खड़गे जी चाबुक चलाइए, CWC की बैठक में राहुल गांधी की अपील
कांग्रेस ने हालिया विधानसभा चुनाव में हार के बाद वर्किंग कमिटी की बैठक बुलाई, जिसमें संगठन में सुधार, चुनाव प्रक्रिया की पारदर्शिता और ईवीएम को लेकर मंथन किया।
कांग्रेस ने हालिया विधानसभा चुनाव में हार के बाद वर्किंग कमिटी (CWC) की बैठक बुलाई, जिसमें संगठन में सुधार, चुनाव प्रक्रिया की पारदर्शिता और ईवीएम को लेकर मंथन किया। पार्टी ने चुनाव आयोग की निष्पक्षता पर सवाल उठाते हुए देशव्यापी आंदोलन शुरू करने का ऐलान किया।
राहुल गांधी की अपील
राहुल गांधी ने नेताओं से हौसला बनाए रखने की अपील की और चुनावी प्रक्रिया को संदेहास्पद बताते हुए चुनाव आयोग की भूमिका पर सवाल उठाए। उन्होंने पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे से संगठनात्मक सुधार के लिए कड़े कदम उठाने की बात कही। साथ ही कहा कि खड़गे जी चाबुक चलाइए।
खड़गे का सख्त रुख
मल्लिकार्जुन खड़गे ने अनुशासन और गुटबाजी पर नाराजगी जाहिर की और संगठन में बदलाव के संकेत दिए। उन्होंने कहा कि व्यवस्था सुधारने के लिए उन्हें "चाबुक" चलाना पड़ेगा, जिस पर राहुल गांधी ने समर्थन जताया।
पार्टी ने ईवीएम बनाम बैलेट के मुद्दे पर कोई स्पष्ट रुख नहीं अपनाया। प्रियंका गांधी ने पार्टी का रुख साफ करने की जरूरत बताई, जबकि खड़गे पहले ही बैलेट की वकालत कर चुके हैं।
महाराष्ट्र और अन्य राज्यों में खराब प्रदर्शन के बाद कांग्रेस ने गहन समीक्षा की। सीडब्ल्यूसी ने चुनावी रणनीति में बदलाव और संगठन को मजबूत करने के लिए कठोर कदम उठाने पर जोर दिया।
FAQ
कांग्रेस ने चुनावी हार के बाद क्या कदम उठाए?
कांग्रेस ने हालिया विधानसभा चुनावों में हार के बाद वर्किंग कमिटी (CWC) की बैठक बुलाई, जिसमें संगठन में सुधार, चुनाव प्रक्रिया की पारदर्शिता, और ईवीएम पर मंथन किया गया।
राहुल गांधी ने बैठक में क्या कहा?
राहुल गांधी ने नेताओं से हौसला बनाए रखने की अपील की और चुनावी प्रक्रिया को संदेहास्पद बताते हुए चुनाव आयोग की भूमिका पर सवाल उठाए।
मल्लिकार्जुन खड़गे ने क्या प्रतिक्रिया दी?
मल्लिकार्जुन खड़गे ने पार्टी में अनुशासन और गुटबाजी पर नाराजगी जताई और संगठन में सुधार के संकेत दिए। उन्होंने कहा कि अगर व्यवस्था को सुधारना है तो उन्हें कड़े कदम उठाने होंगे, और इसके लिए "चाबुक" चलाना पड़ेगा, जिस पर राहुल गांधी ने समर्थन जताया।
ईवीएम पर कांग्रेस का रुख क्या था?
कांग्रेस ने ईवीएम बनाम बैलेट के मुद्दे पर स्पष्ट रुख नहीं अपनाया। प्रियंका गांधी ने पार्टी का रुख स्पष्ट करने की जरूरत बताई, जबकि मल्लिकार्जुन खड़गे पहले बैलेट के पक्ष में थे।