NEW DELHI. अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम का नाम एक बार फिर चर्चा में है। पाकिस्तान में दाऊद इब्राहिम को जहर दिए जाने की खबरों का बाजार गर्म है। बताया जा रहा है कि वह अस्पताल में भर्ती है। उसकी हालत गंभीर है और आईसीयू में है। दाऊद के रिश्तेदारों को घर में ही नजरबंद किए जाने की भी खबरें हैं। अंडरवर्ल्ड डॉन के अपराधों पर नजर मारे तो एक वक्त ऐसा था, जब उसका यूपी में बड़ा दखल हुआ करता था। बताया जाता है कि दो दशक तक उसने यूपी में रिक्रूटमेंट सेल चलाया, इसके माध्यम से भर्ती युवक क्राइम करते थे और ये गुर्गे उसके काले कारनामों को अंजाम देते थे। दाऊद यह रिक्रूटमेंट सेल माफिया बबलू श्रीवास्तव के माध्यम से चलाता था।
दाऊद का खास माना जाता था बबलू
मीडिया रिपोर्टस के अनुसार अंडरवर्ल्ड माफिया बबलू श्रीवास्तव इस समय बरेली के सेंट्रल जेल में बंद है। एक समय ऐसा था, जब बबलू श्रीवास्तव दाऊद इब्राहिम का खास माना जाता था। बताया जाता है कि दाऊद यूपी में रिक्रूटमेंट सेल बबलू श्रीवास्तव के माध्यम से चलाता था। बबलू पर यूपी समेत कई राज्यों में अवैध वसूली और हत्या जैसे कई केस दर्ज हैं। 1989 में पुलिस से बचने के लिए नेपाल चला गया था।
कौन है बबलू श्रीवास्तव
माफिया डॉन बबलू श्रीवास्तव का असली नाम ओम प्रकाश श्रीवास्तव है। वह मूल रूप से उत्तर प्रदेश के गाजीपुर जिले का रहने वाला है, उनका घर आमघाट कॉलोनी में था, उसके पिता विश्वनाथ प्रताप श्रीवास्तव जीटीआई में प्रिंसिपल थे, बबलू का बड़ा भाई विकास श्रीवास्तव आर्मी में कर्नल है।
पेशी के दौरान खुद ओमप्रकाश श्रीवास्तव उर्फ बबलू ने मीडिया के सामने खुलासा किया था कि वह अपने भाई की तरह सेना में अफसर बनना चाहता था, लेकिन उसकी जिंदगी को कॉलेज की एक छोटी सी घटना ने पूरी तरह बदल दिया, और वह कुछ और ही बन गया।
बबलू श्रीवास्तव लखनऊ विश्वविद्यालय में लॉ की पढ़ाई कर रहा था, साल 1982 में छात्रसंघ चुनाव में बबलू का साथी नीरज जैन चुनाव में महामंत्री पद का उम्मीदवार था, चुनाव प्रचार के दौरान दो छात्र गुट आपस में भिड़ जाते है, जिसमें किसी ने एक छात्र को चाकू मार दिया, घायल छात्र का संबंध लखनऊ के माफिया अरुण शंकर शुक्ला उर्फ अन्ना के साथ था, इस मामले में अन्ना ने बबलू श्रीवास्तव को आरोपी बनाकर जेल भिजवा दिया, यह बबलू के खिलाफ पहला मुकदमा था, यहीं से उसके मन में नफरत की आग जलने लगी थी। जब बबलू कुछ दिन बाद जमानत पर छूटकर बाहर आ गया, लेकिन अन्ना का गिरोह उस पर नजर लगाए बैठा था, पुलिस ने कुछ दिन बाद फिर से उसे अन्ना के कहने पर स्कूटर चोरी के झूठे आरोप में बबलू को जेल भेज दिया, उसके बाद वाहन चोरी की वारदातों में बबलू का नाम आ गया, इस बात परेशान होकर बबलू ने अपना घर छोड़ दिया, इसी दौरान वह अन्ना के विरोधी माफिया रामगोपाल मिश्र के संपर्क में आ गया और उसके लिए काम करने लगा, यही वो वक्त था जब बबलू ने अपराधी की दुनिया में कदम रख दिया था, अब वह पीछे मुड़कर नहीं देखना चाहता था।
मुंबई ब्लास्ट के बाद बिगड़े रिश्ते
बताया जाता है कि बबलू श्रीवास्तव ने लॉ की पढ़ाई तो पूरी की लेकिन साथ ही वह अपराध की दुनिया में भी बहुत आगे बढ़ चुका था, 1984 से शुरू हुआ उसका आपराधिक ग्राफ तेजी से बढ़ता जा रहा था, उसके खिलाफ कई राज्यों में अपहरण, फिरौती, अवैध वसूली और हत्या जैसे संगीन मामले दर्ज होते गए, 1989 में वह नेपाल चला गया और कुछ साल वहां रहने के बाद वह 1992 में दुबई जा पहुंचा. जहां नेपाल के माफिया डॉन और राजनेता मिर्जा दिलशाद बेग ने उसकी मुलाकात अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहीम से कराई, इसके बाद वह दाऊद इब्राहिम के लिए काम करने लगा। 1993 में हुए मुंबई बम ब्लास्ट में दोनों के रिश्ते खराब हो गए और बबलू श्रीवास्तव ने डी कंपनी को अलविदा कह दिया, कभी दाऊद के लिए जान देने का मादा रखने वाले बबलू श्रीवास्तव अब उसके दुश्मन बन गए थे।
यूपी एसटीएफ के संस्थापक सदस्य डीआईजी राजेश पांडे ने एक बयान में कहा था कि लखनऊ की जरायम की दुनिया में एक नया गैंग मजबूती से कदम जमा रहा था। यह गिरोह बबलू श्रीवास्तव का था, जिसके दुस्साहस के पीछे अंतरराष्ट्रीय माफिया डॉन दाऊद इब्राहिम का दिमाग काम कर रहा था। एक के बाद एक वारदात से यूपी पुलिस थर्रा गई थी। इसके एसटीएफ का गठन हुआ है और बबलू श्रीवास्तव पर शिकंजा कसना शुरू हुआ।