NEW DELHI. उत्तराखंड (Uttarakhand) के हल्द्वानी में गुरुवार को बड़ा बवाल हो गया, यहां अवैध मदरसा और मस्जिद के नाम पर किए गए अतिक्रमण को तोड़ने पहुंची टीम पर उपद्रवियों ने पथराव के बाद आगजनी दी। थाने को भी घेरते हुए वाहनों में आग लगा दी। उपद्रवियों को तितर-बितर करने के लिए पुलिसकर्मियों ने हवाई फायरिंग (aerial firing) की और आंसू गैस के गोले भी दागे। इस हिंसा में कई पुलिसकर्मी घायल हो गए। इस दौरान कुछ लोगों के घायल होने की भी सूचना है। प्रदर्शनकारियों को रोकने के लिए अतिरिक्त पुलिसबल (Police Force) बुलाया गया है।
दंगाइयों को देखते ही गोली मारने के आदेश
फिलहाल हल्द्वानी (violence in haldwani) में मोबाइल-इंटरनेट पर पाबंदी लगा दी गई है। सीमावर्ती इलाकों को सील कर दिया गया है। यूपी के बॉर्डर इलाकों को भी अलर्ट किया गया है। हल्द्वानी में भारी हिंसा के बाद कर्फ्यू (curfew) लगा दिया गया है। नैनीताल की जिलाधिकारी ने वन भूलपुरा क्षेत्र में कर्फ्यू लगाते हुए दंगाइयों को देखते ही गोली मारने के आदेश दिए हैं। हल्द्वानी से सटे उधमसिंहनगर जिले में धारा 144 लागू करते हुए सुरक्षा बढ़ाई गई है। हल्द्वानी में सभी पेट्रोल पंप बंद कर दिए गए हैं।
उपद्रवियों से सख्ती से निपटने के निर्देश
इस गंभीर मामले को लेकर मुख्यमंत्री पुष्कर धामी (CM Pushkar Dhami) ने हाई लेवल मीटिंग की है और उपद्रवियों से सख्ती से निपटने को कहा है। उन्होंने मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक के साथ हालत की समीक्षा की। साथ ही लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की। उन्होंने अशांति फैलाने वालों के खिलाफ सख्ती बरतने के निर्देश दिए हैं।
क्या है पूरा मामला
दरअसल वनभूलपुरा के मलिक का बगीचा क्षेत्र की नजूल भूमि पर अतिक्रमण है। कोर्ट के आदेश पर पिछले दिनों नगर निगम की टीम ने अभियान शुरू किया था। इस दौरान क्षेत्र में बने भवनों को ध्वस्त किया गया। अतिक्रमण हटाने के दौरान मदरसा और मस्जिद के भी नजूल भूमि में होने पर निगम ने दोनों को तोड़ने के लिए कार्रवाई शुरू की थी। इससे पहले मदरसा और मस्जिद को सील कर दिया था।
ऐसे शुरू हुआ हंगामा
गुरुवार को प्रशासन और नगर निगम की टीम भारी पुलिस बल के साथ मौके से अतिक्रमण हटाने पहुंची। दोपहर ढाई बजे तक कोतवाली के बाहर हल्द्वानी के आसपास के थानों की फोर्स और तीन बस रिजर्व पुलिस की पहुंच गई थी। शाम को पुलिस फोर्स के साथ नगर निगम टीम ने अतिक्रमण ढहाने पहुंची। कार्रवाई के शुरू होते ही स्थानीय लोगों ने विरोध शुरू कर दिया। इस दौरान क्षेत्र में तनाव फैल गया। देखते ही देखते भड़के हुए लोगों ने पथराव कर दिया जिसमें एसडीएम सहित कई पुलिसकर्मी और निगम कर्मचारी घायल हो गए।
पुलिस ने किया लाठीचार्ज, छोड़े आंसू गैस के गोले
इतना ही नहीं नगर निगम की जेसीबी में तोड़फोड़ की गई। इस दौरान लोगों ने पथराव शुरू कर दिया। बचाव में पुलिस ने भी पथराव किया और कई राउंड आंसू गैस के गोले भी दागे। पुलिस ने लाठीचार्ज करके भीड़ को हटाने की कोशिश की, लेकिन हालात बिगड़ते चले गए। एक दर्जन के अधिक वाहनों को आग के हवाले कर दिया गया। उद्रवियों ने थाने को भी फूंक दिया।
'किसी भी दोषी को बख्शा नहीं जाएगा'
मामले में नैनीताल जिलाधिकारी ने बताया कि किसी भी दोषी को बख्शा नहीं जाएगा, हमारे पास वीडियो रिकॉर्डिंग से लेकर दंगाइयों के अनेक इनपुट हैं, उन सबको एकत्र किया जा रहा है। नुकसान की भरपाई उन्हीं दंगाइयों के द्वारा की जाएगी। जानकारी जुटाने के लिए दंगाइयों के पोस्टर भी जारी किए जाएंगे। पुलिस और प्रशासन ने धैर्य का परिचय दिया है, अवैध अतिक्रमण पर हमारा अभियान रुकने वाला नहीं है।