वादे के मुताबिक गोरा बनाने का दावा झूठा, इमामी कंपनी पर भारी जुर्माना

दिल्ली जिला उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग ने फेयरनेस क्रीम बनाने वाली इमामी कंपनी पर भ्रामक प्रचार को लेकर 15 लाख का जुर्माना लगाया। आयोग ने यह फैसला उपभोक्ता की शिकायत पर सुनाया है। जानें पूरा मामला

author-image
Vikram Jain
New Update
Consumer Commission imposed fine on fairness cream company Emami
Listen to this article
0.75x 1x 1.5x
00:00 / 00:00

NEW DELHI. दिल्ली में फेयरनेस क्रीम बनाने वाली कंपनी इमामी (Emami) के वादे के मुताबिक चेहरा पर गोरापन नहीं आने एक युवक जिला उपभोक्ता अदालत जा पहुंचा। अब मामले में सुनवाई करते हुए जिला उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग ने इमामी कंपनी पर 15 लाख रुपए का जुर्माना लगाया है।  यह जुर्माना इमामी के फेयर एंड हैंडसम क्रीम के भ्रामक प्रचार और पुरुषों की त्वचा को तीन सप्ताह में चमकदार बनाने के अधूरे दावे पर कार्रवाई करते हुए लगाया गया।

जानें पूरा मामला

दरअसल, दिल्ली के रोहिणी निवासी निखिल जैन ने फेयरनेस क्रीम बनाने वाली इमामी कंपनी की स्किन क्रीम का इस्‍तेमाल करने बाद खुद को छला हुआ महसूस किया था। इसके बाद निखिल जैन ने उपभोक्‍ता अदालत में दायर अर्जी में आरोप लगाया था कि इमामी कंपनी ने विज्ञापन में गोरेपन का दावा किया था, लेकिन क्रीम के इस्‍तेमाल से दावे के मुताबिक कोई नतीजा नहीं आया। निखिल जैन का आरोप है कि इमामी कंपनी ने भ्रामक प्रचार के जरिए अनुचित व्यापार व्यवहार (Unfair Trade Practices)  किया है। प्रचार में इमामी फेयर एंड हैंडसम क्रीम (Fair and Handsome Cream) को पुरुषों के लिए दुनिया की नंबर एक क्रीम होने के दावा करती है।

क्रीम के इस्‍तेमाल से नहीं मिला फायदा

निखिल जैन ने आरोप लगाया कि उन्होंने तीन हफ्ते तक अपने फेस और पीठ पर इमामी के फेयर एंड हैंडसम क्रीम का इस्तेमाल किया, लेकिन कंपनी के वादे के अनुसार उसे गोरापन नहीं दिखाई दिया। उन्होंने उत्पाद के प्रभावकारिता पर सवाल उठाते हुए कहा कि बड़ी हैरानी की बात ऐसे ही करोड़ों लोग इस क्रीम का इस्‍तेमाल कर रहे होंगे लेकिन उन्‍हें भी फायदा नहीं हो रहा होगा। लेकिन अब मैंने कोर्ट जाने का फैसला किया, ताकि दूसरे लोग मेरी तरह खामियाजा भुगतने से बच जाएं।

इमामी ने किया अपने प्रोडक्ट का बचाव

इधर, मल्टीनेशनल कंपनी इमामी ने अपने प्रोडक्ट के बचाव में कहा यह वैज्ञानिक प्रयोगों में इसे परखा गया है। यह क्रीम 16 से 35 साल के पुरुषों की त्वचा को यूवी किरणों के कारण होने वाले कालेपन से बचाव करती है। कंपनी ने आगे कहा कि क्रीम वैज्ञानिक ट्रायल से गुजरी है। उसका यह प्रॉडक्‍ट त्‍वचा की सेहत और गुणवत्‍ता में सुधारने के लिए है। 

आयोग ने इमामी के विज्ञापन को बताया भ्रामक

कंपनी का पक्ष सुनने के बाद आयोग ने इमामी के विज्ञापन को भ्रामक (Misleading Advertising) बताया। अध्यक्ष इंदर जीत सिंह और सदस्य रश्मि बंसल के नेतृत्व में जिला उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग आयोग अपना फैसला सुनाते हुए कहा कि इमामी अपने उत्पाद की पैकेजिंग और लेबलिंग में सीमित और नगण्य निर्देश प्रदान करता है।

इसमें यह दावा किया गया है कि नियमित उपयोग से तीन सप्ताह में त्वचा की रंगत में सुधार होगा। त्वचा गोरी होगी, हालांकि, ये निर्देश अधूरे हैं और विज्ञापित परिणामों को प्राप्त करने के लिए आवश्यक अन्य आवश्यकताओं का उल्लेख नहीं करते हैं। आयोग ने इमामी कंपनी को गुमराह करने वाले प्रचार और पुरुषों की त्वचा को 3 सप्ताह में गोरा बनाने के दावे के अधूरे निर्देश देने के लिए जिम्मेदार ठहराया है। साथ ही फैसला सुनाते हुए कंपनी पर 15 लाख रुपए का जुर्माना लगाया है।

thesootr links

द सूत्र की खबरें आपको कैसी लगती हैं? Google my Business पर हमें कमेंट के साथ रिव्यू दें। कमेंट करने के लिए इसी लिंक पर क्लिक करें

निखिल जैन Fair and Handsome Cream फेयर एंड हैंडसम क्रीम इमामी का भ्रामक प्रचार इमामी कंपनी पर जुर्माना दिल्ली उपभोक्ता आयोग इमामी (Emami) Consumer Commission order misleading advertising जुर्माना