Bangalore. कर्नाटक चुनाव में जीत के लिए तरस रही कांग्रेस को बड़ी राहत मिली है। पार्टी यहां प्रचंड जीत के साथ सत्ता पर वापसी करने जा रही है। वहीं सत्तारूढ़ बीजेपी 64 सीटों के आसपास सिमटती नजर आ रही है। कर्नाटक चुनाव से पहले कांग्रेस में कई बड़े बदलाव हुए थे, पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष के पद पर मल्लिकार्जुन खड़गे बैठे, राहुल गांधी अपनी कांग्रेस जोड़ो यात्रा पूरी करने के बाद मोदी सरनेम मामले में सदस्यता खो चुके हैं। वहीं तमाम कठिनाईयों के बीच कांग्रेस ने कर्नाटक में ऑपरेशन लोटस का बदला लेने चुनाव प्रचार अभियान शुरू किया था, लेकिन इस बार भी कांग्रेस ने तब अपनी गलती दोहरा दी थी जब मल्लिकार्जुन खड़गे ने पीएम मोदी की तुलना जहरीले सांप से कर दी थी। इस मुद्दे पर बीजेपी की आक्रामकता के बीच प्रियंका गांधी ने मैदान संभाल लिया था।
बीजेपी ने लपक लिया था खड़गे का बयान
मल्लिकार्जुन खड़गे के उस बयान को जिसमें उन्होंने पीएम मोदी की तुलना जहरीले सांप से की थी, उसे बीजेपी ने पूरी तरह से लपक लिया था। खड़गे ने बयान पर सफाई भी दी लेकिन अगले दिन उनके बेटे ने एक कदम और आगे बढ़कर पीएम मोदी को नालायक कह दिया। तब प्रधानमंत्री मोदी ने कर्नाटक में अपनी आमसभा में यह कहा कि कांग्रेस ने अब तक उन्हें 91 बार गालियां दी हैं। यदि यह समय कांग्रेस सुशासन में लगाती तो आज उसकी यह हालत न होती। बीजेपी ने बकायदा 91 गालियों की लिस्ट भी जारी कर दी थी। तभी प्रियंका गांधी ने आमसभा में बीजेपी को करारा जवाब दे दिया था।
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यूं किया था प्रियंका ने पलटवार
दरअसल बीजेपी के आक्रामक हमलों के बीच प्रियंका गांधी ने बागलकोट जिले में एक जनसभा ली, जिसमें उन्होंने जनता से कहा कि आप उनके द्वारा मेरे परिवार को दी गई गालियों को देंखें, और यदि हम लिस्ट तैयार करने बैठेंगे तो एक के बाद एक कई किताबें छपवानी पड़ जाएंगी। प्रियंका ने इस दौरान कहा था कि पीएम मोदी पहले ऐसे पीएम हैं जो आपके सामने आते हैं और रोते हैं कि उन्हें गालियां दी जा रही हैं। वह आपका दुख सुनने के बजाय यहां आकर अपने बारे में बताने लग जाते हैं। प्रियंका गांधी का यह बयान सोशल मीडिया पर भी जमकर वायरल हुआ था।
दोहराई थी 2014 वाली गलती
दरअसल पहले यही लग रहा था कि मल्लिकार्जुन खड़गे ने सांप वाला बयान देकर 2014 के बाद से लगातार की जा रही गलती को दोहरा दिया है, और इसका खामियाजा कांग्रेस को भुगतना पड़ जाएगा। लेकिन अब यह कहा जा रहा है कि जिस तरह प्रियंका गांधी ने इस मुद्दे पर मोर्चा संभाला उससे बीजेपी को इस बयान से ज्यादा फायदा नहीं मिल पाया। जिसका परिणाम आज सभी के सामने है।