले ही तैयार कर चुका है। वहीं पाकिस्तान के ग्वादर में चीन की मौजूदगी पहले से है जो भारत के सबसे करीब है। पाकिस्तान के अलावा नेपाल और बांग्लादेश को भी चीन ने आर्थिक मदद का लालच देकर अपनी तरफ करने की भरपूर कोशिशें की है। नेपाल में विकास के नाम पर शुरु हुए इस इंफ्रास्ट्रक्चर-वर्क से भारत की चिंताएं बढ़ना तय माना जा रहा है। अब इस प्रोजेक्ट वर्क पर भारतीय एजेंसियों की नजर जमी हुई है। 



टेक्निकल मॉनिटरिंग को बेहतर करने में जुटा एसएसबी 



भारत के नजदीकी इलाकों पर चीन के इंफ्रास्ट्रक्चर-वर्क के बाद अब सशस्त्र सीमा बल अपने सीमावर्ती क्षेत्रों में टेक्निकल मॉनिटरिंग को और बेहतर करने में जुट गया है। नेपाल और भारत से लगी खुली सीमा चीन की गतिविधियों का शिकार हो सकती है। इस क्षेत्र से अब भारत में घुसपैठ का खतरा और बढ़ गया है। क्योंकि नेपाल की अकेले बिहार राज्य से ही 700 किलोमीटर से ज्यादा लंबी सीमा लगती है। अब एसएसबी के सामने इतनी लंबी सीमा की सुरक्षा करना एक मुश्किल काम है, क्योंकि यह सीमा कोसों दूर तक खुली पड़ी है।



नेपाल ने भारत पर जमीन दबाने का लगाया था आरोप



चीनी दखल के बाद नेपाल ने भारत पर जमीन दबाने का आरोप लगाया था। करीब 5 महीने पहले भारत अपने इलाके (सीतामढ़ी) में सड़क बना रहा था, जिसके निर्माण पर नेपाली सुरक्षाबलों ने रोक लगवा दी थी। उसकी वजह ‘नो मेंस लैंड‘ विवाद बताया था।



'तीसरी आंख' से निगरानी होगी



भारत और नेपाल के संवेदनशील हिस्सों पर तीसरी आंख यानी सीसीटीवी कैमरे से निगरानी होगी। भारत जल्द ही संवेदनशील हिस्सों में कैमरे और लाइट्स लगाएगा। इसके लिए एसएसबी द्वारा डेटाबेस तैयार किया जा रहा है। साथ ही सॉफ्टवेयर के माध्यम से भी एसएसबी सीमावर्ती क्षेत्रों की सुरक्षा-व्यवस्था को और मजबूत करने की योजना बना रहा है। चीनी दुष्प्रचार के खिलाफ रेडियो के माध्यम से भी मदद ली जा सकती है। एसएसबी डीआईजी एसके सारंगी का कहना है कि नेपाल-भारत के बीच रोटी-बेटी के संबंधों को मजबूत करने के प्रयास कर रहे हैं। भारतीय सीमा में कुछ एफएम स्टेशन भी स्थापित किए जा रहे हैं, जिनसे नेपाल-भारत की दोस्ती बढ़ाने वाले कार्यक्रम प्रसारित होंगे।



नेशनल जियोग्राफिक रिपोर्ट में निर्माण कार्य का जिक्र



चीन द्वारा नेपाल में किए जा रहे निर्माण कार्यों का उल्लेख नेशनल जियोग्राफिक मैप रिपोर्ट 2022 में किया था। जिसमें चीन द्वारा बनाई जा रही सड़क का जिक्र शामिल रहा। नेपाल के कई इलाको में सड़क निर्माण का काम अब चीनी कंपनियों द्वारा किया जा रहा है।

 


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