New Delhi. कांग्रेस नेता राहुल गांधी की संसद सदस्यता रद्द होने के बाद उनके सरकारी बंगले को खाली कराने नोटिस जारी हो चुका है। यह नोटिस नियमानुसार लोकसभा सचिवालय की ओर से लोकसभा से अयोग्य होने के बाद आवास समिति ने दिया है। इस नोटिस पर भी कांग्रेस ने सवाल खड़े करना शुरू कर दिया है। पार्टी के नेताओं का कहना है कि राहुल गांधी को जेड प्लस सुरक्षा मिली हुई है, ऐसे में उनसे अचानक बंगला क्यों खाली कराया जा रहा है?
कांग्रेस नेता प्रमोद तिवारी ने इस कार्रवाई पर सवाल उठाते हुए कहा कि अब तक राहुल गांधी को नोटिस नहीं मिला है, लेकिन बीजेपी ने उसे मीडिया में लीक करवा दिया है। तिवारी ने कहा कि राहुल गांधी को जेड प्लस सुरक्षा मिली है, इस कारण उन पर यह नियम लागू नहीं होता कि कभी भी नोटिस जारी करके घर खाली करा लिया जाए।
दरअसल गृह मंत्रालय किसी भी वीआईपी को सुरक्षा तब देता है, जब इंटेलिजेंस ब्यूरो उस वीआईपी की थ्रेट परसेप्शन की रिपोर्ट गृह मंत्रालय को देता है। एसपीजी की सुरक्षा के बाद जेड प्लस सुरक्षा ही सबसे उच्च स्तर की मानी जाती है। इसमें वीआईपी की सुरक्षा में करीब 58 कमांडो तैनात रहते हैं। यही कारण है कि कांग्रेस की ओर से बंगला खाली कराए जाने की कार्रवाई पर सवाल उठाया गया है।
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बीजेपी ने भी किया पलटवार
वहीं कांग्रेस नेता के आरोप पर बीजेपी की ओर से भी तत्काल पलटवार किया गया है। केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने कहा है कि वह घर देश की जनता का है, ये घर कोई उनका नहीं है। वहीं केंद्रीय मंत्री अश्वनी चौबे ने भी कहा कि किसको घर दिया जाना है, किसको नहीं, यह पार्लियामेंट की हाउसिंग कमेटी और सरकार को तय करना होता है।
हालांकि बीजेपी समेत अनेक पार्टियों के कई ऐसे नेता हैं जो किसी पद पर नहीं हैं, इसके बावजूद उन्हें घर अलॉट हो रखा है। इनमें से कई को सुरक्षा भी मिली हुई है। इनमें बीजेपी नेता लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, गुलाम नबी आजाद, आनंद शर्मा के नाम इस लिस्ट में शामिल हैं। कांग्रेस नेता रंजीत रंजन ने इस पर भी सवालिया निशान लगाए हैं। उन्होंने कहा कि वे कांग्रेस के सांसद हैं लेकिन बीते 6 माह से उन्हें घर नहीं दिया गया है। उन्होंने कई मर्तबा प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर मांग की है, लेकिन अभी तक वे आवास से वंचित हैं।