महिला को 9 महीने तक नहीं हुई भनक, 17 घंटे में हुआ ऐसा चमत्कार, डॉक्टर भी हो गए हैरान!

ऑस्ट्रेलिया में एक महिला को गर्भवती होने के कुछ घंटे बाद ही बच्चे का जन्म हुआ, जिससे वह चौंक गई। डॉक्टर्स ने इसे "क्रिप्टिक प्रेग्नेंसी" कहा, जहां महिला को गर्भावस्था का पता नहीं चलता और सामान्य जीवन जीती रहती है।

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Manya Jain
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ऑस्ट्रेलिया में एक महिला के लिए प्रेग्नेंसी का एहसास बेहद चौंकाने वाला था। महिला ने गर्भवती होने के सिर्फ कुछ घंटों बाद ही बच्चे को जन्म दिया।

यह मामला पूरी दुनिया में चर्चा का विषय बन गया, हलांकि डॉक्टर्स ने इसे "क्रिप्टिक प्रेग्नेंसी" कहा है। इस स्थिति में महिला को गर्भवती होने का पता नहीं चलता और वह पूरी गर्भावस्था के दौरान सामान्य जीवन जीती है, केवल कुछ समय पहले बच्चे के जन्म का एहसास होता है।

क्या होती है क्रिप्टिक प्रेग्नेंसी ?

क्रिप्टिक प्रेग्नेंसी एक दुर्लभ और रहस्यमयी स्थिति है जिसमें महिला को गर्भावस्था के दौरान सामान्य लक्षण महसूस नहीं होते हैं, जैसे पेट का बढ़ना, मिचली, या बच्चे की हलचल।

इस स्थिति में महिला को यह एहसास नहीं होता कि वह गर्भवती है। गर्भवती महिला के शरीर में कोई बड़े बदलाव नहीं होते, और पीरियड्स जैसी ब्लीडिंग जारी रहती है, जिससे महिला को समझ नहीं आता कि वह गर्भवती है।

चार्लोट समर्स का चौंकाने वाला अनुभव

चार्लोट समर्स नाम की 20 वर्षीय महिला का यह अनुभव एक ऐसी क्रिप्टिक प्रेग्नेंसी की मिसाल बन गया, जिसने सभी को हैरान कर दिया। जून में, जब महिला ने अपने बच्चे को जन्म दिया, तो उसे पहले से यह भी नहीं पता था कि वह गर्भवती है।

चार्लोट के मुताबिक, कुछ महीने पहले उसका वजन बढ़ने लगा था, और उसने इसे अपनी जिंदगी के तनावपूर्ण दौर का परिणाम मान लिया था।

चार्लोट ने अपने वजन बढ़ने पर एक टिकटॉक वीडियो भी पोस्ट किया था, जिसमें उसने बताया कि उसे लगा था कि वह हैप्पी रिलेशनशिप और तनाव की वजह से वजन बढ़ने का अनुभव कर रही है। उसे कभी यह एहसास नहीं हुआ कि वह गर्भवती है।

किस तरह से हुआ यह एहसास ?

चार्लोट समर्स ने 6 जून को एक डॉक्टर से सलाह ली थी, क्योंकि उसे ग्लूटेन से संबंधित कुछ पेट की समस्याएं हो रही थीं। डॉक्टर ने उसे प्रेग्नेंसी टेस्ट कराने के लिए कहा। इसके बाद जब टेस्ट हुआ, तो यह जानकारी मिली कि वह गर्भवती हैं।

इसके बाद डॉक्टरों ने उसका अल्ट्रासाउंड किया और पाया कि वह 38 हफ्ते और 4 दिन की गर्भवती थीं।

यह जानकारी महिला और डॉक्टर दोनों के लिए चौंकाने वाली थी। रिपोर्ट में यह भी बताया गया कि चार्लोट के गर्भ में एमनियोटिक फ्लूइड की कमी थी, जिससे प्रसव को जल्दी शुरू करना पड़ा। सात मिनट के भीतर ही महिला ने अपने बेटे को जन्म दिया।

चार्लोट का अनुभव

चार्लोट को कहना है कि, "सब कुछ अचानक हुआ। मुझे बिल्कुल समझ नहीं आया कि क्या हो रहा था। फिर जब होश आया तो मैंने देखा कि मेरा बेटा मेरी गोद में था। यह सब बहुत तेज़ी से हुआ और मैं पूरी तरह से हैरान थी।"

क्रिप्टिक प्रेग्नेंसी के लक्षण

इस दुर्लभ स्थिति में महिला को किसी प्रकार के गर्भवती होने के सामान्य लक्षण नहीं होते। न ही पेट का आकार बढ़ता है, न ही बच्चे की हलचल महसूस होती है, और न ही वजन में कोई विशेष बदलाव होता है।

इसके साथ ही, पीरियड्स जैसी ब्लीडिंग भी होती रहती है, जिससे महिला को यह नहीं समझ आता कि वह गर्भवती है।

क्या है क्रिप्टिक प्रेग्नेंसी के कारण?

इस स्थिति के कारणों के बारे में पूरी तरह से जानकारी नहीं है, लेकिन यह माना जाता है कि यह हार्मोनल असंतुलन, गर्भाशय की स्थिति या कुछ जीन से संबंधित हो सकता है। हालांकि, यह स्थिति काफी दुर्लभ है और बहुत कम महिलाओं में इसका अनुभव होता है।

क्या यह खतरे का कारण हो सकता है?

क्रिप्टिक प्रेग्नेंसी एक ऐसा अनुभव है जो महिला और चिकित्सकों दोनों के लिए चुनौतीपूर्ण हो सकता है। इस स्थिति में समय पर इलाज और निगरानी की कमी हो सकती है, जिससे कुछ जटिलताएं हो सकती हैं।

इसके अलावा, गर्भाशय में एमनियोटिक फ्लूइड की कमी जैसी स्थितियां भी गंभीर परिणाम उत्पन्न कर सकती हैं, जैसा कि चार्लोट के मामले में हुआ।

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