प्राण प्रतिष्ठा का न्योता ठुकराने के बाद दो धड़ों में बंटी कांग्रेस, आचार्य प्रमोद बोले- निमंत्रण को स्वीकार ना करना बहुत दुखद

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Vikram Jain
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प्राण प्रतिष्ठा का न्योता ठुकराने के बाद दो धड़ों में बंटी कांग्रेस, आचार्य प्रमोद बोले- निमंत्रण को स्वीकार ना करना बहुत दुखद

NEW DELHI. अयोध्या में 22 जनवरी को होने वाले राम मंदिर उद्धाटन की तैयारियों के बीच कांग्रेस ने रामलाल के प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम का निमंत्रण अस्वीकार कर दिया है। कांग्रेस के इस फैसले के बाद सियासत गरमाई हुई हैं। कांग्रेस ने इसे बीजेपी और आरएसएस का कार्यक्रम बताते हुए ऐलान किया कि उनका कोई भी नेता प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में शामिल नहीं होगा। अब कार्यक्रम में कांग्रेस के शामिल नहीं होने पर पार्टी के ही कई नेताओं ने सवाल खड़े किए है। कुछ नेताओं ने पार्टी के इस फैसले पर आपत्ति जताई है। फैसले के विरोध में कांग्रेस नेताओं का कहना है कि भगवान राम देश के लोगों के लिए आस्था और विश्वास का विषय हैं।

'हमारी लड़ाई राम या अयोध्या से नहीं'

कांग्रेस नेता आचार्य प्रमोद कृष्णम ने कहा कि भगवान राम सबके हैं, मंदिर के उद्धाटन समारोह में शामिल नहीं होने का ये फैसला काफी दुखद हैं, उन्होंने कहा कांग्रेस में कुछ ऐसे नेता हैं, जिनके ऐसा फैसला कराने में अहम भूमिका निभाई हैं। इस फैसले के बाद पार्टी के कार्यकर्ता का दिल टूट गया है। राम किसी पार्टी के नहीं है। हमारी लड़ाई राम या अयोध्या से नहीं, बीजेपी से है। कुछ लोग कांग्रेस को वामपंथी रास्ते पर ले जा रहे हैं। मैं चाहता हूं कि कांग्रेस नेतृत्व को अयोध्या न जाने के फैसले पर पुनर्विचार करना चाहिए।

फैसले के विरोध में उठने लगी आवाज

साथ ही गुजरात में कांग्रेस के वर्किंग प्रेसिडेंट अंबरीश डेर और विधायक अर्जुन मोढवाडिया ने रामलला प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में पार्टी के शामिल नहीं होने गलत ठहराया है। हिमाचल प्रदेश के मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने भी अपनी ही पार्टी के फैसले का खुले तौर पर विरोध किया है। विक्रमादित्य सिंह ने तो पार्टी लाइन से अलग जाकर 22 जनवरी को अयोध्या जाने का ऐलान भी कर दिया है। उन्होंने निमंत्रण के लिए आरएसएस और विश्व हिंदू परिषद को भी धन्यवाद दिया है।

ये बीजेपी और RSS का प्रोग्राम: कांग्रेस

दरअसल, सोनिया गांधी, मल्लिकार्जुन खड़गे, अधीर रंजन समेत सभी कांग्रेस नेता इस कार्यक्रम में शामिल नहीं होंगे। कांग्रेस ने कहा है कि ये कार्यक्रम बीजेपी ने राजनीतिक लाभ के लिए आयोजित किया है। ये बीजेपी और RSS का प्रोग्राम है। कांग्रेस ने सोशल मीडिया पर एक लेटर शेयर किया है, जिसमें उसने राम मंदिर के उद्घाटन में न जाने के फैसले का कारण बताया है। पत्र में लिखा है कि धर्म निजी मामला है, लेकिन बीजेपी और ने कार्यक्रम को अपना इवेंट बना लिया है। इधर विपक्षी गठबंधन में शामिल पार्टियां में सपा, टीएमसी, CPI(M) और शिवसेना (उद्धव गुट) प्राण प्रतिष्ठा में जाने से मना कर चुकी हैं।

अनुराग ठाकुर ने विपक्ष पर बोला हमला

इधर निमंत्रण को अस्वीकार किए जाने के बाद बीजेपी ने विपक्ष पर हमला बोला है। केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि कांग्रेस ने कुछ नया नहीं किया। वे हमेशा से भगवान राम का विरोध करते आए हैं और सनातन को अपमान करने की कोशिश करते रहे हैं। उन्होंने कई मौकों पर भगवान राम के अस्तित्व को भी नकारा है। अगर उन्होंने राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा समारोह को बॉयकॉट करने का फैसला लिया है तो देश की जनता आगामी लोकसभा चुनाव में उन्हें बॉयकॉट करेगी।

निमंत्रण ठुकराना सनातन के लिए नफरत दिखाता है : स्मृति ईरानी

केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने कहा कि पहले कांग्रेस ने सुप्रीम कोर्ट में दस्तावेज दाखिल करके भगवान राम के अस्तित्व को नकार दिया था और अब उन्होंने प्राण प्रतिष्ठा का निमंत्रण ठुकराया है। कांग्रेस की अगुआई में इंडिया गुट के नेताओं ने हमेशा ही सनातन धर्म का विरोध किया है। निमंत्रण ठुकराना सनातन के लिए उनकी नफरत दिखाता है।

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