अतीक-अशरफ हत्या के आरोपियों का कबूलनामा! बताया-13 अप्रैल को कोर्ट में ही हत्या करने का था प्लान, जानें कहां से मिले हथियार

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BP Shrivastava
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अतीक-अशरफ हत्या के आरोपियों का कबूलनामा! बताया-13 अप्रैल को कोर्ट में ही हत्या करने का था प्लान, जानें कहां से मिले हथियार

PRAYAGRAJ. माफिया अतीक अहमद और अशरफ की हत्या के आरोपियों ने पुलिस के सामने कई राज खोले हैं। आरोपियों ने बताया कि अतीक की हत्या 13 अप्रैल को कोर्ट में ही करने का प्लान था, लेकिन वहां मौका नहीं मिला। इसके बाद कैल्विन अस्पताल की रेकी की और फिर घटना को अंजाम दिया। इसके साथ ही कहा कि अतीक-अशरफ को गोली से उड़ाने के बाद डर पर काबू पाने के लिए जयश्री राम के नारे लगाए।



गोगी गिरोह से मिले हथियार



सूत्रों के मुताबिक, पुलिस कस्टडी में शूटर सनी ने कबूल किया है कि इन तीनों आरोपियों को दिल्ली के जितेंद्र गोगी गिरोह के संपर्क से हथियार मिले थे। कानपुर का बाबर भी इसी गैंग से जुड़ा था। बाबर के जरिए ही ये लोग गोगी गैंग के संपर्क में आए थे। हालांकि, पुलिस सूत्रों का ये भी कहना है कि ये लगातार बयान बदल रहे हैं। 



गोगी गिरोह ने ही एनसीआर चैनल की आईडी दी



उत्तर प्रदेश पुलिस इन लोगों के दावों को क्रॉस वेरिफाई भी कर रही है। जितेंद्र गोगी गिरोह इन तीनों से एनसीआर में बड़ी वारदात कराना चाहता था। एनसीआर कनेक्शन के चलते ही गोगी गैंग ने एनसीआर चैनल की आईडी, बड़ा कैमरा, आई कार्ड इन्हें दिया था। सितंबर 2021 में जितेंद्र गोगी की रोहिणी कोर्ट में हत्या कर दी गई थी। जितेंद्र हमेशा से लॉरेंस बिश्नोई का बेहद खास था।



मरने नहीं आए थे इसलिए किया सरेंडर



इससे पहले पुलिस के सामने इन लोगों ने यह भी कबूला था कि तीनों लारेंस विश्नोई के जैसा बनना चाहते थे। इन्होंने बताया कि अस्पताल में पुलिस पर गोली चलाने का कोई प्लान नहीं था। तीनों मरने नहीं आए थे, इसलिए सरेंडर कर दिया। सनी सिंह के अपराध का कनेक्शन यूपी के कई जिलों से मिल रहा है। जालौन में भी सनी की क्राइम हिस्ट्री जुड़ी हुई है। साल 2019 में वह अपने एक साथी के साथ स्कार्पियो गाड़ी लूटकर भाग रहा था। इस दौरान उसकी कदौरा पुलिस से मुठभेड़ भी हुई थी।



 क्या था तीनों आरोपियों का प्लान



तीनों आरोपी 12 अप्रैल को लखनऊ से बस से प्रयागराज पहुंचे थे। तीनों ही काल्विन अस्पताल से डेढ़ किलोमीटर दूर रेलवे स्टेशन के सामने होटल में रुके थे। पहले 13 अप्रैल को ही कोर्ट में अतीक अशरफ को मारने का प्लान था, लेकिन उस समय इन्हें मौका नहीं मिला. इसके बाद 15 अप्रैल को दिन में इन्होंने काल्विन अस्पताल की रेकी की. दो नए मोबाइल खरीदे थे लेकिन सिमकार्ड के लिए फर्जी आईडी नहीं जुटा पाए। अतीक और अशरफ को गोली से उड़ाने के बाद डर पर काबू पाने के लिए तीनों ने जय श्री राम के नारे लगाए।


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