दैनिक भास्कर ने तमिलनाडु में बिहारी श्रमिकों पर हमले की झूठी खबर छापी, मद्रास HC का पहले पेज पर खंडन छापने और माफी मांगने का आदेश

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Rahul Garhwal
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दैनिक भास्कर ने तमिलनाडु में बिहारी श्रमिकों पर हमले की झूठी खबर छापी, मद्रास HC का पहले पेज पर खंडन छापने और माफी मांगने का आदेश

CHENNAI. मद्रास हाईकोर्ट ने तमिलनाडु में प्रवासी श्रमिकों के खिलाफ हमलों के बारे में कथित रूप से झूठी और फर्जी खबरें छापने और प्रसारित करने के मामले में 'दैनिक भास्कर' (Dainik Bhaskar) ग्रुप के डिजिटल डिवीजन DB Digital के न्यूज एडिटर प्रसून मिश्रा को अग्रिम जमानत देते हुए खंडन प्रकाशित करने का निर्देश दिया है। हाईकोर्ट ने उन्हें संबंधित खबरों का खंडन ग्रुप के सभी पब्लिकेशन के पहले पेज/होमपेज पर प्रकाशित करने को कहा है। अदालत ने न्यूज एडिटर प्रसून मिश्रा को इस शर्त पर गिरफ्तारी से अग्रिम जमानत दी है कि वे खंडन में स्पष्ट रूप से लिखें कि उन्होंने फर्जी खबर प्रकाशित की है। सच्चाई को जांचे, परखे और पुष्टि किए बिना। किसी को भी इन खबरों का अनुसरण या पोस्ट नहीं करना चाहिए। इस कृत्य के लिए वे इस कोर्ट और तमिलनाडु के लोगों से बिना शर्त माफी मांगते हैं।




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दैनिक भास्कर ने 3 मार्च 2023 को पहले पेज पर छापी थी ये खबर





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मद्रास हाईकोर्ट का आदेश




पहले पेज पर खंडन के साथ माफी मांगने की शर्त पर प्रसून मिश्रा को मिली जमानत



हाईकोर्ट के जस्टिस एडी जगदीश चंदिरा ने इस मामले में सत्यता की पुष्टि किए बिना या मामले की संवेदनशीलता को समझे बगैर एक संवेदनशील खबर प्रकाशित करने की प्रवृत्ति की भी आलोचना की है। उन्होंने कहा है कि ये अदालत इतनी संवेदनशील खबर, इससे जुड़े तथ्यों की सत्यता की पुष्टि किए बिना प्रकाशित करने के याचिकाकर्ता के कृत्य की कड़ी निंदा करती है। हालांकि याचिकाकर्ता (प्रसून मिश्रा) की बिना शर्त माफी की पेशकश और उसकी ओर से दिए गए वचन को ध्यान में रखते हुए कि वो अपने पब्लिकेशन के होमपेज पर ही एक स्पष्टीकरण प्रकाशित करेगा कि उसके द्वारा प्रकाशित खबर फर्जी है और भविष्य में इस तरह की चूक दोबारा न हो इसके लिए अब और ज्यादा सतर्कता बरतेगा।



पाठकों में भरोसा बनाए रखने के लिए पेशेवर नैतिकता अपनाने की नसीहत



इस आधार पर ये अदालत याचिकाकर्ता को कुछ शर्तों के साथ अग्रिम जमानत दे रही है। ये कहते हुए अदालत ने इस बात पर भी जोर दिया कि मीडिया को लोकतंत्र का चौथा स्तंभ माना जाता है क्योंकि इसमें इतनी बड़ी शक्ति और जिम्मेदारी समाहित होती है कि जनता मीडिया पर अपना भरोसा और विश्वास जताती है। इसे बनाए रखने के लिए मीडिया को अपनी पेशेवर नैतिकता अपनाने और सिर्फ अपने व्यवसायिक हित को बढ़ावा देने के लिए सनसनीखेज खबरों पर ध्यान केंद्रित करने की बजाय जनहित का भी ध्यान रखने की जरूरत है। न्यायमूर्ति चंदिरा ने कहा कि अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता की आड़ में मीडिया इस तरह के बाध्यकारी कर्तव्य से नहीं बच सकता।



तमिलनाडु में DB डिजिटल के खिलाफ 2 FIR




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DB डिजिटल पर प्रवासी बिहारी श्रमिकों पर हमले की खबर




उल्लेखनीय है कि प्रसून मिश्रा ने तमिलनाडु के तिरुपुर नॉर्थ पुलिस स्टेशन और तिरुनिन्द्रावुर पुलिस स्टेशन द्वारा दैनिक भास्कर के डिजिटल पब्लिकेशन के खिलाफ दर्ज की गई 2 FIR में अग्रिम जमानत के लिए अदालत का दरवाजा खटखटाया था। ये FIR इस शिकायत के आधार पर दर्ज की गईं कि DB डिजिटल में ऐसी खबर प्रकाशित की गई जिसका उद्देश्य तमिलनाडु में काम करने वाले बिहार के प्रवासी मजदूरों में डर और चिंता पैदा करना था। ऐसी खबर राज्य में सार्वजनिक शांति के विरुद्ध लोगों को अपराध करने के लिए प्रेरित कर सकती हैं। इस आधार पर मिश्रा के खिलाफ आईपीसी की धारा 153A, 505(1)(b), 505(2) के तहत मामला दर्ज किया गया है। तिरुनिन्द्रावुर पुलिस स्टेशन में DMK पार्टी की आईटी विंग के सदस्य सूर्यप्रकाश ने FIR दर्ज कराई थी। सूर्यप्रकाश ने ट्विटर और सोशल मीडिया पर 5 मार्च 2023 को ये खबर देखी थी।



डीजीपी ने DB डिजिटल की खबरों को बताया था फर्जी




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रिपोर्टर सुनील सिंह बघेल के इनपुट के आधार पर प्रकाशित की गई थी खबर 





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आदेश के पेज नंबर 5 पर लिखा गया है कि झूठी खबर प्रसारित की





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दैनिक भास्कर का रिपोर्टर 3 दिन तमिलनाडु में रहा और खबर बनाई




तमिलनाडु पुलिस को की गई शिकायत में ये कहा गया कि पब्लिकेशन (डीबी डिजिटल) ने इस तरह की झूठी खबर पोस्ट की थी जिसमें दावा किया गया था कि तमिलनाडु में बिहारी मजदूरों को हिंदी बोलने के लिए दंडित किया गया। इस प्रयास में 12 मजदूरों को फांसी दी गई और 15 की हत्या कर दी गई। इस खबर ने राज्य की जनता के बीच डर की भावना पैदा की जबकि हकीकत में ऐसी कोई घटना नहीं हुई थी। पुलिस में दर्ज FIR में आरोपी बनाए गए प्रसून मिश्रा ने कोर्ट को बताया कि ये खबर रिपोर्टर विजय सिंह बघेल द्वारा दिए गए इनपुट के आधार पर प्रकाशित की गई थी। कोर्ट के आदेश में भी रिपोर्टर का नाम विजय सिंह बघेल ही उल्लेखित किया गया है। बघेल ने तमिलनाडु से 3 दिनों तक लगातार रिपोर्टिंग की थी और इस दौरान 4 लोगों का इंटरव्यू भी लिया था, लेकिन तमिलनाडु के डीजीपी द्वारा इन खबरों को फर्जी करार दिए जाने का सर्कुलर जारी किए जाने बाद इस खबर को हटा दिया गया था।



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प्रसून मिश्रा को इन शर्तों पर मिली जमानत




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प्रसून मिश्रा ने अदालत और तमिलनाडु के लोगों से बिना शर्त माफी मांगने की पेशकश की




प्रसून मिश्रा ने कोर्ट को बताया कि उनका तमिलनाडु में प्रवासी श्रमिकों के बीच दहशत पैदा करने या बैरभाव को बढ़ावा देने का कोई इरादा नहीं था। उन्होंने खबर में लिखे गए फैक्ट्स की सत्यता की पुष्टि किए बिना समाचार प्रकाशित करने के लिए अदालत के साथ-साथ तमिलनाडु के लोगों से बिना शर्त माफी भी मांगने की पेशकश की। उन्होंने इस बारे में कोर्ट में एक हलफनामा (एफिडेविट) भी दाखिल किया और कहा कि वे जांच में सहयोग करेंगे। उनके इस वचन पर विचार करते हुए अदालत ने उन्हें इस शर्त पर अग्रिम जमानत दे दी कि उन्हें जमानतदारों के साथ 25 हजार रुपए की राशि के 2 बॉन्ड भरने होंगे। इसके साथ ही उन्हें 1 हफ्ते की अवधि के लिए पुलिस निरीक्षक (पारंपरिक अपराध) केंद्रीय अपराध शाखा, अवाडी चेन्नई पुलिस आयुक्त को रिपोर्ट करना होगा और इसके बाद तिरुपुर पुलिस स्टेशन को। हाईकोर्ट ने ये भी निर्देश दिया कि मिश्रा जांच के दौरान फरार नहीं होंगे और यदि ऐसा है तो उनके खिलाफ एक नई FIR दर्ज की जा सकती है।


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