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चुनाव सुधारों पर काम करने वाली संस्था एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (Association for Democratic Reforms - ADR) ने हाल ही में देश की महिला सांसदों और विधायकों पर एक विस्तृत रिपोर्ट जारी की है।
रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि देश की 512 महिला सांसदों और विधायकों में से 28% (143) पर आपराधिक मामले दर्ज हैं। इनमें से 78 नेताओं (15%) पर हत्या, अपहरण जैसे गंभीर अपराधों के केस दर्ज हैं। रिपोर्ट के अनुसार आंध्र प्रदेश में सबसे अधिक 174 में से 138 (79%) MLA ने जबकि, सिक्किम में सबसे कम 32 में से सिर्फ एक विधायक (3%) ने अपने खिलाफ आपराधिक मामले बताए हैं।
17 महिला नेता हैं अरबपति, औसत संपत्ति ₹20.34 करोड़
एडीआर रिपोर्ट के अनुसार, 17 महिला नेताओं ने अपने चुनावी हलफनामों में 100 करोड़ रुपए या उससे अधिक संपत्ति घोषित की है। इनमें लोकसभा की 6, राज्यसभा की 3 और विधानसभा की 8 महिलाएं शामिल हैं। कुल मिलाकर सभी 512 महिला प्रतिनिधियों की संपत्ति ₹10,417 करोड़ है, जिससे पता चलता है कि हर एक के पास औसतन ₹20.34 करोड़ की संपत्ति है।
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71% महिला नेता ग्रेजुएट या उससे ऊपर शिक्षित
ADR रिपोर्ट यह भी बताती है कि 71% महिला नेता ग्रेजुएट या उससे अधिक पढ़ी-लिखी हैं। वहीं 24% नेताओं ने 5वीं से 12वीं तक की पढ़ाई की है और 12 महिलाओं ने डिप्लोमा किया है। उम्र के आधार पर 64% महिला नेताओं की उम्र 41 से 60 साल, 22% की 25 से 40 साल और 14% की 61 से 80 साल के बीच है।
ADR की अन्य रिपोर्ट्स
- देश के 45% विधायक आपराधिक मामलों में आरोपी हैं। देश के 28 राज्यों और तीन केंद्र शासित प्रदेशों (UT) के 4123 विधायकों में से 4092 द्वारा दिए गए हलफनामे का विश्लेषण किया गया।
- तेलगू देशम पार्टी (TDP) के 134 में से 115 विधायक (86%) क्रिमिनल रिकॉर्ड वाले हैं।
- चंद्रबाबू नायडू भारत के सबसे अमीर मुख्यमंत्री हैं, जिनकी संपत्ति 931 करोड़ रुपए से ज्यादा है, जबकि ममता बनर्जी सबसे गरीब हैं जिनकी संपत्ति केवल ₹15 लाख है।
- भारत की 2023-24 में प्रति व्यक्ति आय ₹1.85 लाख थी। इस समय मुख्यमंत्री की औसत आय ₹13.64 लाख रही, जो लगभग 7.3 गुना अधिक है।
BJP को मिला सबसे ज्यादा पैसा
ADR की रिपोर्ट के मुताबिक वित्त वर्ष 2023-24 में भाजपा को सबसे ज्यादा ₹4,340.47 करोड़ चंदा मिला, जो कुल चंदे का 74.57% है। कांग्रेस को ₹1225.12 करोड़ और आम आदमी पार्टी को ₹22.68 करोड़ मिले।
भाजपा ने इस राशि का 51% खर्च किया, जबकि कांग्रेस ने 83.69% और AAP ने अपनी आय से अधिक (₹34.09 करोड़) खर्च कर डाले।
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