जम्मू कश्मीर. यहां के अलगाववादी नेता सैयद अली शाह गिलानी का 1 सितंबर की रात को निधन हो गया। आज यानी 2 सितंबर की सुबह उनका अंतिम संस्कार हैदरपोरा में हुआ। महबूबा मुफ्ती ने भी गिलानी की मौत पर शौक जताते हुए ट्वीट किया है। सुरक्षा के मद्देनजर कश्मीर घाटी में कई पाबंदियां लगाई गई हैं।
इंटरनेट सेवा हुई बंद
सैयद अली शाह गिलानी जम्मू-कश्मीर में पिछले तीन दशकों में सबसे ज्यादा समय तक अलगाववादी नेता रहे थे। उनकी मौत के बाद सुरक्षा के मद्द्नजर कश्मीर घाटी में कुछ पाबंदियां लगाई गई हैं। इसमें इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी गई हैं। इससे किसी भी तरह की अफवाह को फैलने से रोकने की कोशिश की जा रही है।
92 साल की उम्र में निधन
सैयद अली शाह गिलानी 92 वर्ष के थे। उनके परिवार की बात करें तो उनके दो बेटे और छह बेटियां हैं। उन्होंने 1968 में पहली पत्नी के निधन के बाद दूसरी शादी की थी। गिलानी पिछले करीब 20 साल से गुर्दे से जुड़ी बीमारी से पीड़ित थे।
इससे बड़ी अलगाववाद की मिसाल क्या होगी?
गिलानी के निधन पर पाकिस्तान प्रधानमंत्री इमरान खान ने भी दुख जताया और पाकिस्तान में एक दिन का राष्ट्रीय शोक घोषित किया है। इमरान ने कहा- कश्मीर की आजादी के लिए लड़ने वाले सैयद अली गिलानी की मौत की खबर जानकर बहुत दुखी हूं। वो जिंदगी भर कश्मीर के लोगों और उनके आजादी के अधिकार के लिए लड़ते रहे। उन्हें भारत सरकार से प्रताड़ना मिली, लेकिन फिर भी वे अपने इरादों पर टिके रहे।