PANGI. राजनीति में अपने सलाहकारों और मि़त्रों के कहने पर दलबदल करना तो आम बात है, लेकिन अब भगवान भी नेताओं की निष्ठा बदलवाने लगे हैं। कांग्रेस छोड़कर बीजेपी का दामन थामने वाले पूर्व सीएम दिगंबर कामथ ने दलबदल का जो कारण बताया है, उसने सभी को चकित कर दिया है। कभी अपने सारे विधायकों को मंदिर और चर्च ले जाकर कांग्रेस से कभी दगा न करने की कसम खिलाने वाले कामथ का कहना है कि उन्होंने भगवान से पूछकर ही बीजेपी ज्वॉइन की है। मुझसे भगवान ने ही कहा है कि जो बेहतर हो वो करो, और मैंने बीजेपी की सदस्यता ले ली।
पूर्व सीएम कामत ने बुधवार 14 सितंबर को ही अपने सात विधायकों के साथ कांग्रेस छोड़कर बीजेपी की सदस्यता ग्रहण की है। गोवा में पूर्व मुख्यमंत्री कामत और वरिष्ठ नेता माइकल लोबो के नेतृत्व में कांग्रेस के 11 में से 8 विधायक बीजेपी में शामिल हो गए। इन विधायकों को सीएम प्रमोद सावंत की मौजूदगी में बीजेपी में शामिल कराया गया। कांग्रेस छोड़ने वाले विधायकों में कामत और लोबो के अलावा देलिलाह लोबो, राजेश फलदेसाई, केदार नाइक, संकल्प अमोनकर, एलेक्सियो सेक्विएरा और रूडोल्फ फर्नांडिस शामिल हैं। हालांकि चुनाव के दौरान ही कांग्रेस में दलबदल के बादल गहरा गए थे। तब तमाम अटकलों के बीच कामत ने ही सभी विधायकों को मंदिर, मस्जिद और चर्च ले जाकर कांग्रेस का साथ कभी न छोड़ने की कसम दिलाई थी। कांग्रेस छोड़कर बीजेपी की सदस्यता लेने के बाद मीडिया के सवालों के जवाब भी कामत ने भगवान के भरोसे ही दिए। उन्होंने कांग्रेस छोड़ने का कारण बताते हुए कहाकि वे भगवान में विश्वास करते हैं और यह सच है कि चुनाव से पहले उन्होंने मां लक्ष्मी के सामने कांग्रेस नहीं छोड़ने की शपथ ली थी। मगर मैं अब फिर से मंदिर गया और भगवान से पूछा कि क्या करना है। भगवान ने मुझसे कहा कि जो तुम्हारे लिए सबसे अच्छा हो वही करो। इसलिए हम सभी ने बीजेपी ज्वाइन कर ली। उन्होंने दम भरते हुए कहाकि हमने भगवान की अनुमति से ही बीजेपी का दामन थामा है।
पहले इसलिए ली थी कसम
दरअसल साल 2019 में अपने विधायकों के एक बड़े हिस्से के पार्टी छोड़ने के बाद कांग्रेस कोई चांस नहीं ले रही थी। इसी साल के आरंभ में गोवा विधानसभा चुनाव से कुछ दिन पहले फरवरी में कांग्रेस उम्मीदवारों ने राहुल गांधी की उपस्थिति में कांग्रेस के प्रति अपनी निष्ठा रखने का संकल्प लिया था। दलबदल करने वालों में से एक संकल्प अमोनकर ने उस समय कहा था कि हमने मंदिर, मस्जिद और चर्च के सामने एक वादा किया है। आज हम राहुल गांधी के सामने शपथ ले रहे हैं कि कांग्रेस का साथ कभी नहीं छोड़ेंगे।
सात महीने में भी डगमगा गई निष्ठा
फरवरी में चुनाव के दौरान मंदिर जाकर मां लक्ष्मी के सामने तथा गिरजाघर और मस्जिद में वफादारी की शपथ लेने के 7 महीने बाद गोवा में कांग्रेस विधायकों की आस्था और निष्ठा दोनों डगमगा गई है। कांग्रेस के 11 में से 8 विधायक सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो गए। बीजेपी में शामिल होने वाले कांग्रेस विधायकों ने राहुल गांधी को विश्वास दिलाया था कि वे कभी दगा नहीं करेंगे। 2017 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस सबसे बड़ी पार्टी थी और इस साल हुए चुनावों में भी कांग्रेस के 11 विधायक जीतकर आए थे। अब कांग्रेस के केवल तीन विधायक बचे हैं।
बीजेपी पहले दिन से ही दे रही है झटका
फरवरी में हुए चुनाव में गोवा की 40 सीटों में से 20 बीजेपी के खाते में गई थीं। चुनाव के बाद जुलाई में कांग्रेस में उस समय उठापटक मच गई थी जब कामत सहित कई विधायक लापता हो गए थे। दो दिन बाद कामत और माइकल लोबो समेत सभी लापता विधायक वापस आ गए थे। तब कामत ने ही पार्टी को विभाजित करने के किसी भी इरादे से इंकार कर दिया था। जबकि बीजेपी की ताकत लगातार बढ़ती रही है। चुनाव के बाद बीजेपी ने निर्दलीय और सहयोगी संगठनों के साथ लेकर बीजेपी का संख्याबल 25 हो गया था। अब कांग्रेस के 8 विधायकों को तोड़ने के बाद बीजेपी के विधायकों की संख्या 33 हो गई है। जबकि विपक्ष में केवल 7 विधायक बचे हैं। इनमें दो आम आदमी पार्टी के विधायक हैं।
कांग्रेस नेता बोले- वे दिवालिया हो गए हैं
इस दलबदल के बाद केवल तीन विधायकों के साथ बची कांग्रेस के नेता दिनेश गुंडू राव का कहना है कि उन सभी ने मंदिरों में शपथ ली। कामत ने कई बयान दिए। उन्होंने शपथ पढ़ी। इससे पता चलता है कि वे कितने दिवालिया हो गए हैं। उन्होंने कहा अब कांग्रेस हाईकमान को सोचना होगा कि हम किस तरह के लोगों को टिकट देते हैं। उनके लिए सत्ता ही सब कुछ है, विचारधारा कुछ भी नहीं है।श् बता दें कि गोवा में बीजेपी और उसके सहयोगी पहले से ही 25 विधायकों के साथ बहुमत में हैं, जो 40 सदस्यीय विधानसभा में आधे से अधिक है। बीजेपी अब 33 पर है। विपक्ष के पास सिर्फ 7 विधायक है।