बीच और आइलैंड का नाम सुनते ही हममें से बहुत से लोगों के चेहरे पर एक चमक सी आ जाती है। सभी लोग ऐसी जगहों की तलाश में रहते हैं, जहां शांत और सुंदर समंदर के किनारे हो। एक ऐसा ही द्वीप है, जो खूबसूरत तो है। लेकिन यहां कोई जा नहीं सकता। इसके पीछे की वजह भी काफी रहस्यमयी और दिलचस्प है।
वीरान है आइलैंड
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक स्कॉटलैंड में एक ऐसा ही रिमोट आइलैंड है, जो बिल्कुल वीरान है। स्कॉटलैंड कोस्ट से एक किलोमीटर की दूरी पर मौजूद इस जगह को देखकर आप मोहित हो सकते हैं।
लेकिन यहां जा नहीं सकते। दरअसल 1940 के दशक के बाद से यहां कभी कोई इंसान नहीं गया या फिर यूं कहें कि टिक ही नहीं सका। चलिए जानते हैं इस अनोखे द्वीप की कहानी क्या है।
शापित है ये आइलैंड…
इस द्वीप का नाम है Gruinard, जो कि Laide और Ullapool के पास मौजूद है। जानकारी के मुताबिक इस आइलैंड के शापित होने की कहानी द्वितीय विश्वयुद्ध से जुड़ी हुई है।
उस दौरान ब्रिटिश राजनेता चर्चिल को आशंका थी कि जर्मनी कोई बायोकेमिकल वेपन बना रहा है। ऐसे में उन्होंने अपने वैज्ञानिकों को ऐसा ही एक वेपन बनाने के आदेश दिए
जिसे वक्त आने पर इस्तेमाल किया जा सके। ब्रिटिश वैज्ञानिकों ने एंथ्रॉक्स ( anthrax ) नाम का वेपन बनाया है।
इसकी टेस्टिक Gruinard आइलैंड पर हुई। यही वजह है कि यहां की मिट्टी में इस खतरनाक बीमारी के बैक्टीरिया समाए हुए हैं, जिसके संपर्क में आने से इंसान बीमार हो सकता है।
भेड़ों के झुंड को भेजा आइलैंड
जानकारी के मुताबिक आइलैंड के मालिकों की अनुमति से यहां एंथ्रॉक्स बमों का परीक्षण हुआ था। इसका परीक्षण भी भेड़ों के झुंड को यहां रखकर किया गया था।
बम फटने के बाद धीरे-धीरे भेड़ें मर गईं और उनके शव जल गए। इसी के बाद यहां की मिट्टी ज़हरीली हो गई। हालांकि इन बमों का इस्तेमाल जर्मनी पर नहीं हुआ।
लेकिन साल 1981 में यहां की ज़हरीली मिट्टी को लेकर रिपोर्ट्स आने लगीं। जब इसकी टेस्टिंग हुई तो पता चला कि अब भी आइलैंड की मिट्टी बायोवेपन के ज़हर से मुक्त नहीं हुई है। इसे साफ करने की भी कोशिशें सरकार की ओर से की गईं थी। यहां के सारे समुद्री जीवों को मार दिया गया और मिट्टी को साफ किया गया।
कोशिश नहीं हुई सफल
साल 2007 में एक बार फिर से इस जगह समुद्री जीवों को विकसित किया जाने लगा था। लेकिन ये प्रयोग सफल नहीं रहा। हालांकि बाद में भेड़ों का एक झुंड यहां लाया गया,
जो ज़िंदा भी रह गए। वो बात अलग है कि साल 2022 में एक बार फिर यहां भीषण आग लगी और ये आग इतनी भयानक थी कि इसे नरक की आग तक कहा गया था।
बाद में द्वीप के ओनर Gruinard Estate की ओर से कहा गया कि जंगल की आग आइलैंड के लिए फायदेमंद रही। इतने के बाद भी आइलैंड पर बसने वाला कोई नहीं है।
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