NEW DELHI. दिल्ली हाईकोर्ट ने ब्रिटिश ब्रॉडकास्टिंग कॉर्पोरेशन (बीबीसी) को 22 मई को उसकी डॉक्यूमेंट्री 'इंडिया: द मोदी क्वेश्चन' पर नोटिस जारी किया। ये नोटिस गुजरात के एक एनजीओ द्वारा बीबीसी के खिलाफ मानहानि का केस दायर करने के बाद दिया गया है। बीबीसी ने 2 हिस्सों में बनी डॉक्यूमेंट्री को प्रसारित किया था। इसमें गुजरात दंगों पर यूके की फॉरेन मिनिस्ट्री की एक रिपोर्ट का भी जिक्र किया गया था, रिपोर्ट पब्लिश नहीं की गई थी।
डॉक्यूमेंट्री से खराब हुई छवि
अपनी अपील में गुजरा के एनजीओ ने कहा कि डॉक्यूमेंट्री ने भारत के लोगों की मानहानि की है। डॉक्यूमेंट्री में जो आरोप लगाए गए हैं वो देश, ज्यूडिशियरी और प्रधानमंत्री की छवि को खराब करते हैं। हालांकि बीबीसी का कहना है कि उसकी डॉक्यूमेंट्री बहुत अच्छी रिसर्च और उसके एडिटोरियल स्टैंडर्ड का पालन करते हुए बनाई गई है। इससे पहले भारत सरकार ने डॉक्यूमेंट्री को प्रोपोगेंडा और कॉलोनियल माइंडसेट का बता कर खारिज कर दिया था। डॉक्यूमेंट्री गुजरात के 2002 के दंगों पर आधारित है। उस समय नरेंद्र मोदी राज्य के मुख्यमंत्री थे।
मोदी को गुजरात दंगों में सुप्रीम कोर्ट से क्लीन चिट
भारत सरकार ने जनवरी में यू-ट्यूब और ट्विटर को डॉक्यूमेंट्री और उसकी कॉपी को हटाने का आदेश दिया था। सरकार ने कहा था कि देश की सुप्रीम कोर्ट ने मोदी को गुजरात दंगों में क्लीन चिट दी है और इसे सही मानने से इनकार कर दिया था। एनजीओ की ओर से हाईकोर्ट में पेश सीनियर एडवोकेट हरीश साल्वे ने कहा कि इस डॉक्यूमेंट्री से देश के कॉन्स्टीट्यूशनल सिस्टम और ज्यूडिशियरी को डीफेम किया गया है। इस मामले की सुनवाई करने वाले जस्टिस सचिन दत्ता ने कहा कि बीबीसी को हर मोड से नोटिस भेजा जाए। केस की सुनवाई अब सितंबर में होगी।
विपक्ष ने कहा था कि ये मीडिया की स्वतंत्रता पर हमला
इससे पहले फरवरी में हिंदू सेना के बीरेंद्र कुमार सिंह ने डॉक्यूमेंट्री को लेकर पीआईएल सुप्रीम कोर्ट में फाइल की थी। उस पीआईएल को सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया था। जस्टिस संजीव खन्ना और एमएम सुंदरेश की बेंच ने पिटीशन को आधारहीन करार दिया था। इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने फरवरी में बीबीसी के दफ्तरों सर्वे की कार्रवाई भी की थी, जिससे बाद में बड़ा राजनीतिक विवाद खड़ा हो गया था। विपक्ष ने इसे मीडिया की स्वतंत्रता पर हमला करार दिया था।
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सरनेम कंट्रोवर्सी : राहुल गांधी को सजा
13 अप्रैल 2019 को लोकसभा चुनाव की एक रैली में कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने मोदी सरनेम पर टिप्पणी करते हुए कहा था कि सभी चोरों के सरनेम मोदी क्यों होते हैं। उन्होंने ये कमेंट कर्नाटक के कोलार में किया था। उनके इस कमेंट के खिलाफ गुजरात के बीजेपी नेता और पूर्व मंत्री पूर्णेश मोदी ने अदालत में मानहानि का केस किया था। इस केस में राहुल गांधी को 2 साल की सजा हुई थी और उन्हें संसद की सदस्यता से अयोग्य घोषित कर दिया गया था।