केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (CISF) के लिए चयनित युवाओं के डॉक्यूमेंट वेरीफिकेशन में हुई देरी को लेकर केंद्र सरकार ने आपत्ति जताई है। दो वर्ष पहले अनुसूचित जाति-जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्ग के अभ्यर्थियों के जाति प्रमाण पत्र वेरीफिकेशन के लिए भेजे गए थे, लेकिन अभी तक यह प्रक्रिया ही पूरी नहीं हुई।
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सरकार ने दी एक माह की मोहलत
इसी तरह के 13 मामले चरित्र वेरीफिकेशन के लंबित हैं। इसके लिए केंद्र सरकार ने एक माह की अवधि निर्धारित की है। अब इसे लेकर सामान्य प्रशासन विभाग ने सभी कलेक्टरों को निर्देश दिए हैं। केंद्र सरकार ने कहा, समय सीमा के भीतर सत्यापन की प्रक्रिया पूरी करके रिपोर्ट दें।
केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल, नई दिल्ली ने मुख्य सचिव वीरा राणा को पत्र लिखकर लंबित प्रकरणों के शीघ्र निराकरण का अनुरोध किया है।
सामान्य प्रशासन विभाग ने कलेक्टरों को पत्र लिखकर कहा है कि यह प्रमाण पत्रों के सत्यापन के संबंध में केंद्र सरकार द्वारा जारी दिशा-निर्देशों का उल्लंघन है। यह कार्य एक माह में हो जाना चाहिए। इसके लिए संबंधित अधिकारियों को सूचित करें। निर्धारित समयावधि में सत्यापन नहीं किए जाने पर संबंधित अधिकारियों-कर्मचारियों के विरुद्ध अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी।
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प्रदेश के इन जिलों के प्रकरण लंबित
CISF में मध्य प्रदेश के 25 जिलों के प्रकरण लंबित है। इन जिलों में भोपाल समेत बालाघाट, मुरैना, उज्जैन, सागर, छिंदवाड़ा, खंडवा, गुना, टीकमगढ़, अनूपपुर, बैतूल, छतरपुर, दतिया, देवास, धार, ग्वालियर, नर्मदापुरम, जबलपुर, कटनी, खरगोन, मंडला, नीमच, रीवा, शिवपुरी और सिंगरौली शामिल हैं।
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