DAMOH. दमोह के गंगा जमना स्कूल को लेकर हर दिन नए खुलासे हो रहे हैं। यहां टीचर्स के धर्मांतरण के आरोप के बाद अब दो छात्रों का कहना है कि स्कूल में नमाज नहीं पढ़ने पर छड़ी से पीटा जाता था। स्कूल का कोई बच्चा मरता था तो टीचर बोलते थे दुआ पढ़ो ताकि वो जहन्नुम ना जाए।
बच्चों को आयतें पढ़ाईं
मिडिल स्कूल में पढ़ने वाले इन छात्रों ने बताया है कि स्कूल प्रबंधन सभी बच्चों को जबरन नमाज पढ़ाता था। जो बच्चा नमाज नहीं पढ़ता था, उसकी पिटाई की जाती थी। जिसे नमाज पढ़ना नहीं आता था उसके साथ भी यही सलूक होता था। छात्रों ने आरोप लगाया कि उन्हें हर दिन स्कूल में आयतें पढ़ाई जाती थीं।
पढ़नी होती थी शुक्रवार की नमाज और सीखाते थे उर्दू-अरबी
स्कूल कैसे चलता था और कैसी शिक्षा देता था इसका खुलासा एक छात्रा ने किया है। उसने कहा कि स्कूल में हिंदी और इंग्लिश पढ़ाने पर ज्यादा जोर नहीं था। उर्दू और अरबी जरूर पढ़ाई जाती थी। बच्चों पर घर में उर्दू और अरबी को पढ़ने का दबाव भी बनाया जाता था। एक छात्रा ने बताया कि वो घर में उर्दू पढ़ रही थी तो मां ने डांटा, जिसे उसने स्कूल में बताया, इस पर मिस ने कहा छुप कर पढ़ा करो। स्कूल की प्रार्थन में राष्ट्रगान गाते थे तो कहा जाता था कि दुआ भी पढ़ो।
धर्मांतरण पर महिला शिक्षकों ने कहा
धर्मांतरण के आरोप में घिरीं तीनों शिक्षिका अपने दस्तावेज लेकर मंगलवार को कलेक्ट्रेट पहुंचीं और धर्मांतरण के आरोपों को खारिज कर दिया। तीनों शिक्षिकाओं ने कहा, हमारे बारे में बोलने का हक किसी को नहीं है। संविधान ने हमें यह अधिकार दिया है कि हम किसी भी धर्म को मान सकते हैं।
डीईओ के चेहरे पर स्याही फेंकी
गंगा जमना स्कूल में हिजाब विवाद के बाद मंगलवार को जिला शिक्षा अधिकारी पर स्याही भी फेंकी गई। स्याही भाजपा कार्यकर्ताओं ने फेंकी थी। डीईओ पर आरोप है कि उन्होंने कुछ ही घंटों में मामले जांच कर स्कूल को क्लीन चिट दे दी थी। मामले ने तूल पकड़ा तो प्रदेश के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा और फिर सीएम शिवराज सिंह चौहान ने जांच के आदेश दिए। इस पर कलेक्टर ने जांच टीम गठित की। हिंदू लड़कियों को हिजाब पहनाने की जांच के लिए राज्य बाल आयोग के सदस्यों की टीम दमोह पहुंची। उसने स्कूल का निरीक्षण कर धर्मांतरण करने के आरोप लगाए हैं।