LUCKNOW. कभी रामचरित मानस की एक चौपाई पर विवादित बयान देने वाले समाजवादी पार्टी के नेता स्वामी प्रसाद मौर्य ने एक बार फिर विवादित बयान दिया है। इस बार उन्होंने हिंदू धर्म पर ही निशाना साधा है। मौर्य ने कहा कि हिंदू नाम का कोई धर्म नहीं है, हिंदू धर्म केवल एक धोखा है। सही मायनों में ब्राह्मणवाद इस सारी विषमता का कारण है और उसकी जड़ें बहुत ही गहरी हैं। मौर्य ने कहा है कि ब्राह्मण धर्म को ही हिंदू धर्म कहकर देश के दलितों, आदिवासियों, पिछड़ों को धर्म के जाल में फंसाने की साजिश चली आ रही है। अगर हिंदू धर्म होता तो आदिवासियों का भी सम्मान होता, दलितों और पिछड़ों को भी सम्मान मिलता, लेकिन यह क्या विडंबना है।
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अखिलेश यादव पिछड़े थे इसलिए सीएम हाउस को धुलवाया था
स्वामी प्रसाद मौर्य यहीं नहीं रुके, उन्होंने आगे कहा कि तत्कालीन राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को मंदिर जाने से किसी पांडे ने रोक दिया था, राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू के साथ भी ऐसा ही हुआ, अगर आदिवासी समाज हिंदू होता तो उनके साथ ऐसा नहीं होता। मौर्य बोले कि पिछड़े समाज के लोग इस धोखे में न रहें कि वे उनके लिए खून भी बहा देंगे तो वे उनका सम्मान नहीं करेंगे। वह पिछड़ों और दलितो-आदिवासियों को अपमानित करना अपना धर्म समझते हैं। मौर्य ने कहा कि यूपी की सरकार ने भी गोमूत्र और गंगाजल से मुख्यमंत्री आवास को इसलिए धोया था क्योंकि अखिलेश यादव पिछड़े समाज से हैं।
मानस और धीरेंद्र शास्त्री पर दिए थे विवादित बयान
बता दें कि इसी साल की शुरुआत में स्वामी प्रसाद मौर्य ने तुलसीदास रचित रामचरित मानस की एक चौपाई को लेकर विवादित बयान दिया था। जिसके बाद देश भर में रामचरित मानस की प्रतियां जलाई गई थीं। इसकी प्रतिक्रिया स्वरूप मौर्य पर सोनभद्र में स्याही फेंकी गई थी। स्वामी प्रसाद मौर्य बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर पं धीरेंद्र शास्त्री पर भी विवादित बयान देकर सुर्खियों में आए थे। अपने विवादित बयानों के चलते उन्हें कई बार असहज परिस्थितियों का भी सामना करना पड़ा है। 21 अगस्त को ही ओबीसी महासम्मेलन के दौरान उन पर वकील के भेष में आए एक शख्स ने जूता फेंक दिया था। बाद में सपा कार्यकर्ताओं ने उस युवक से मारपीट कर उसे पुलिस के हवाले कर दिया था।