Ahmedabad.अरब सागर में बना तूफान बिपरजॉय रातभर में काफी आगे बढ़ गया है। आज (15 जून) यह गुजरात पहुंच जाएगा। महाराष्ट्र पर भी इसका भारी असर रहेगा। तूफान कच्छ और सौराष्ट्र की तरफ मुड़ गया है और शाम तक जखाऊ पोर्ट के पास तट से टकरा सकता है। टकराने से पहले यह थोड़ा और कमजोर हो सकता है, लेकिन इसमें तबाही मचाने की क्षमता बनी हुई है। तूफान के चलते गुजरात के सौराष्ट्र और कच्छ क्षेत्रों में बुधवार (14 जून) को तेज हवाएं चलीं और भारी बारिश हुई। मौसम विभाग के अनुसार गुरुवार (15 जून) को भी कई जगह भारी बारिश और 125 किमी घंटे की रफ्तार से हवाएं चलने की संभावना है, जो 150 किमी प्रति घंटे तक पहुंच सकती हैं। सौराष्ट्र और कच्छ में दो से तीन मीटर उंची लहरें उठ सकती हैं। निचले इलाकों में पानी भर सकता है।
कल राजस्थान की ओर बढ़ेगा
कच्छ, सौराष्ट्र पार करने के बाद 16 जून को तूफान का प्रभाव दक्षिण राजस्थान पर दिखेगा। 17 जून के बाद स्थितियों में सुधार हो सकता है। बिपरजॉय दक्षिणपूर्वी अरब सागर में 6-7 जून को बना था। इसके बाद यह 11 जून को प्रचंड तूफान में बदल गया।
गुजरात समेत नौ राज्यों के लिए 48 घंटे अहम
गुजरात ही नहीं, राजस्थान, महाराष्ट्र और केरल सहित 9 राज्यों के लिए अगले 48 घंटे बेहद अहम हैं। तूफान के असर से बुधवार (14 जून) को भी गुजरात, महाराष्ट्र के तटीय इलाकों में तेज हवाओं के साथ भारी बारिश हुई। देवभूमि द्वारका के खंभालिया में सबसे ज्यादा 121 मिलीमीटर बारिश हुई। जामनगर, जूनागढ़, राजकोट, पोरबंदर और कच्छ में भी 50 मिलीमीटर से ज्यादा बारिश हुई। ऊंची लहरों के चलते तीन दिन में अब तक नौ लोगों की मौत हो चुकी है।
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कसी कमर- सैटलाइट फोन से लैस बचाव टीमें तैनात
महाराष्ट्र और गुजरात में एनडीआरएफ की 33 टीमें तैनात हैं। प्रत्येक टीम में 35 से 40 कर्मी हैं। इनके पास पेड़ और खंभे काटने की मशीनें, बिजली से चलने वाली आरी, हवा भरकर फुलाई जाने वाली नावें, दवाएं जैसी जरूरी चीजें हैं। इनमें गुजरात में 18 टीमें लगी हैं। वहां एसडीआरएफ की 12, राज्य सड़क और भवन विभाग की 115 टीमें और बिजली विभाग की 397 टीमें अलग-अलग तटीय जिलों में तैनात हैं। ये तूफान प्रभावित इलाकों में बिजली और टेलिफोन लाइनों को बहाल करेंगे। कम्युनिकेशन के लिए इनके पास रेडियो सेट और सैटलाइट फोन हैं।
अब तक... 50 हजार लोग शिफ्ट, 67 ट्रेनें निरस्त
गुजरात में तटीय इलाकों से 50 हजार से अधिक लोगों को अस्थाई शेल्टरों में भेजा गया है। गुजरात के तटों से 10 किलोमीटर दूर तक स्थित गांवों को खाली करवा लिया गया है। तटीय इलाकों से चार हजार से अधिक होर्डिंग को हटाया गया है। एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, बीएसएफ तूफान से बचाव के काम में लगी हैं। बीएसएफ ने भी कहा है कि वे किसी भी स्थिति से निबटने के लिए तैयार हैं। शेल्टर होम सरकारी स्कूलों और ऑफिसों में बनाए गए हैं। यहां खाने, पीने और दवाओं के इंतजाम भी हैं। रेलवे ने एहतियातन 67 ट्रेनों को निरस्त कर दिया है।
सरकार सचेत- गृह मंत्री, रक्षा मंत्री और स्वास्थ्य मंत्री ने लिया स्थिति का जायजा
रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने तीनों सेना प्रमुखों के साथ मीटिंग की और तूफान से निपटने की तैयारियों का जायजा लिया। उन्होंने कहा किसी भी स्थिति के लिए सेना तैयार है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया ने तैयारियों का जायजा लिया। गुजरात के सीएम भूपेंद्र पटेल भी राज्य सरकार के इमरजेंसी सेंटरों का दौरा कर चुके हैं। इससे पहले केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने हर स्थिति से निबटने के लिए संबंधित विभागों और गुजरात के मुख्यमंत्री के साथ बैठक की थी।
आकाशवाणी ने द्वारका में 90 मीटर ऊंचा टावर गिराया
आकाशवाणी ने बुधवार (14 जून) को गुजरात के द्वारका में रस्सी से बंधे 90 मीटर ऊंचे अपने ‘ट्रांसमिशन टॉवर’ को तोड़ दिया है। तूफान के कारण टावर गिरने से कोई हादसा न हो, इसके लिए यह कदम उठाया गया है। सेफ्टी ऑडिट में 35 साल पुराने इस टावर को हटाने की सिफारिश की गई थी।