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NEW DELHI. आरएसएस चीफ मोहन भागवत ने भारत सरकार की सराहना की, साथ ही चीन और अमेरिका को आड़े हाथ लिया। उन्होंने कहा कि भारत अब धर्म के लिए आगे बढ़ रहा है। धर्म के लिए लड़ने वाला देश किसी दूसरे देश से लाभ नहीं उठाएगा। भारत लाभ देने वाला देश है। उन्होंने चीन और अमेरिका पर निशाना साधते हुए कहा कि कुछ विकसित देश अपनी शक्ति का इस्तेमाल कर दूसरे देशों पर धाक जमाने की कोशिश करते हैं। पहले रूस ऐसा करके यूक्रेन पर धाक जमाने का प्रयास कर रहा था। इसके बाद अमेरिका ने इस पर अपना अधिकार कर लिया। अब लगता है कि चीन इस काम में अमेरिका से भी आगे निकल जाएगा।
अमेरिका और रूस यूक्रेन को मोहरा बनाकर लड़ रहे
संघ प्रमुख भागवत ने एक कार्यक्रम में कहा कि बड़े होकर (ताकतवर बनकर) बड़े देश क्या करते हैं, डंडा चलाते हैं। अमेरिका और रूस यूक्रेन को मोहरा बनाकर लड़ रहे हैं। विकसित होकर कुछ देश डंडा चलाने का काम करते हैं। रूस और अमेरिका दोनों ही देशों ने भारत से इस मामले में उनका पक्ष लेने के लिए कहा था, लेकिन भारत ने जवाब में कहा कि सभी देश हमारे दोस्त हैं और उसने सबसे पहले यूक्रेन को मदद पहुंचाने का काम किया। भारत ने दो टूक कहा था कि ये लड़ाई का जमाना नहीं है, इसलिए युद्ध बंद किया जाए।
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धर्म के लिए आगे बढ़ रहा है भारत
भारत की विदेश नीति की तारीफ करते हुए भागवत ने आगे कहा कि पहले ऐसी हिम्मत नहीं थी कि भारत इस तरह से अपना स्टैंड ले सके। भारत अब धर्म के लिए आगे बढ़ रहा है। उन्होंने कहा कि धर्म के लिए लड़ने वाला देश किसी दूसरे देश से लाभ नहीं उठाएगा। भारत लाभ देने वाला देश है. दरअसल, जब यूक्रेन और रूस के बीच युद्ध चल रहा था तब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने साफ शब्दों में कहा था कि ये युद्ध का युग नहीं है।
भागवत ने कहा- भारत देने वाला देश
भागवत ने कहा कि श्रीलंका पहले चीन से और पाकिस्तान से दोस्ती करता था और हमको (भारत) जरा दूर ही रखता था। हालांकि, जब श्रीलंका खतरे में पड़ा तो उसकी मदद के लिए कौन आगे आया? उन्होंने कहा कि उसकी मदद के लिए दुनिया का एक ही देश आया। उस देश का नाम भारत है। हमारे कमाए हुए से कोई और भूखा जीवित रह रहा है तो भारत देने वाला देश है।