लोकसभा चुनाव रिजल्ट से ऐन पहले कांग्रेस का गृहमंत्री अमित शाह ( Amit Shah ) को घेरने वाला बयान उल्टा पड़ता दिख रहा है। कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने शनिवार 1 जून को दावा किया था कि गृहमंत्री अमित शाह कलेक्टर्स यानी जिला निर्वाचन अधिकारियों को को फोन करके डरा-धमका रहे हैं।
उन्होंने कहा था कि शनिवार सुबह से अमित शाह 150 अधिकारियों को फोन कर चुके हैं। इस पर रविवार को इलेक्शन कमीशन ने जयराम रमेश के दावे का संज्ञान लिया।
कमीशन ने जयराम रमेश को एक पत्र लिखकर कहा कि वे अपने दावे से जुड़ी डिटेल शेयर करें, ताकि इस मामले में सही एक्शन लिया जा सके।
ईसी ने कहा ऐसे बयान चुनावी प्रक्रिया पर संदेह पैदा करते हैं
इलेक्शन कमीशन ने जयराम रमेश को लिख पत्र में कहा कि आचार संहिता लागू होने के दौरान सभी अधिकारी इलेक्शन कमीशन को रिपोर्ट करते हैं। अब तक किसी DM ने ऐसी जानकारी नहीं दी है, जैसे आप दावा कर रहे हैं। जैसा कि आप जानते हैं कि वोट काउंटिंग की प्रक्रिया एक पवित्र ड्यूटी है, जो हर रिटर्निंग अफसर को सौंपी गई है। आपके ऐसे बयान इस प्रक्रिया पर संदेह पैदा करते हैं, इसलिए इस बयान पर ध्यान दिए जाने की जरूरत है।
150 DM की डिटेल हमें दें
कमीशन ने आगे कहा कि आप एक नेशनल पार्टी के जिम्मेदारी, अनुभवी और वरिष्ठ नेता हैं। जो फैक्ट और जानकारी आपको सही लगी, उसके आधार पर काउंटिंग की तारीख से पहले आपने ऐसा बयान दिया, इसलिए आपसे हमारी रिक्वेस्ट है कि आप उन 150 DM की डिटेल हमें दें, जिन्हें गृहमंत्री की तरफ से फोन किए जाने का आप दावा कर रहे हैं। इसके साथ ही आप तथ्यात्मक जानकारी और अपने दावे का आधार भी बताएं। यह जानकारी आप 2 जून को शाम 7 बजे तक दें, ताकि जरूरी कार्रवाई की जा सके।
इलेक्शन कमीशन पर भरोसा नहीं रहा
इसके जवाब में रविवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में जयराम रमेश ने कहा कि कांग्रेस इलेक्शन कमीशन का सम्मान करती है, लेकिन अब तक यह संस्था जिस तरह से काम करती आई है, उसकी वजह से इस पर भरोसा नहीं किया जा सकता है। इलेक्शन कमीशन संवैधानिक संस्था है, इसे निष्पक्ष होना चाहिए। लोग न सिर्फ पार्टियों, कैंडिडेट्स को बल्कि इलेक्शन कमीशन को भी देख रहे हैं।