नई दिल्ली. कोरोना के नए वैरिएंट ओमिक्रॉन के कारण देश में कोविड पॉजिटिव केस इंडिया में लगातार बढ़ रहे हैं। कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए कई राज्यों में पाबंदियां लगा दी गई हैं। ओमिक्रॉन अब तक देश के 23 राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों में फैल चुका है। ऐसे में देश में कोरोना की तीसरी लहर को लेकर चर्चा तेज हो गई है। इसी बीच कई एक्सपर्ट्स ने दावा किया है कि देश में कोरोना की तीसरी लहर दस्तक दे चुकी है।
ओमिक्रॉन वैरिएंट के मामले 50 प्रतिशत से भी अधिक हैं। टीकाकरण संबंधी राष्ट्रीय तकनीकी सलाहकार समूह (NTAGI) के कोविड-19 कार्य समूह के अध्यक्ष डॉ एनके अरोड़ा ने कहा है कि पिछले एक सप्ताह में आए मामलों में तेज बढ़ोतरी वैश्विक महामारी की तीसरी लहर की ओर इशारा करती है, जैसा कि कई अन्य देशों में देखा जा रहा है। देश के अधिकतर राज्यों में ओमीक्रॉन के मामले पाए गए हैं।
उन्होंने कहा कि बड़े शहरों और आस-पास के इलाकों में दैनिक मामलों में वायरस के नए स्वरूप के मामले 50 प्रतिशत से भी अधिक हैं। पिछले एक सप्ताह में कोविड-19 के मामलों में तेज बढ़ोतरी तीसरी लहर का संकेत देती है, जो कि दुनिया के कई अन्य देशों में भी देखी जा रही है। हालांकि उन्होंने जोर दिया कि लोगों को घबराने की आवश्यकता नहीं है।
अरोड़ा ने कहा कि देश में 80 प्रतिशत से अधिक लोग वायरस से प्राकृतिक रूप से संक्रमित हो चुके हैं, 90 प्रतिशत से अधिक वयस्कों को कोविड-19 रोधी कम से कम एक टीका लग चुका है और 65 प्रतिशत लोगों का पूर्ण टीकाकरण हो चुका है। उन्होंने कहा, ‘दक्षिण अफ्रीका में ओमीक्रोन की लहर दो सप्ताह में तेजी से फैली और यदि हम वहां संक्रमण की लहर पर गौर करें तो मामलों की संख्या कम होनी शुरू हो गई है और अधिकतर लोगों में बीमारी के लक्षण नहीं हैं या मामूली लक्षण हैं।’
हेल्थ एक्सपर्ट्स ने कहा है कि देश में कोरोना वायरस का ओमिक्रॉन वेरिएंट आगे चलकर बड़े संक्रमण का कारण बन सकता है लेकिन इससे ज्यादा नुकसान या घबराने की जरुरत नहीं है। क्योंकि इस वैरिएंट के लक्षण अन्य वेरिएंट्स की तुलना में कम गंभीर हैं। दिल्ली के हेल्वेटिया मेडिकल सेंटर के फिजिशियन डॉ एस चंद्रा ने न्यूज एजेंसी एएनआई से कहा कि, ओमिक्रॉन वैरिएंट से संक्रमित मरीजों में हल्के और सामान्य लक्षण देखने को मिल रहे हैं और 2-3 दिन में यह कम हो रहे हैं। डॉ एस चंद्रा ने कहा कि भविष्य में ओमिक्रॉन संक्रमण के मामले में अन्य वैरिंट्स पर भारी पड़ सकता है लेकिन इसमें कोई बुरी बात नहीं है क्योंकि तथ्य यह है कि इस वेरिएंट के लक्षण बेहद कम गंभीर हैं।